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वयस्क शिक्षा : सब्जी बेचने वालों को शिक्षित करने के लिए तेलंगाना में हो रहा रचनात्मक प्रयोग

बेहतर जीवन की परिकल्पना के लिए सबसे जरूरी चीज शिक्षा और सूचनाओं से खुद को अपडेट रखना जरूरी है. हर कोई चाहता है कि वह अच्छी तरह से पढ़ाई करें और इसके परिणामस्वरूप अच्छा जीवनयापन करें. एक ओर जहां साधन संपन्न लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लेते हैं, तो दूसरी ओर कुछ लोगों के पास सपने पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं होते. सीमित साधनों के बावजूद कई लोगों को शिक्षा जैसी जरूरी चीज त्यागने को मजबूर होना पड़ता है. गरीबी और पारिवारिक पृष्ठभूमि इसके प्रमुख कारण हैं. साक्षरता के महत्व को स्वीकार करते हुए तेलंगाना के प्रेरणा फाउंडेशन ने प्रौढ़ शिक्षा का कार्यक्रम शुरू किया है.

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Published : Mar 18, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Mar 18, 2022, 6:18 PM IST

adult education
वयस्क शिक्षा

हैदराबाद : अडल्ट एजुकेशन यानी प्रौढ़ शिक्षा बदलते दौर के साथ काफी प्रासंगिक होती जा रही है. शिक्षा हासिल करने के उम्र में कई कारणों से पढ़ाई से वंचित रह गए लोगों के लिए तेलंगाना का प्रेरणा फाउंडेशन प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम ला रहा है. इसका उदाहरण हनुमाकोंडा के बालसमुद्रम का सब्जी बाजार है. यहां के सब्जी विक्रेता दोपहर बाद किताबों में व्यस्त हो जाते हैं. यहां तक ​​​​कि 60 साल की उम्र के लोगों को भी वर्णमाला पढ़ते देखा जा सकता है. बड़ी उम्र होने के बावजूद ये लोग बेहिचक बुनियादी शिक्षा हासिल कर रहे हैं. प्रेरणा फाउंडेशन द्वारा बाजार-विद्यालय की पहल अंगदी बड़ी ने शुरू की है. सब्जी बाजार में आने वाले विक्रेता तीन महीने से मूल वर्णमाला सीख रहे हैं.

सब्जी बेचने वालों को शिक्षित करने का प्रयास

कोई बोर्ड या डेस्क नहीं
फाउंडेशन ने हनुमाकोंडा के प्रकाशरेड्डीपेट क्षेत्र के वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक अस्थायी स्कूल की स्थापना की. उन्होंने पढ़ाने के साथ-साथ यहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की. आयोजकों ने सब्जी मंडी में स्कूल खोलकर प्रौढ़ शिक्षा पर फोकस किया है. हालांकि, इस स्कूल में कोई डेस्क, कुर्सी या ब्लैकबोर्ड नहीं हैं.

दिन में दो घंटे
बाजार में 70 प्रतिशत तक विक्रेता महिलाएं हैं. उनमें से अधिकांश निरक्षर हैं. फाउंडेशन दोपहर तीन से पांच बजे तक कक्षाएं संचालित कर रहा है. वे छात्रों को पेंसिल, चॉक, किताबें और कलम प्रदान करते हैं. साथी साक्षर विक्रेता उन्हें मूल बातें समझने में मदद कर रहे हैं.

पढ़ाई की इच्छा
एक विक्रेता यमुना ने कहा, वे आते हैं और हमें दोपहर में पढ़ाते हैं. चूंकि उस दौरान हमारे पास ज्यादा ग्राहक नहीं होते, इसलिए हम अध्ययन करने में सक्षम हैं. अब हम स्पष्ट रूप से बोलना जानते हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं. एक और विक्रेता सुभद्रा ने कहा, सर यहां दिन में दो घंटे रहेंगे. वह हमें अक्षर सिखाते हैं. अब हम पढ़ और लिख सकते हैं.

सब्जी बेचते समय
एक अन्य 65 वर्षीय बुचम्मा निरक्षर हैं. दोपहर की कक्षाओं के लिए धन्यवाद, वह अब अपना नाम लिख सकती है. नौवीं कक्षा की छात्रा काव्या, साथी विक्रेता ललितम्मा को पढ़ने-लिखने में मदद कर रही है. महिलाएं वेमना और सुमति सतकम की कविताओं का पाठ भी कर रही हैं.

सभी के लिए शिक्षा
प्रेरणा फाउंडेशन के संस्थापक उपेंद्र रेड्डी का कहना है कि हम विभिन्न व्यवसायों में कार्यरत लोगों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और परिवार के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रेरणा फाउंडेशन के माध्यम से इस सामुदायिक शिक्षा कार्यक्रम को चला रहे हैं. इस पहल के लिए हमें यहां बाजार प्रांगण में अच्छी प्रतिक्रिया मिली. हम उन्हें पढ़ने और लिखने के लिए स्टेशनरी प्रदान करते हैं. हमारा मकसद सभी को शिक्षित करना है.

