नई दिल्ली : भारत सरकार ने जानकारी दी कि 16 जनवरी 2021 से कोविड-19 के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत होगी. टीकाकरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी. इनकी संख्या करीब तीन करोड़ है. इसके बाद 50 वर्ष से ज्यादा और उससे कम उम्र के उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इनकी संख्या करीब 27 करोड़ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 टीकाकरण के लिए राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की थी.
टीकाकरण के लिए सभी राज्यों की सरकारों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसके लिए दो बार देशव्यापी अभ्यास भी किया गया है. कोवीशील्ड और कोवैक्सी को उत्पादन केंद्र से लेकर टीकाकरण बूथ तक पहुंचानें की व्यवस्था निर्धारित कर दी गई है.
वैक्सीन को इंसुलेटेड वैन के जरिए उत्पादन केंद्र से एयरपोर्ट तक पहुंचाया जाएगा. वहां से उन्हें करनाल (उत्तर के लिए), मुंबई (पश्चिम), चेन्नई (दक्षिण) और कोलकाता (पूर्व) सहित चार क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर तक पहुंचाया जाएगा. इन चारों प्राथमिक वैक्सीन डिपो से वैक्सीन को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बने स्टोर तक पहुंचाया जाएगा.
37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 29 हजार कोल्ड चेन केंद्र हैं. यहां से टीकों को टीकाकरण बूथ पर ले जाया जाएगा. भारत का लक्ष्य पहले चरण में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करना है, जो करीब छह माह में पूरा होगा. टीकाकरण निर्माताओं द्वारा टीकों की उपलब्धता पर भी निर्भर करता है.
कोल्ड चेन में डीप फ्रीजर होगा. यहां पर टीके को 2-8 डीग्री सेंटीग्रेड पर रखा जाएगा. टीकाकरण शुरू होने से एक दिन पहले, वैक्सीन को उसके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा.