नई दिल्ली : कोरोना टीके के बूस्टर खुराक की आवश्यकता पर एम्स के डॉक्टर नवीत विग (Dr Naveet Wig AIIMS Delhi) ने कहा है कि आयु समूहों और विभिन्न रोगियों के आधार पर इसकी जरूरत पड़ सकती है.
एम्स दिल्ली में कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ नवीत विग ने कहा कि बूस्टर खुराक की जरूरत पर तत्काल अध्ययन की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि इज़राइल में, बूस्टर खुराक के बाद टीके की प्रभावशीलता 40% से बढ़कर 93% हो गई है.
डॉ नवीत विग ने कहा कि एंटीबॉडी के साथ कम न्यूट्रलाइजेशन के साथ नया संस्करण अधिक प्रभावी और पारगम्य माना जाता है, इसलिए हमें यह समझना होगा कि नए वेरिएंट आते रहेंगे. उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण है.
हालांकि भारत सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS CoV-2 Genomics Consortium ) कोविड-19 के नये स्वरूप बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रख रहा है. दक्षिण अफ्रीका में सामने आये नए स्वरूप में स्पाइक म्यूटेशन ( Spike mutation in new variant) की अधिक मात्रा होने की आशंका है.
ये भी पढ़ें - कोविड-19 के नये स्वरूप पर बारीकी से नजर रख रहा है INSACOG : अधिकारी
दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इसके 22 मामलों की पुष्टि की है. इस घटनाक्रम पर आईएनएसएसीओजी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि कंसोर्टियम स्वरूप बी.1.1.1.529 नामक कोविड-19 के नए स्वरूप पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में अभी तक इसकी उपस्थिति का पता नहीं चला है.
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आईएनएसएसीओजी इस प्रकार की मौजदूगी की जांच करने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सकारात्मक नमूनों के जीनोम विश्लेषण के परिणामों में तेजी लाने के लिए स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है. इस मामले पर समीक्षा बैठक भी होने की बात सामने आई है.
एक सूत्र ने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूने (Samples of international travelers) हमेशा की तरह एकत्र किए जा रहे हैं और सकारात्मक नमूनों को विशेष रूप से प्राथमिकता के आधार पर बी 1.1.529 के जांच के लिए देखा जाएगा.
(एजेसियां)