नई दिल्ली: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस पुरी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ने शहरों और मानव बस्तियों में बढ़ती असमानताओं, कमजोरियों और चुनौतियों को उजागर किया है. पुरी ने यहां नई दिल्ली में विश्व पर्यावास दिवस 2022 (World Habitat Day 2022) पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
पुरी ने कहा कि 'यह (महामारी) राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की केंद्रीय प्रतिज्ञा को प्राप्त करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है, 'किसी को भी पीछे न छोड़ें', भारत में यह प्रयास 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के रूप में सामने आया है.'
पुरी ने कहा कि 'विश्व पर्यावास दिवस 2022 का विषय 'अंत्योदय से सर्वोदय', गांधीवादी दर्शन के साथ गहराई से जुड़ाव दर्शाता है. पुरी ने कहा कि समावेशी और समान विकास के प्रति सरकार का संकल्प इसके प्रमुख शहरी मिशनों और पहलों में प्रदर्शित होता है. भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), पीएम स्वानिधि योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं की परिकल्पना की गई है. कमजोर और हाशिए के वर्गों पर ध्यान केंद्रित करना है.
पुरी ने कहा कि इस वर्ष के विश्व पर्यावास दिवस की थीम हमें इन विषयों पर आगे चर्चा करने और नवाचारों की अवधारणा करने का अवसर प्रदान करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 'कोई भी और कोई जगह पीछे न छूटे.'
उन्होंने कहा कि 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि महामारी, जलवायु परिवर्तन की तरह, भारत के शहरी क्षेत्रों को स्थायी रूप से बदलने जा रही है. ऐतिहासिक रूप से, ऐसे झटकों से शहरी परिदृश्य में स्थायी परिवर्तन हुए हैं. मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए शहरी कायाकल्प के तहत, भारत के आत्मनिर्भर और उत्पादक शहर जल्द ही सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की अलख जगाएंगे, जो भारत अपने नागरिकों के लिए चाहता है.'
संयुक्त राष्ट्र ने हर साल अक्टूबर के पहले सोमवार को विश्व पर्यावास दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है, ताकि हमारे आवासों की स्थिति और सभी के पर्याप्त आश्रय के मूल अधिकार पर विचार किया जा सके. इस दिवस का उद्देश्य दुनिया को यह याद दिलाना है कि हम सभी के पास अपने शहरों और कस्बों के भविष्य को आकार देने की शक्ति और जिम्मेदारी है.
2022 में वर्ल्ड हैबिटेट डे की थीम 'माइंड द गैप. लीव नो वन एंड प्लेस बिहाइंड' है, जो शहरों और मानव बस्तियों में बढ़ती असमानता और चुनौतियों की समस्या को दर्शाती है. विश्व पर्यावास दिवस 2022 बढ़ती असमानताओं और कमजोरियों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता है जो ट्रिपल 'सी' संकट कोविड- 19, जलवायु और संघर्ष हैं.
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