नई दिल्ली : कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट (Coronavirus omicron Variant) पर आज लोक सभा में चर्चा (omicron lok sabha discussion) कराई जाएगी. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि लोक सभा में ओमीक्रॉन वेरिएंट पर चर्चा नियम 193 के तहत कराई जाएगी. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि नया कोविड-19 स्वरूप ओमीक्रोन विश्व स्तर पर बहुत अधिक खतरनाक है.
कोरोना और उसके नए वेरिएंट ओमीक्रॉन पर आज लोक सभा में चर्चा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक अगर बुधवार को लोक सभा का कामकाज सुचारू ढंग से चला तो सदन में नियम 193 के तहत कोरोना और उसके नए वेरिएंट पर चर्चा होगी.
मंगलवार को विपक्षी दलों के हंगामे के बीच ही केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 को लोकसभा में पेश कर दिया. बुधवार को सरकार इस विधेयक पर लोक सभा में चर्चा करवा कर पारित भी करवाना चाहती है.
हालांकि , सोमवार और मंगलवार को सदन के हालात देखकर यह कहना अभी मुश्किल है कि बुधवार को भी सदन का कामकाज सुचारू ढंग से चल पाएगा या नहीं क्योंकि राज्य सभा सांसदों के निलंबन के मसले पर तकरार अभी जारी है और दोनों ही पक्ष अपने-अपने रूख पर डटे हुए हैं। इसके अलावा टीआरएस सांसद भी धान खरीद के मसले को लगातार उठा रहे हैं.
दरअसल , मंगलवार को विपक्ष के हंगामे की वजह से लोक सभा का कामकाज सुचारू ढंग से नहीं हो पाया और इसे बुधवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित पड़ा। हालांकि इससे पहले लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाकर सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने को लेकर बातचीत भी की. उस बैठक में ज्यादातर राजनीतिक दल सदन चलाने को लेकर सहमत भी हो गए.
लेकिन 3 बजे फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होते ही टीआरएस सांसदों ने धान खरीद के मुद्दे पर हंगामा करना शुरू कर दिया और इसकी वजह से लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
ओमीक्रोन स्ट्रेन से खतरे पर डब्लूएचओ ने कहा है कि ओमीक्रोन कितना संक्रामक और खतरनाक (Strain Contagious and Dangerous है, इसके बारे में अनिश्चितता बनी हुई है. डब्ल्यूएचओ ने एक तकनीकी नोट में कहा कि अगर ओमीक्रोन द्वारा कोविड -19 में बड़ा उछाल होता है, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इससे कोई मौत नहीं हुई है.
गौरतलब है कि गत 28 नवंबर को कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट (New coronavirus variant omicron) के संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई थी. बैठक में कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट (omicron variant) से निपटने के निवारक उपायों को मजबूत करने पर चर्चा की गई. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण, निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा करेगी.
28 नवंबर की बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने कहा था कि विशेष रूप से 'जोखिम में' श्रेणी के रूप में पहचाने जाने वाले देशों से आने वाले लोगों की निगरानी की जाएगी. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि COVID के ओमीक्रोन वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को मजबूत और तेज किया जाएगा.
इससे पहले 27 नवंबर को पीएम मोदी ने भी ओमीक्रोन वेरिएंट पर उच्चस्तरीय बैठक की थी. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप- ओमीक्रोन वेरिएंट का पहली बार पता चला था. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय विमानों की निगरानी करने के साथ ही जोखिम वाले देशों से आने वाले लोगों की, दिश-निर्देशों के अनुरूप जांच की जानी चाहिए.
ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने की जरूरत पर बल दिया था. देश में कोविड-19 की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी.
लगभग दो घंटे चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को कोराना वायरस के नए स्वरूप 'ओमीक्रोन' के पाए जाने से पैदा हुई चिंताओं और विभिन्न देशों में इसके प्रभावों से अवगत कराया. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने प्रोएक्टिव रहने व बचाव के उपायों का पालन करने के साथ ही सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी करने की भी आवश्यकता जताई.
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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोविड के ओमीक्रोन वेरिएंट पर कहा था कि ओमीक्रोन स्वरूप (corona virus new variant omicron) के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है. स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति पोषक कोशिका में वायरस के प्रवेश को आसान बनाती है और इसे फैलने देने और संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है.
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डॉ रणदीप गुलेरिया (AIIMS chief Dr Randeep Guelria) ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए ओमीक्रोन स्वरूप (corona virus new variant omicron) के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं (mutations in the spike protein region) जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने (potential to develop a immunoescape mechanism) में मदद कर सकता है और इसलिए इसके खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता (efficacy of vaccines) का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है.