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नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 25 हुई: सीआरपीएफ डीजी

सीआरपीएफ देश में नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व करता है और 10 राज्यों में करीब उसके एक लाख जवान तैनात हैं. सिंह ने बताया कि इन दोनों राज्यों के साथ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चलाए गए अभियानों में 14 माओवादी मारे गए हैं और 590 या तो पकड़े गए हैं या अभियान के दौरान आत्मसमर्पण किया है.

CRPF register major success against Naxals
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 25 हुई
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Published : Sep 22, 2022, 9:30 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक कुलदीप सिंह (CRPF Director General Kuldeep Singh) ने बुधवार को बताया कि बिहार और झारखंड के दो नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों को सुरक्षा बलों ने 'मुक्त कराकर अपने नियंत्रण' में ले लिया है. उन्होंने कहा कि देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर अब तक के सबसे कम 25 रह गई है. सिंह ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड के गढ़वा जिले स्थित 'बूढापहाड़' इलाके और बिहार के गया व औरंगाबाद जिले में फैले 'चक्रबंधा' के जंगल को सुरक्षा बलों ने अप्रैल से शुरू हुए तीन विशेष अभियानों में नक्सलियों से मुक्त करा लिया है. उन्होंने कहा कि अब ये दोनों इलाके अर्धसैनिकों के नियंत्रण में हैं.

गौरतलब है कि सीआरपीएफ देश में नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व करता है और 10 राज्यों में करीब उसके एक लाख जवान तैनात हैं. सिंह ने बताया कि इन दोनों राज्यों के साथ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चलाए गए अभियानों में 14 माओवादी मारे गए हैं और 590 या तो पकड़े गए हैं या अभियान के दौरान आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि 'बूढ़़ापहाड़' और 'चक्रबंधा' के इलाके पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है और नक्सलियों से मुक्त करा दिया गया है. सिंह ने बताया कि इन इलाकों में सुरक्षा बलों ने शिविर बनाया है और बड़ी संख्या में जवान डेरा डाले हुए हैं.

सीआरपीएफ प्रमुख ने बताया कि परसों ही हमने 'बूढ़ापहाड़' में हेलीकॉप्टर उतारा था. उन्होंने कहा कि गत सालों में इन इलाकों में कई अभियान चलाए गए थे, लेकिन नक्सलियों द्वारा उन्नत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) का इस्तेमाल कर बारूदी सुरंग बिछाए जाने की वजह से वहां पहुंचाना मुश्किल था जिससे वे अभियान सफल नहीं हुए थे. सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने कूट नाम 'ऑक्टोपस', 'डबल बुल' और 'थंडरस्ट्रॉम नाम से तीन अभियान झारखंड और बिहार के इन इलाकों में चलाए जो क्रमश: चार गुना तीन किलोमीटर और आठ गुना सात किलोमीटर के क्षेत्र में फैले थे.

सिंह ने कहा कि इन इलाकों में पूरी गति से विकास कार्य किए जा रहे हैं और राज्य सरकार के अधिकारी भी इन इलाकों में जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों पर सड़कों का निर्माण पूरी गति से हो रहा है. सीआरपीएफ प्रमुख ने कहा कि हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नक्सलियों को दोबारा इन इलाकों में पनपने का मौका नहीं मिला.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है. इसके लिए सीआपीएफ, सुरक्षा एजेंसियों व राज्य पुलिसबलों को बधाई देता हूं.

उन्होंने कहा, पहली बार बूढा पहाड़, चक्रबंधा व भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं. नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद व वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध गृह मंत्रालय की कतई सहन नहीं करने की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी.

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक कुलदीप सिंह (CRPF Director General Kuldeep Singh) ने बुधवार को बताया कि बिहार और झारखंड के दो नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों को सुरक्षा बलों ने 'मुक्त कराकर अपने नियंत्रण' में ले लिया है. उन्होंने कहा कि देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर अब तक के सबसे कम 25 रह गई है. सिंह ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड के गढ़वा जिले स्थित 'बूढापहाड़' इलाके और बिहार के गया व औरंगाबाद जिले में फैले 'चक्रबंधा' के जंगल को सुरक्षा बलों ने अप्रैल से शुरू हुए तीन विशेष अभियानों में नक्सलियों से मुक्त करा लिया है. उन्होंने कहा कि अब ये दोनों इलाके अर्धसैनिकों के नियंत्रण में हैं.

गौरतलब है कि सीआरपीएफ देश में नक्सल विरोधी अभियान का नेतृत्व करता है और 10 राज्यों में करीब उसके एक लाख जवान तैनात हैं. सिंह ने बताया कि इन दोनों राज्यों के साथ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चलाए गए अभियानों में 14 माओवादी मारे गए हैं और 590 या तो पकड़े गए हैं या अभियान के दौरान आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि 'बूढ़़ापहाड़' और 'चक्रबंधा' के इलाके पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है और नक्सलियों से मुक्त करा दिया गया है. सिंह ने बताया कि इन इलाकों में सुरक्षा बलों ने शिविर बनाया है और बड़ी संख्या में जवान डेरा डाले हुए हैं.

सीआरपीएफ प्रमुख ने बताया कि परसों ही हमने 'बूढ़ापहाड़' में हेलीकॉप्टर उतारा था. उन्होंने कहा कि गत सालों में इन इलाकों में कई अभियान चलाए गए थे, लेकिन नक्सलियों द्वारा उन्नत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) का इस्तेमाल कर बारूदी सुरंग बिछाए जाने की वजह से वहां पहुंचाना मुश्किल था जिससे वे अभियान सफल नहीं हुए थे. सिंह ने बताया कि सुरक्षा बलों ने कूट नाम 'ऑक्टोपस', 'डबल बुल' और 'थंडरस्ट्रॉम नाम से तीन अभियान झारखंड और बिहार के इन इलाकों में चलाए जो क्रमश: चार गुना तीन किलोमीटर और आठ गुना सात किलोमीटर के क्षेत्र में फैले थे.

सिंह ने कहा कि इन इलाकों में पूरी गति से विकास कार्य किए जा रहे हैं और राज्य सरकार के अधिकारी भी इन इलाकों में जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों पर सड़कों का निर्माण पूरी गति से हो रहा है. सीआरपीएफ प्रमुख ने कहा कि हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नक्सलियों को दोबारा इन इलाकों में पनपने का मौका नहीं मिला.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है. पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है. इसके लिए सीआपीएफ, सुरक्षा एजेंसियों व राज्य पुलिसबलों को बधाई देता हूं.

उन्होंने कहा, पहली बार बूढा पहाड़, चक्रबंधा व भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं. नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवाद व वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध गृह मंत्रालय की कतई सहन नहीं करने की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी.

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