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मुजफ्फरनगर दंगा : सुरेश राणा और संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे वापस - muzaffarnagar riots cases withdrawn

मुजफ्फरनगर दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के आरोपी उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा और सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम व अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की अनुमति कोर्ट ने दे दी है.

मुजफ्फरनगर दंगा
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Published : Mar 27, 2021, 5:23 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-5 ने अभियोजन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य के गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची सहित 11 पर दर्ज हुए सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दे दी है.

दरअसल, मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल गांव में 27 अगस्त, 2013 को तीन हत्याओं के बाद माहौल बिगड़ गया था, जिसके चलते 7 सितंबर, 2013 को पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें मौजूद तत्कालीन विधायक सुरेश राणा एवं विधायक संगीत सोम सहित पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची, श्याम पाल चेयरमैन, जयप्रकाश, राजेश्वर आर्य, सुनील अरोड़ा, बिट्टू और चंद्रपाल आदि के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने एवं सांप्रदायिक उन्माद फैलाने आदि की धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे.

ढाई वर्ष पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने खाप चौधरियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सपा सरकार के दौरान झूठे मुकदमे दर्ज करने की बात कहते हुए, कोर्ट से इनके मुकदमे वापसी की मांग की थी. जिस पर प्रदेश के न्याय विभाग ने जिला प्रशासन से 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी.

पढ़ें - मुजफ्फरनगर दंगा : विधायक संगीत सोम ने अखिलेश यादव और आजम पर साधा निशाना

शासन से दंगे के 70 से अधिक मुकदमे वापसी की अनुमति मिलने पर अभियोजन ने सीआरपीसी 321 के तहत विभिन्न कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें 7 सितंबर को थाना सिखेड़ा में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 178/200 2013 सरकार बनाम श्याम पाल आदि भी शामिल थे.

गन्ना मंत्री सहित 11 आरोपियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी के लिए अभियोजन ने 321 सीआरपीसी के तहत विशेष एमपी-एमएलए अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट-5 में अर्जी लगाई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रामसुध सिंह ने गुरुवार को अर्जी स्वीकार कर ली और सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दी है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-5 ने अभियोजन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य के गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची सहित 11 पर दर्ज हुए सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दे दी है.

दरअसल, मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल गांव में 27 अगस्त, 2013 को तीन हत्याओं के बाद माहौल बिगड़ गया था, जिसके चलते 7 सितंबर, 2013 को पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें मौजूद तत्कालीन विधायक सुरेश राणा एवं विधायक संगीत सोम सहित पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र, हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची, श्याम पाल चेयरमैन, जयप्रकाश, राजेश्वर आर्य, सुनील अरोड़ा, बिट्टू और चंद्रपाल आदि के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने एवं सांप्रदायिक उन्माद फैलाने आदि की धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे.

ढाई वर्ष पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने खाप चौधरियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सपा सरकार के दौरान झूठे मुकदमे दर्ज करने की बात कहते हुए, कोर्ट से इनके मुकदमे वापसी की मांग की थी. जिस पर प्रदेश के न्याय विभाग ने जिला प्रशासन से 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी.

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शासन से दंगे के 70 से अधिक मुकदमे वापसी की अनुमति मिलने पर अभियोजन ने सीआरपीसी 321 के तहत विभिन्न कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें 7 सितंबर को थाना सिखेड़ा में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 178/200 2013 सरकार बनाम श्याम पाल आदि भी शामिल थे.

गन्ना मंत्री सहित 11 आरोपियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी के लिए अभियोजन ने 321 सीआरपीसी के तहत विशेष एमपी-एमएलए अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट-5 में अर्जी लगाई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रामसुध सिंह ने गुरुवार को अर्जी स्वीकार कर ली और सांप्रदायिक दंगों के मुकदमे को वापस लेने की अनुमति दी है.

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