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उत्तराखंड में खुला देश का पहला घरेलू मशरूम उत्पादन केन्द्र, केंद्रीय मंत्री ने किया उद्घाटन, जानें क्या होंगे फायदे

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Published : Aug 17, 2023, 7:58 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 10:41 PM IST

Domestic mushroom production project कोटद्वार के भारत नाम देव कण्वाश्रम में देश का पहला घरेलू मशरूम उत्पादन केन्द्र खोला गया है. इस उत्पादन केन्द्र में 4000 महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है, जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें. केन्द्र का शुभारंभ मशरूम गर्ल दिव्या रावत और केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने किया. पढ़ें पूरी खबर..

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उत्तराखंड में खुला देश का पहला घरेलू मशरूम उत्पादन केन्द्र

कोटद्वार(उत्तराखंड): भारत नाम देव कण्वाश्रम कोटद्वार में मशरूम गर्ल और उत्तराखंड मशरूम ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत और केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने 30 करोड़ की लागत से देश की पहली घरेलू मशरूम उत्पादन परियोजना का शुभारंभ किया है. इस मशरूम सेंटर में गैनोडर्मा नामक मशरूम तैयार किया जाएगा. अभी तक ये मशरूम विदेशों से भारत में आता था, लेकिन अब इस मशरूम की खेती भारत में ही होगी.

गैनोडर्मा मशरूम के फायदे:मशरूम की गैनोडर्मा ल्यूसिडम प्रजाति में औषधीय गुण हैं. यह जगंलों में प्राकृतिक रूप से लकड़ियों पर उगता है. कैंसर, हार्ट और किडनी से संबंधित बीमारियों की दवा बनाने में इसका उपयोग किया जाता है.

मशरूम उत्पादन के लिए भारी संख्या में जोड़ेंगे लोग: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम और सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब है. जिससे यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. उत्तराखंड में 1 लाख 30 हजार उधमी हैं. अगले वर्ष तक उत्तराखंड में उधमियों की संख्या बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन घरेलू परियोजना के तहत घर-घर में मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को जोड़ा जाएगा. जिससे वह मशरूम का उत्पादन कर विभिन्न तरह के प्रोडेक्ट तैयार करेंगे और अच्छी कीमत पर अपने उत्पादों को बेंचेंगे.

इच्छुक बेरोजगार युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि मशरूम की खेती करने के लिए इच्छुक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिससे वह अच्छे से मशरूम की खेती कर सकें. मशरूम उत्पादन से सब्जी के साथ-साथ अन्य औषधि प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि गोवा मशरूम उत्पादन में पहले स्थान पर है, लेकिन उत्तराखंड के घर-घर में मशरूम उत्पादन कर देश में देवभूमि को प्रथम स्थान पर लाना है.

ये भी पढ़ें: किसानों को मालामाल करेगा औषधीय गुणों भरपूर गैनोडर्मा मशरूम, जानिए खासियत

4 हजार महिलाओं को दिया जा रहा रोजगार: मशरूम गर्ल दिव्या रावत ने बताया कि उत्तराखंड में सबसे पहले कोटद्वार में मशरूम उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया जा रहा है‌. मशरूम केन्द्र में विभिन्न प्रकार के मशरूम का उत्पादन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र में 4 हजार महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है. जिससे वह मशरूम उत्पादन कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकेंगी. मशरूम का उत्पादन कर विभिन्न तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे, जिन्हें अच्छे दाम पर उत्तराखंड और अन्य राज्यों में भी भेजा जाएगा. वहीं महिला उद्यमी रीमा चौहान ने बताया कि कोटद्वार मशरूम केन्द्र देश का पहला मशरूम केन्द्र है. जिसमें गैनोडर्मा नामक मशरूम तैयार किया जा रहा है. भारत में अभी तक गैनोडर्मा नामक मशरूम विदेशों से लाया ताजा है. उन्होंने बताया कि कोटद्वार में प्रतिदिन 30 लाख का मशरूम उत्पादन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: ऑयस्टर मशरूम की खेती से आत्मनिर्भर बने युवा, औषधीय गुणों के चलते बाजार में भारी डिमांड

उत्तराखंड में खुला देश का पहला घरेलू मशरूम उत्पादन केन्द्र

कोटद्वार(उत्तराखंड): भारत नाम देव कण्वाश्रम कोटद्वार में मशरूम गर्ल और उत्तराखंड मशरूम ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत और केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने 30 करोड़ की लागत से देश की पहली घरेलू मशरूम उत्पादन परियोजना का शुभारंभ किया है. इस मशरूम सेंटर में गैनोडर्मा नामक मशरूम तैयार किया जाएगा. अभी तक ये मशरूम विदेशों से भारत में आता था, लेकिन अब इस मशरूम की खेती भारत में ही होगी.

गैनोडर्मा मशरूम के फायदे:मशरूम की गैनोडर्मा ल्यूसिडम प्रजाति में औषधीय गुण हैं. यह जगंलों में प्राकृतिक रूप से लकड़ियों पर उगता है. कैंसर, हार्ट और किडनी से संबंधित बीमारियों की दवा बनाने में इसका उपयोग किया जाता है.

मशरूम उत्पादन के लिए भारी संख्या में जोड़ेंगे लोग: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम और सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब है. जिससे यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. उत्तराखंड में 1 लाख 30 हजार उधमी हैं. अगले वर्ष तक उत्तराखंड में उधमियों की संख्या बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन घरेलू परियोजना के तहत घर-घर में मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को जोड़ा जाएगा. जिससे वह मशरूम का उत्पादन कर विभिन्न तरह के प्रोडेक्ट तैयार करेंगे और अच्छी कीमत पर अपने उत्पादों को बेंचेंगे.

इच्छुक बेरोजगार युवाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि मशरूम की खेती करने के लिए इच्छुक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिससे वह अच्छे से मशरूम की खेती कर सकें. मशरूम उत्पादन से सब्जी के साथ-साथ अन्य औषधि प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि गोवा मशरूम उत्पादन में पहले स्थान पर है, लेकिन उत्तराखंड के घर-घर में मशरूम उत्पादन कर देश में देवभूमि को प्रथम स्थान पर लाना है.

ये भी पढ़ें: किसानों को मालामाल करेगा औषधीय गुणों भरपूर गैनोडर्मा मशरूम, जानिए खासियत

4 हजार महिलाओं को दिया जा रहा रोजगार: मशरूम गर्ल दिव्या रावत ने बताया कि उत्तराखंड में सबसे पहले कोटद्वार में मशरूम उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया जा रहा है‌. मशरूम केन्द्र में विभिन्न प्रकार के मशरूम का उत्पादन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र में 4 हजार महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है. जिससे वह मशरूम उत्पादन कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकेंगी. मशरूम का उत्पादन कर विभिन्न तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे, जिन्हें अच्छे दाम पर उत्तराखंड और अन्य राज्यों में भी भेजा जाएगा. वहीं महिला उद्यमी रीमा चौहान ने बताया कि कोटद्वार मशरूम केन्द्र देश का पहला मशरूम केन्द्र है. जिसमें गैनोडर्मा नामक मशरूम तैयार किया जा रहा है. भारत में अभी तक गैनोडर्मा नामक मशरूम विदेशों से लाया ताजा है. उन्होंने बताया कि कोटद्वार में प्रतिदिन 30 लाख का मशरूम उत्पादन किया जाएगा.
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Last Updated : Aug 17, 2023, 10:41 PM IST
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