ETV Bharat / bharat

सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत राय समेत 19 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश

यूपी में बागपत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन सुब्रत राय समेत 19 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और छलकपट करने की धाराओं में मुकद्दमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

author img

By

Published : Nov 15, 2021, 7:31 PM IST

का आदेश
का आदेश

बागपत: जनपद में निवेशकों की करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई हड़पने के मामले में बागपत कोर्ट ने कोतवाली बड़ौत पुलिस को सहारा के चेयरमेन समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने सभी लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और छलकपट करने की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिए है, जिसके बाद पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है.

दरअसल, सहारा इंडिया परिवार कम्पनी निवेशकों की गाढ़ी कमाई को हड़पकर भाग गई थी, जिसके बाद निवेशकों के परिवारों के सामने भूखे मरने जैसे हालात हो गए है. देश के अलग-अलग राज्यों में भी निवेशकों और कम्पनी के एजेंट की फरियाद पर सहारा इंडिया परिवार चेयरमैन के खिलाफ मुकद्दमे दर्ज कराए गए है तो वहीं उत्तर प्रदेश में भी सोमवार को सहारा इंडिया परिवार के चेयरमेन समेत 19 लोगों के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धोखाधड़ी और छलकपट की धाराओं में बड़ौत कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. जनपद बागपत के 300 निवेशकों ने पिछले 15 वर्षों में साढ़े 12 करोड़ रुपये निवेश किये थे और निवेशक व एजेंटो को जब कम्पनी ने उनकी गाढ़ी कमाई देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने बागपत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि इन सभी परिवारों के सामने भूखे मरने जैसे हालात हो गए है.

ये था मामला

सहारा इंडिया समूह की कुछ कम्पनियां सहारा इंडिया कॉपरेटिव लिमिटिड सहारा मल्टी पर्पज कॉपरेटिव लिमिटिड इन कम्पनियों में सहारा की स्कीम आयी थी. वह मासिक डिपॉजिट करने की स्कीम थी. उस स्कीम के तहत सहारा समूह ने प्रत्येक जिले में एजेंट नियुक्त किए थे जो निवेशकों से दैनिक और मासिक स्तर पर निवेशकों से फिक्स रकम डिपॉजिट कराते थे. ये आश्वासन देते थे कि निश्चित समय के बाद जैसे ही ये स्कीम मेच्योरिटी प्राप्त करेगी तब आपको एक निश्चित लाभ दिया जायेगा. 15 वर्षों से बागपत जनपद में ये एजेंट काम कर रहे थे. इस तरह बागपत जनपद से 12 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेशकों के अभिकर्ताओं के माध्यम से सहारा इंडिया की विभिन स्कीम में लगाए थे, जैसे ही वो मेच्योर हुई तो सहारा इंडिया समूह द्वारा ने राशि को देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया. जो निवेशक थे उन्होंने एजेंट पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्होंने सारा पैसा निवेशकों से इकट्ठा कर के सहारा इंडिया समूह को भेज दिया. इसके बाद सुब्रत राय और अधीनस्थ अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से पैसे लौटने से इनकार कर दिया और कोई आश्वासन भी नहीं दिया.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा : पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में SIT जांच कराने के सुझाव पर सहमत उप्र सरकार

इसके बाद पुलिस अधीक्षक के यहां भी प्रार्थना पत्र दिया था कि सहारा इंडिया परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए. आरोप है कि बागपत जनपद के करीब 3 हजार निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करके उनके करीब साढ़े 12 करोड़ रुपये हड़प लिए. इसके बाद अभिकर्ताओं ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें सुब्रत राय समेत 19 अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की याचना की गई थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सुब्रत राय और 18 अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और छल कपट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए.

बागपत: जनपद में निवेशकों की करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई हड़पने के मामले में बागपत कोर्ट ने कोतवाली बड़ौत पुलिस को सहारा के चेयरमेन समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने सभी लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और छलकपट करने की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिए है, जिसके बाद पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जगी है.

दरअसल, सहारा इंडिया परिवार कम्पनी निवेशकों की गाढ़ी कमाई को हड़पकर भाग गई थी, जिसके बाद निवेशकों के परिवारों के सामने भूखे मरने जैसे हालात हो गए है. देश के अलग-अलग राज्यों में भी निवेशकों और कम्पनी के एजेंट की फरियाद पर सहारा इंडिया परिवार चेयरमैन के खिलाफ मुकद्दमे दर्ज कराए गए है तो वहीं उत्तर प्रदेश में भी सोमवार को सहारा इंडिया परिवार के चेयरमेन समेत 19 लोगों के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धोखाधड़ी और छलकपट की धाराओं में बड़ौत कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. जनपद बागपत के 300 निवेशकों ने पिछले 15 वर्षों में साढ़े 12 करोड़ रुपये निवेश किये थे और निवेशक व एजेंटो को जब कम्पनी ने उनकी गाढ़ी कमाई देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने बागपत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, क्योंकि इन सभी परिवारों के सामने भूखे मरने जैसे हालात हो गए है.

ये था मामला

सहारा इंडिया समूह की कुछ कम्पनियां सहारा इंडिया कॉपरेटिव लिमिटिड सहारा मल्टी पर्पज कॉपरेटिव लिमिटिड इन कम्पनियों में सहारा की स्कीम आयी थी. वह मासिक डिपॉजिट करने की स्कीम थी. उस स्कीम के तहत सहारा समूह ने प्रत्येक जिले में एजेंट नियुक्त किए थे जो निवेशकों से दैनिक और मासिक स्तर पर निवेशकों से फिक्स रकम डिपॉजिट कराते थे. ये आश्वासन देते थे कि निश्चित समय के बाद जैसे ही ये स्कीम मेच्योरिटी प्राप्त करेगी तब आपको एक निश्चित लाभ दिया जायेगा. 15 वर्षों से बागपत जनपद में ये एजेंट काम कर रहे थे. इस तरह बागपत जनपद से 12 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेशकों के अभिकर्ताओं के माध्यम से सहारा इंडिया की विभिन स्कीम में लगाए थे, जैसे ही वो मेच्योर हुई तो सहारा इंडिया समूह द्वारा ने राशि को देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया. जो निवेशक थे उन्होंने एजेंट पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्होंने सारा पैसा निवेशकों से इकट्ठा कर के सहारा इंडिया समूह को भेज दिया. इसके बाद सुब्रत राय और अधीनस्थ अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से पैसे लौटने से इनकार कर दिया और कोई आश्वासन भी नहीं दिया.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा : पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में SIT जांच कराने के सुझाव पर सहमत उप्र सरकार

इसके बाद पुलिस अधीक्षक के यहां भी प्रार्थना पत्र दिया था कि सहारा इंडिया परिवार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए. आरोप है कि बागपत जनपद के करीब 3 हजार निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करके उनके करीब साढ़े 12 करोड़ रुपये हड़प लिए. इसके बाद अभिकर्ताओं ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें सुब्रत राय समेत 19 अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की याचना की गई थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सुब्रत राय और 18 अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और छल कपट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.