अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सूदखोरों से परेशान होकर ई-रिक्शा चालक ने गुहार लगाई है. पीड़ित गुरुवार को शहर के गांधी पार्क चौराहे पर अपनी पत्नी और बेटा-बेटी के साथ गले में तख्ती लटका कर बैठ गया. जिस पर लिखा है कि "मुझे बेटा बेचना बेचना है, मेरा बेटा बिकाऊ है". सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित परिवार को थाने लेकर पहुंच गई. पुलिस ने दोनों पक्षों से मिलकर मामले का सुलह करा दिया है.
पूरा मामला शहर के गांधी पार्क थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांधी पार्क चौराहे का है. यहां गुरुवार की देर शाम सड़क किनारे गांधी पार्क के पास एक ई-रिक्शा चालक राजकुमार अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ न्याय मांगने के लिए बैठ गया. जहां गले में तख्ती पर लिखा है कि "मुझे बेटा बेचना बेचना है, मेरा बेटा बिकाऊ है. इस दौरान वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोगों ने पीड़ित को काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन गले में तख्ती और पास में मटका रखे युवक अपने बेटे को बेचने के लिए लोगों से कहता रहा.
पीड़ित राजकुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वह ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है. वह कर्ज से परेशान हो गया है. इस वजह से दबंगों ने उसे परिवार के साथ मार पीटकर घर से बाहर निकाल दिया है. साथ ही उसके ई-रिक्शे को भी दबंगों ने ले लिया है. वह न्याय के लिए कई दिनों से महुआ खेड़ा थाने का चक्कर लगा रहा है. न्याय न मिलने पर वह परेशान हो गया है. इसलिए वह मजबूरी में अपने बेटे को बेचना चाह रहा है. उनका बेटा 11 साल का है. वह लोगों से न्याय मांग रहा है कि उसके 11 साल के बेटे को कोई बिकवा दे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित को थाने लेकर पहुंच गई. जहां न्याय का भरोसा देकर घर वापस भेज दिया. इसके साथ ही मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
इस पूरे मामले में सीओ विशाल चौधरी ने कहा कि थाना महुआ खेड़ा के अंतर्गत एक पिता द्वारा अपने पुत्र को बेचने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई थी. मामले की जांच करने पर पता चला कि दो पक्षों के बीच पैसों को लेकर आपसी विवाद था. विवाद को थाना स्तर पर सुलझा दिया गया है. दोनों पक्षों के बीच में आपस में सहमति बन गई है. इसके साथ ही मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
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