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डीआरटी को लखनऊ स्थानांतरित करने को चुनौती देने वाली याचिका पर अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब - transfer of DRT to Lucknow

ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) जबलपुर के प्रमुख का डीआरटी, लखनऊ में स्थानांतरण करने पर मध्य प्रदेश बार काउंसिल ने याचिका दायर की थी जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

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Published : Jul 11, 2021, 5:52 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) जबलपुर के प्रमुख का डीआरटी, लखनऊ में स्थानांतरण करने को चुनौती देने वाली मध्य प्रदेश बार काउंसिल की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ की ओर से नौ जुलाई को नोटिस जारी की गई. वकील मृगांक प्रभाकर के जरिये दायर की गई याचिका में डीआरटी जबलपुर के लिए पूर्णकालिक प्रमुख की नियुक्ति का भी अनुरोध किया गया है.

पढ़ें :- डाटा प्रोटेक्शन बिल आने तक नई प्राइवेसी पॉलिसी नहीं लागू होगी : वॉट्सएप

बार कॉउंसिल ने याचिका में कहा कि डीआरटी को 600 किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने से याचिकाकर्ताओं को असुविधा होगी. याचिका में कहा गया कि डीआरटी का स्थानांतरण अविवेकपूर्ण तरीके से किया गया है और इससे 'बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के शोध्य ऋण वसूली अधिनियम' (आरडीडीबीएफआई) के प्रावधानों का उल्लंघन होता है. मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) जबलपुर के प्रमुख का डीआरटी, लखनऊ में स्थानांतरण करने को चुनौती देने वाली मध्य प्रदेश बार काउंसिल की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

मध्य प्रदेश राज्य बार काउंसिल की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ की ओर से नौ जुलाई को नोटिस जारी की गई. वकील मृगांक प्रभाकर के जरिये दायर की गई याचिका में डीआरटी जबलपुर के लिए पूर्णकालिक प्रमुख की नियुक्ति का भी अनुरोध किया गया है.

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बार कॉउंसिल ने याचिका में कहा कि डीआरटी को 600 किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने से याचिकाकर्ताओं को असुविधा होगी. याचिका में कहा गया कि डीआरटी का स्थानांतरण अविवेकपूर्ण तरीके से किया गया है और इससे 'बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के शोध्य ऋण वसूली अधिनियम' (आरडीडीबीएफआई) के प्रावधानों का उल्लंघन होता है. मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी.

(पीटीआई-भाषा)

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