महिलाओं को कहानी की किताबें और उपन्यास देकर फाउंडेशन शिक्षा के प्रति उनकी रुचि को जगाने में सक्षम रहा है. इतना कि महिलाएं किताबों को पढ़कर जल्दी से जल्दी खत्म करती हैं. वे दूसरी किताबें भी मांगती हैं. यह निश्चित रूप से प्रौढ़ शिक्षा के लिए एक अच्छी शुरुआत है.

हैदराबाद : अडल्ट एजुकेशन यानी प्रौढ़ शिक्षा बदलते दौर के साथ काफी प्रासंगिक होती जा रही है. शिक्षा हासिल करने के उम्र में कई कारणों से पढ़ाई से वंचित रह गए लोगों के लिए तेलंगाना का प्रेरणा फाउंडेशन प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम ला रहा है. इसका उदाहरण हनुमाकोंडा के बालसमुद्रम का सब्जी बाजार है. यहां के सब्जी विक्रेता दोपहर बाद किताबों में व्यस्त हो जाते हैं. यहां तक ​​​​कि 60 साल की उम्र के लोगों को भी वर्णमाला पढ़ते देखा जा सकता है. बड़ी उम्र होने के बावजूद ये लोग बेहिचक बुनियादी शिक्षा हासिल कर रहे हैं. प्रेरणा फाउंडेशन द्वारा बाजार-विद्यालय की पहल अंगदी बड़ी ने शुरू की है. सब्जी बाजार में आने वाले विक्रेता तीन महीने से मूल वर्णमाला सीख रहे हैं.

सब्जी बेचने वालों को शिक्षित करने का प्रयास

कोई बोर्ड या डेस्क नहीं
फाउंडेशन ने हनुमाकोंडा के प्रकाशरेड्डीपेट क्षेत्र के वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक अस्थायी स्कूल की स्थापना की. उन्होंने पढ़ाने के साथ-साथ यहां आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की. आयोजकों ने सब्जी मंडी में स्कूल खोलकर प्रौढ़ शिक्षा पर फोकस किया है. हालांकि, इस स्कूल में कोई डेस्क, कुर्सी या ब्लैकबोर्ड नहीं हैं.

दिन में दो घंटे
बाजार में 70 प्रतिशत तक विक्रेता महिलाएं हैं. उनमें से अधिकांश निरक्षर हैं. फाउंडेशन दोपहर तीन से पांच बजे तक कक्षाएं संचालित कर रहा है. वे छात्रों को पेंसिल, चॉक, किताबें और कलम प्रदान करते हैं. साथी साक्षर विक्रेता उन्हें मूल बातें समझने में मदद कर रहे हैं.

पढ़ाई की इच्छा
एक विक्रेता यमुना ने कहा, वे आते हैं और हमें दोपहर में पढ़ाते हैं. चूंकि उस दौरान हमारे पास ज्यादा ग्राहक नहीं होते, इसलिए हम अध्ययन करने में सक्षम हैं. अब हम स्पष्ट रूप से बोलना जानते हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं. एक और विक्रेता सुभद्रा ने कहा, सर यहां दिन में दो घंटे रहेंगे. वह हमें अक्षर सिखाते हैं. अब हम पढ़ और लिख सकते हैं.

सब्जी बेचते समय
एक अन्य 65 वर्षीय बुचम्मा निरक्षर हैं. दोपहर की कक्षाओं के लिए धन्यवाद, वह अब अपना नाम लिख सकती है. नौवीं कक्षा की छात्रा काव्या, साथी विक्रेता ललितम्मा को पढ़ने-लिखने में मदद कर रही है. महिलाएं वेमना और सुमति सतकम की कविताओं का पाठ भी कर रही हैं.

सभी के लिए शिक्षा
प्रेरणा फाउंडेशन के संस्थापक उपेंद्र रेड्डी का कहना है कि हम विभिन्न व्यवसायों में कार्यरत लोगों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और परिवार के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रेरणा फाउंडेशन के माध्यम से इस सामुदायिक शिक्षा कार्यक्रम को चला रहे हैं. इस पहल के लिए हमें यहां बाजार प्रांगण में अच्छी प्रतिक्रिया मिली. हम उन्हें पढ़ने और लिखने के लिए स्टेशनरी प्रदान करते हैं. हमारा मकसद सभी को शिक्षित करना है.

महिलाओं को कहानी की किताबें और उपन्यास देकर फाउंडेशन शिक्षा के प्रति उनकी रुचि को जगाने में सक्षम रहा है. इतना कि महिलाएं किताबों को पढ़कर जल्दी से जल्दी खत्म करती हैं. वे दूसरी किताबें भी मांगती हैं. यह निश्चित रूप से प्रौढ़ शिक्षा के लिए एक अच्छी शुरुआत है.

Last Updated : Mar 18, 2022, 6:18 PM IST
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