वाराणसी: शादी का झांसा देकर युवती के साथ रेप करने वाले मौलाना को वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सजा सुनाई है. कोर्ट ने इटावा के चर्चित मौलाना जरजिस को 10 साल कठोर कारावास की सजा के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह आदेश जज नीरज श्रीवास्तव ने दिया है. मौलाना जरजिस के खिलाफ यह मुकदमा 17 जनवरी 2016 को वाराणसी के जैतपुरा थाने में दर्ज किया गया था. इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने मौलाना जरजिस को दोषी करार दिया था.
मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता के अनुसार, मौलाना जरजिस वाराणसी में धार्मिक जलसों में तकरीर करने के लिए आता था. इस दौरान वह वाराणसी के होटलों में रुकता था. तकरीर के लिए आने के दौरान ही वर्ष 2013 में उसका परिचय मौलाना जरजिस से हुआ था. उस दौरान मौलाना ने युवती को होटल में बुलाकर रेप किया और उसका अश्लील वीडियो बना लिया. इसके बाद मौलाना ने निकाह का झांसा देकर युवती के साथ अलग-अलग होटलों में कई बार दुष्कर्म किया.
पीड़िता ने बताया कि 19 नवंबर 2015 को मौलाना जरजिस ने उसके घर आकर दुष्कर्म किया और विरोध करने पर समाज में बदनाम करने और जान से मारने की धमकी दी. काफी मिन्नतों के बाद भी मौलाना जरजिस ने युवती के साथ निकाह नहीं किया, तो उसने वाराणसी के एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की. इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर जैतपुरा थाने में मौलाना जरजिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़िता व 4 गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौलाना जरजिस को रेप सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में दोषी करार दिया था. जिसमें गुरुवार को कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई है.
रेप और ब्लैकमेल सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे के दोषी इटावा के चर्चित मौलाना जरजिस को जब कोर्ट में पेशी के लिए लेकर आया गया, उस वक्त वह परिसर में हंसते हुए अंदर प्रवेश करता दिखाई दिया. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उसने खुद को बेकसूर बताया और फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की बात कही.
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