मुंबई : मुंबई की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने का अनुरोध करने वाले शिकायकर्ता को शुक्रवार से पूछा कि क्या इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से मंजूरी ली थी. अदालत अधिवक्ता अली काशिफ खान देशमुख द्वारा दाखिल एक आपराधिक शिकायत पर सुनवाई कर रही थी. जिसमें उन्होंने अपने ट्वीट के जरिये कथित तौर पर घृणा फैलाने के लिए उनके (रनौत) खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया है.
सीआरपीसी की धारा 196 के अनुसार राजद्रोह के आरोपों के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने से पहले सरकार से मंजूरी आवश्यक है. खान ने कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार को मंजूरी के लिए आवेदन करूंगा ताकि आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह और घृणा फैलाने के लिए मुकदमा चलाया जा सके. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 10 मार्च तय की है.
पढ़ें: जानें बॉलीवुड में नेपोटिज्म के अलावा कौन सी चीज से परेशान हैं कंगना रनौत
खान ने गत अक्टूबर में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में रनौत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153-ए, 295 ए और 124 ए के खिलाफ मामला दर्ज किये जाने का अनुरोध किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि रनौत के ट्वीट जिनमें उन्होंने मुंबई की तुलना ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर’’ से की थी जबकि राज्य के एक मंत्री को ‘‘तालिबान’’ के एक सदस्य के रूप में बताया था और इन टिप्पणियों से देश की बदनामी हुई थी.