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पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम को मानहानि मामले में अदालत में पेश होने का निर्देश - पलानमीस्वामी को समन

अन्नाद्रमुक के निष्कासित प्रवक्ता वी पुगालेंधी की मानहानि से संबंधित याचिका पर विशेष अदालत ने पार्टी के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानमीस्वामी को समन जारी किया है.

अदालत में पेश होने का निर्देश
अदालत में पेश होने का निर्देश
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Published : Aug 3, 2021, 8:46 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु की एक विशेष अदालत ने अन्नाद्रमुक के निष्कासित प्रवक्ता वी पुगालेंधी की मानहानि से संबंधित याचिका पर मंगलवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानमीस्वामी को समन जारी कर 24 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है.

पुगालेंधी ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि वह उन्हें अन्नाद्रमुक की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाने के लिए इन दोनों नेताओं को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दंडित करे.

पुगालेंधी के अनुसार, तत्कालीन पार्टी नेता जे जयललिता ने संगठन के प्रति उनकी सेवाओं को मान्यता देते हुए उन्हें अन्नाद्रमुक की कर्नाटक इकाई का सचिव नियुक्त किया था. दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद वह टीटीवी दिनाकरन की पार्टी एएमएमके में चले गए. दिसंबर 2020 में उन्हें फिर से अन्नाद्रमुक में शामिल कर इस साल अप्रैल में पार्टी प्रवक्ता नामित कर दिया गया. हालांकि, इस साल जून में उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि निष्कासन आदेश में जो कथित कारण बताए गए हैं, वे सच्चाई से बहुत दूर हैं. ये कारण 'अस्पष्ट' और 'निराधार' हैं. उन्होंने कहा कि न तो उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और न ही औपचारिक जांच की गई.

पढ़ें- बंगाल चुनाव बाद हिंसा : अंतिम सुनवाई समाप्त, आदेश सुरक्षित

पुगालेंधी ने कहा कि निष्कासन से उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है और उनकी छवि भी खराब हुई है. उन्होंने दोनों नेताओं को दंडित करने की अपील की.
(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु की एक विशेष अदालत ने अन्नाद्रमुक के निष्कासित प्रवक्ता वी पुगालेंधी की मानहानि से संबंधित याचिका पर मंगलवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानमीस्वामी को समन जारी कर 24 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है.

पुगालेंधी ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि वह उन्हें अन्नाद्रमुक की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और पार्टी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाने के लिए इन दोनों नेताओं को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दंडित करे.

पुगालेंधी के अनुसार, तत्कालीन पार्टी नेता जे जयललिता ने संगठन के प्रति उनकी सेवाओं को मान्यता देते हुए उन्हें अन्नाद्रमुक की कर्नाटक इकाई का सचिव नियुक्त किया था. दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद वह टीटीवी दिनाकरन की पार्टी एएमएमके में चले गए. दिसंबर 2020 में उन्हें फिर से अन्नाद्रमुक में शामिल कर इस साल अप्रैल में पार्टी प्रवक्ता नामित कर दिया गया. हालांकि, इस साल जून में उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि निष्कासन आदेश में जो कथित कारण बताए गए हैं, वे सच्चाई से बहुत दूर हैं. ये कारण 'अस्पष्ट' और 'निराधार' हैं. उन्होंने कहा कि न तो उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और न ही औपचारिक जांच की गई.

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पुगालेंधी ने कहा कि निष्कासन से उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है और उनकी छवि भी खराब हुई है. उन्होंने दोनों नेताओं को दंडित करने की अपील की.
(पीटीआई-भाषा)

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