सूरत : सूरत की एक अदालत ने इस साल फरवरी में कॉलेज की 21 वर्षीय छात्रा ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या के मामले में आरोपी फेनिल गोयानी को मौत की सजा सुनाई और इसे दुर्लभतम मामला करार दिया. दिल्ली के निर्भया मामले का हवाला देते हुए सूरत के प्रधान सत्र एवं जिला न्यायाधीश वी. के. व्यास ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह के अपराधों में शामिल होने से लोगों को रोकने के लिए सख्त सजा दिये जाने की जरूरत है.
वेकारिया के माता-पिता और गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया. यह फैसला घटना के ठीक 70 दिन बाद सुनाया गया है. पुलिस ने घटना के एक सप्ताह के भीतर 2,500 पृष्ठ का आरोप पत्र दायर किया था और फिर 120 दस्तावेजी साक्ष्य भी जमा किए थे. कई प्रत्यक्षदर्शियों ने इस पूरी घटना को अपने स्मार्टफोन में कैद कर लिया था. 25 लोगों के वीडियो क्लिप और चश्मदीद गवाह अभियोजन पक्ष के लिए महत्वपूर्ण साबित हुए.
गोयानी ने 12 फरवरी को गुजरात के सूरत शहर के कामरेज की रहने वाली वेकारिया की उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के सामने गला रेत कर हत्या कर दी थी. वेकारिया ने गोयानी साथ संबंध बनाने से इनकार दिया था, जिसके बाद से वह आवेश में था. गोयानी ने वेकारिया को बचाने की कोशिश करते उसके भाई और चाचा को भी चाकू मार दिया था. इसके बाद उसने खुद को भी चाकू मारकर घायल कर लिया था. पुलिस पहले गोयानी को कामरेज में एक अस्पताल ले गई थी और 16 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घटना का एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद भारी हंगामा हुआ था. न्यायाधीश व्यास ने गुरुवार को मामले को 'दुर्लभ से भी दुर्लभ' करार दिया और अभियोजन पक्ष की अपील के अनुसार गोयानी को मौत की सजा सुनाई. अदालत ने पिछले महीने गोयानी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी करार दिया था.
वेकारिया के माता-पिता और गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया, जो घटना के ठीक 70 दिन बाद सुनाया गया है. छात्रा के पिता नंदलाल वेकारिया ने कहा कि वह अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा, 'समाज में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए ऐसी सजा दिये जाने की जरूरत है. मैं मंत्री संघवी, पूर्व विधायक प्रफुल्ल पंसुरिया और कामरेज पुलिस का भी आभारी हूं कि उन्होंने मेरे परिवार का साथ देकर 70 दिन में न्याय सुनिश्चित किया.'
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, शायद लाइव हत्या का दृश्य लोगों ने पहली बार देखा होगा. दोषी के चेहरे पर इस जघन्य कृत्य का कोई पछतावा तक नहीं दिखा. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आतंकी अजमल कसाब का भी जिक्र किया. अदालत ने कहा आरोपी ने वही अपराध किया, जो पेशेवर अपराधी करते हैं.