नई दिल्ली : भारत और यूरोपीय संघ के बीच गहरे संबंधों की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग लगातार जारी है. 100 ऑक्सीजन सांद्रता की खेप पोलैंड से आई है. इस समर्थन के लिए हमारे यूरोपीय संघ के साथी का धन्यवाद करते हैं.
इस बीच स्विट्जरलैंड से 600 ऑक्सीजन सांद्रता, 50 वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप शुक्रवार सुबह नई दिल्ली पहुंची. स्विट्जरलैंड द्वारा भेजी जाने वाली आपूर्ति भारतीय रेड क्रॉस द्वारा प्राप्त की जाएगी. विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि हमारी करीबी दोस्ती व्यापक और लंबी दूरी तक जाने वाली है. 600 ऑक्सीजन सांद्रता, 50 वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की खेप के लिए स्विट्जरलैंड का आभार.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐतिहासिक संबंधों और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को आगे ले जाना है. 53 वेंटिलेटरों की शिपमेंट के लिए हमारे मित्र डेनमार्क को धन्यवाद. इससे पहले जर्मनी भारत को 120 वेंटिलेटर भेज चुका है. गुरुवार को बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन पैदा करने वाला संयंत्र नई दिल्ली में प्रतिदिन 4 लाख लीटर ऑक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता रखता है को दो हिस्सों में भेजा गया था.
वहीं आयरलैंड जैसा देश भी भारत को फिर से कोरोना वायरस संकट से लड़ने में मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. आयरलैंड ने भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सांद्रता, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान किए हैं.
4 मई को आयरलैंड से दूसरा शिपमेंट 2 ऑक्सीजन जनरेटर, 548 ऑक्सीजन सांद्रता, 365 वेंटिलेटर लेकर नई दिल्ली पहुंचा. भारत में 29 अप्रैल को उछाल के साथ 700 ऑक्सीजन सांद्रक, 365 वेंटिलेटर की पहली खेप 29 अप्रैल को भारत में उतरी. पिछले कुछ हफ्तों से भारत जीवनदायिनी ऑक्सीजन, वैक्सीन और अन्य कोविड की कमी से जूझ रहा है.
देश इस समय सबसे विकट स्थिति में है क्योंकि महामारी की दूसरी लहर ने देश पर कड़ा प्रहार किया है जिससे अब तक लाखों लोगों की जान चली गई है. दुनिया भर के देशों ने कोविड -19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत का समर्थन किया है.
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस जैसी प्रमुख शक्तियों से लेकर यूरोपीय संघ के साझीदार भारत के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं और देश की सिकुड़ती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बेहतर करने में मदद कर रहे है. महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ अपनी भयानक लड़ाई में भारत की सहायता के लिए 40 से अधिक देश आगे आए हैं.