नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जजों को कोरोना वैक्सीन का विकल्प देने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया है. मंत्रालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज कोवैक्सीन और कोविशिल्ड के बीच चयन नहीं कर सकते हैं. उन्हें इसकी अनुमति नहीं है. यह पूरी तरह से को-विन सिस्टम पर आधारित होगा.
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि प्ले स्टोर पर उपलब्ध कोविन ऐप सिर्फ प्रशासकों के इस्तेमाल के लिए है और कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा.
ज्ञात हो कि वरिष्ठ नागरिकों व अन्य रोगों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए आज से देशव्यापी टीकाकरण अभियान आरंभ हो गया. पंजीकरण में लोगों को हो रही परेशानियों के बाद मंत्रालय की ओर से यह स्पष्टीकरण आया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, 'कोविड-19 टीकाकरण के लिए केवल कोविन पोर्टल के माध्यम से ही पंजीकरण कराया जा सकता है. लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए कोई कोविन ऐप नहीं है. प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप केवल प्रशासकों के लिए है.'
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की थी कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए एक मार्च से टीकाकरण अभियान आरंभ किया जाएगा.
नागरिक किसी भी समय और कहीं भी टीकाकरण के लिए पंजीकरण और बुकिंग को-विन 2.0 पोर्टल का उपयोग करके या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आईटी एप्लीकेशन के माध्यम से कर सकेंगे.
मंत्रालय ने कहा कि एक मार्च को कोविन वेबसाइट पर पंजीकरण सुबह 9 बजे शुरू होगा.
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ऐसे सभी नागरिक जो वृद्ध हैं, या 1 जनवरी 2022 को 60 वर्ष या उससे अधिक की आयु के होंगे तथा ऐसे नागरिक जो 1 जनवरी 2022, को 45 से 59 वर्ष की आयु के होंगे और निर्दिष्ट 20 बीमारियों में से किसी भी एक बीमारी से पीड़ित हैं, वे पंजीकरण के लिए पात्र हैं.
पात्र व्यक्ति चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से अपने मोबाइल नंबर के जरिए कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं.