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ICMR के वैज्ञानिक की भविष्यवाणी,'जल्द पेंडेमिक से एंडेमिक अवस्था में पहुंचेगा कोरोना वायरस'...जानें और क्या कहा ?

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका से जहां लोगों में डर है, वहीं केंद्र और राज्य सरकारें भी समय रहते बचाव के उपाय कर रही हैं. इन सबके बीच, ICMR की ओर से शुक्रवार को कोविड-19 की स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई.

Indian Council of Medical Research, covid-19 vaccine
आईसीएमआर
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Published : Jul 9, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Jul 9, 2021, 7:38 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के एक वैज्ञानिक ने शुक्रवार को कोरोना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी. डॉ समीरन पांडा कहा ने कि कोविड-19 वायरस (COVID-19 Virus) कुछ समय के बाद इन्फ्लूएंजा की तरह अपनी स्थानिक अवस्था (Covid-19 Virus Endemic Stage) में पहुंच जाएगा.

एक वेबिनार में भाग लेते हुए आईसीएमआर (ISMR) के महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग के हेड डॉ समीरन पांडा ने कहा कि सभी वायरस के लिए उत्परिवर्तन सामान्य होता है, जब वे बढ़ते हैं. ऐसे में कोरोना का वायरस कुछ समय बाद इन्फ्लूएंजा की तरह ही अपने स्थानिक स्तर पर पहुंच जाएगा. हालांकि, पूरी तरह से खात्मा नहीं होने की वजह से हर साल वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी.

स्तनपान कराने वाली महिलाएं जरूर लगवाएं टीका

स्तनपान कराने वाली माताओं (Lactating Mothers) को कोरोना का टीका लगवाने को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं (Corona Vaccination For lactating Mothers) को बिना किसी झिझक के कोविड-19 का टीका (Vovid-19 Vaccine) लगवाना चाहिए. इसका फायदा ये होगा कि टीकाकरण के परिणामस्वरूप मां में विकसित होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में स्थानांतरित हो जाएगी, जो बच्चे के लिए सहायक होगा.

पढ़ें:बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन प्रभावी : आईसीएमआर

कोरोना के टीके सभी वेरिएंट पर प्रभावी

आईसीएमआर के प्रयोगों में साबित हो चुका है कि टीकों के प्रभाव को लेकर शंका समाधान करते हुए डॉ पांडा ने कहा कि देश में उपलब्ध टीके कोरोना के नए रूपों के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी हैं. हालांकि, कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट के लिए प्रभाव भिन्न हो सकते हैं. कहा कि इन्फ्लुएंजा (Influenza) जिसे आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है, 100 साल पहले एक महामारी थी, लेकिन आज यह स्थानिक अवस्था में है.

ऐसे रोगी भी लगवा सकते हैं टीका

इसी तरह, कोरोना के मामले में भी उम्मीद की जा सकती है कि यह महामारी होने की अपनी वर्तमान स्थिति से अब धीरे-धीरे स्थानिक अवस्था में जाएगी. डॉ पांडा ने आगे कहा कि अस्थमा, धूल से एलर्जी, परागकणों से एलर्जी आदि सामान्य एलर्जी से प्रभावित होने वाले लोगों को डरने की जरूरत नहीं और ये लोग भी वैक्सीन ले सकते हैं. सह-रुग्णता (Comorbidity) यानी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों (Diabetes, High blood pressure Disease) वाले रोगी स्थिर होने पर टीका ले सकते हैं. हालांकि टीके की डोज तभी लें, जब बीमारी कंट्रोल में हो.

जानें इन्फ्लूएंजा महामारी के बारे में

इन्फ्लुएंजा एक संक्रामक रोग है, जिसे आमतौर पर बुखार, मांसपेशी में दर्द, गले का खराश, थकावट के रूप में लक्षित होता है. यह आमतौर पर एक या दो प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरस द्वारा होता है. इन्फ्लुएंजा-ए और इन्फ्लुएंजा-बी (इन्फ्लुएंजा-सी के कारण युवाओं में ऊपरी श्वसन नली का संक्रमण होता है, लेकिन यह अन्य दो प्रकारों की तरह आम नहीं है) इन्फ्लुएंजा से ग्रसित ज्यादातर लोग कई दिनों तक बीमार महसूस करते हैं और फिर ठीक हो जाते हैं. कुछ स्थितियों में, इन्फ्लुएंजा के कारण न्युमोनिया हो सकता है, अन्य जटिलताएं और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है.

