हैदराबाद: भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा निर्मित कोरोना रोधी टीका कोवैक्सिन दो से 18 साल तक के बच्चों व किशोरों के लिए सुरक्षित व कारगर पाया गया है. कंपनी ने शुक्रवार को दावा किया कि उसकी कोविड वैक्सीन दूसरे व तीसरे चरण के अध्ययन में बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने वाली साबित हुई है.
कोवैक्सिन का बड़े पैमाने पर अध्ययन और प्रकाशन किया गया है. यह पारदर्शिता के साथ बहुत उच्च स्तर का डेटा प्रदर्शित करता है. भारत में बच्चों को दी गई 50 मिलियन से अधिक खुराक के डेटा से पता चलता है कि इसका दुष्प्रभाव कम से कम है. वयस्कों और बच्चों दोनों में कोवैक्सिन की सुरक्षा कवच अब प्रमाणिक गया है. भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने शुक्रवार को घोषणा की है अध्ययन के दूसरे और तीसरे चरण में पाया गया कि बीबीवी152 (कोवैक्सिन) बाल चिकित्सा विषयों में सुरक्षित है और अत्यधिक इम्युनोजेनिक साबित हुई है.
कोवैक्सिन की खुराक वयस्कों की तुलना में बच्चों में औसतन 1.7 गुना अधिक प्रभावी है. इसे प्राथमिक टीकाकरण और बूस्टर खुराक के लिए वयस्कों और बच्चों को दी जा सकती है, जिससे यह एक सार्वभौमिक टीका बन जाता है. इस अध्ययन को मेडिकल जनरल द लैंसेट (The Lancet) में प्रकाशित किया गया है. यह एक इंटरनेशनल पॉपुलर मेडिकल जर्नल है.
भारत बायोटेक ने 2-18 वर्ष के आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों और किशोरों में सुरक्षा, प्रतिक्रियाजन्यता और इम्युनोजेनेसिटी कोवैक्सिन का मूल्यांकन करने के लिए चरण दो/तीन, ओपन-लेबल और बहुकेंद्रीय अध्ययन आयोजित किया था. जून 2021 से सितंबर 2021 के बीच बच्चों के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल किया गया था. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा, 'बच्चों के लिए टीके की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोवैक्सिन ने अब बच्चों में सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी के लिए यह साबित कर दिया है.
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हमने अब वयस्कों और बच्चों के लिए प्राथमिक टीकाकरण और बूस्टर खुराक के लिए एक सुरक्षित और प्रभावोत्पादक कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है, जिससे कोवैक्सिन एक सार्वभौमिक टीका बन गया है. यह भारत में बच्चों को दी जाने वाली 50 मिलियन से अधिक खुराक के आंकड़ों के आधार पर एक अत्यधिक सुरक्षित टीका साबित हुआ है.