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के एक वैज्ञानिक ने शुक्रवार को कोरोना को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी. डॉ समीरन पांडा कहा ने कि कोविड-19 वायरस (COVID-19 Virus) कुछ समय के बाद इन्फ्लूएंजा की तरह अपनी स्थानिक अवस्था (Covid-19 Virus Endemic Stage) में पहुंच जाएगा.

एक वेबिनार में भाग लेते हुए आईसीएमआर (ISMR) के महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग के हेड डॉ समीरन पांडा ने कहा कि सभी वायरस के लिए उत्परिवर्तन सामान्य होता है, जब वे बढ़ते हैं. ऐसे में कोरोना का वायरस कुछ समय बाद इन्फ्लूएंजा की तरह ही अपने स्थानिक स्तर पर पहुंच जाएगा. हालांकि, पूरी तरह से खात्मा नहीं होने की वजह से हर साल वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी.

स्तनपान कराने वाली महिलाएं जरूर लगवाएं टीका

स्तनपान कराने वाली माताओं (Lactating Mothers) को कोरोना का टीका लगवाने को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं (Corona Vaccination For lactating Mothers) को बिना किसी झिझक के कोविड-19 का टीका (Vovid-19 Vaccine) लगवाना चाहिए. इसका फायदा ये होगा कि टीकाकरण के परिणामस्वरूप मां में विकसित होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में स्थानांतरित हो जाएगी, जो बच्चे के लिए सहायक होगा.

पढ़ें:बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन प्रभावी : आईसीएमआर

कोरोना के टीके सभी वेरिएंट पर प्रभावी

आईसीएमआर के प्रयोगों में साबित हो चुका है कि टीकों के प्रभाव को लेकर शंका समाधान करते हुए डॉ पांडा ने कहा कि देश में उपलब्ध टीके कोरोना के नए रूपों के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी हैं. हालांकि, कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट के लिए प्रभाव भिन्न हो सकते हैं. कहा कि इन्फ्लुएंजा (Influenza) जिसे आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है, 100 साल पहले एक महामारी थी, लेकिन आज यह स्थानिक अवस्था में है.

ऐसे रोगी भी लगवा सकते हैं टीका

इसी तरह, कोरोना के मामले में भी उम्मीद की जा सकती है कि यह महामारी होने की अपनी वर्तमान स्थिति से अब धीरे-धीरे स्थानिक अवस्था में जाएगी. डॉ पांडा ने आगे कहा कि अस्थमा, धूल से एलर्जी, परागकणों से एलर्जी आदि सामान्य एलर्जी से प्रभावित होने वाले लोगों को डरने की जरूरत नहीं और ये लोग भी वैक्सीन ले सकते हैं. सह-रुग्णता (Comorbidity) यानी, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों (Diabetes, High blood pressure Disease) वाले रोगी स्थिर होने पर टीका ले सकते हैं. हालांकि टीके की डोज तभी लें, जब बीमारी कंट्रोल में हो.

जानें इन्फ्लूएंजा महामारी के बारे में

इन्फ्लुएंजा एक संक्रामक रोग है, जिसे आमतौर पर बुखार, मांसपेशी में दर्द, गले का खराश, थकावट के रूप में लक्षित होता है. यह आमतौर पर एक या दो प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरस द्वारा होता है. इन्फ्लुएंजा-ए और इन्फ्लुएंजा-बी (इन्फ्लुएंजा-सी के कारण युवाओं में ऊपरी श्वसन नली का संक्रमण होता है, लेकिन यह अन्य दो प्रकारों की तरह आम नहीं है) इन्फ्लुएंजा से ग्रसित ज्यादातर लोग कई दिनों तक बीमार महसूस करते हैं और फिर ठीक हो जाते हैं. कुछ स्थितियों में, इन्फ्लुएंजा के कारण न्युमोनिया हो सकता है, अन्य जटिलताएं और यहां तक की मृत्यु भी हो सकती है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 7:38 PM IST
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