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मिजोरम विधानसभा चुनाव : वोटों की गिनती जारी, 40 सीटों पर आने हैं नतीजे

मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. रूझानों में जेडपीएम को सबसे अधिक सीटें मिल रहीं हैं. एमएनएफ दूसरे स्थान पर है. Mizoram assembly elections 2023 result, Mizoram assembly polls result 2023.

Mizoram assembly polls result 2023
मिजोरम विधानसभा चुनाव
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By IANS

Published : Dec 3, 2023, 8:06 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 10:50 AM IST

आइजोल : मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती सोमवार सुबह शुरू हो गई. मतगणना के लिए सभी 11 जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने कहा कि महिलाओं सहित चार हजार से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है जो सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती के लिए राज्य भर के 13 केंद्रों पर तैनात हैं. उन्होंने बताया, विभिन्न जिलों में लगभग 40 मतगणना हॉल बनाए गए हैं.

मतगणना से पहले लियानजेला ने कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) सभी 11 जिला मुख्यालयों के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रूप से रखी गई थीं. पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने बताया कि मतगणना के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं.

मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था. कुल 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), राज्य के मुख्य विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. इनके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे.

भाजपा ने भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, खासकर जहां रियांग और चकमा आदिवासी समुदाय मतदाताओं की पर्याप्त संख्या है.

ईसाई-बहुल (87 प्रतिशत) राज्य में वोटों की गिनती पहले रविवार को होनी थी, लेकिन प्रभावशाली यंग मिज़ो एसोसिएशन (वाईएमए) सहित सभी राजनीतिक दलों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, चर्चों, युवाओं और छात्र निकायों की अपील के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग ने मतगणना सोमवार को पुनर्निर्धारित की.

मिजोरम की सबसे शक्तिशाली एनजीओ समन्वय समिति (एनजीओसीसी), जो प्रमुख नागरिक समाजों और छात्र निकायों की एकछत्र संस्था है, ने राज्य विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती की तारीख में बदलाव की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य भर में विरोध-प्रदर्शन किया था.

पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात कर अवगत कराया कि चूंकि रविवार ईसाइयों के लिए पवित्र है और राज्य के अधिकांश लोग - ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के - उस दिन चर्च सेवाओं में शामिल होते हैं, इसलिए मतगणना को किसी और दिन के लिए पुनर्निर्धारित किया जाना चाहिए.

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आइजोल : मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती सोमवार सुबह शुरू हो गई. मतगणना के लिए सभी 11 जिलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच. लियानजेला ने कहा कि महिलाओं सहित चार हजार से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है जो सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती के लिए राज्य भर के 13 केंद्रों पर तैनात हैं. उन्होंने बताया, विभिन्न जिलों में लगभग 40 मतगणना हॉल बनाए गए हैं.

मतगणना से पहले लियानजेला ने कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) सभी 11 जिला मुख्यालयों के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रूप से रखी गई थीं. पुलिस महानिदेशक अनिल शुक्ला ने बताया कि मतगणना के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं.

मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था. कुल 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने 16 महिलाओं सहित 174 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), राज्य के मुख्य विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि आम आदमी पार्टी चार सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. इनके अलावा 27 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे.

भाजपा ने भाषाई अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, खासकर जहां रियांग और चकमा आदिवासी समुदाय मतदाताओं की पर्याप्त संख्या है.

ईसाई-बहुल (87 प्रतिशत) राज्य में वोटों की गिनती पहले रविवार को होनी थी, लेकिन प्रभावशाली यंग मिज़ो एसोसिएशन (वाईएमए) सहित सभी राजनीतिक दलों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, चर्चों, युवाओं और छात्र निकायों की अपील के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग ने मतगणना सोमवार को पुनर्निर्धारित की.

मिजोरम की सबसे शक्तिशाली एनजीओ समन्वय समिति (एनजीओसीसी), जो प्रमुख नागरिक समाजों और छात्र निकायों की एकछत्र संस्था है, ने राज्य विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती की तारीख में बदलाव की मांग करते हुए शुक्रवार को राज्य भर में विरोध-प्रदर्शन किया था.

पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात कर अवगत कराया कि चूंकि रविवार ईसाइयों के लिए पवित्र है और राज्य के अधिकांश लोग - ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के - उस दिन चर्च सेवाओं में शामिल होते हैं, इसलिए मतगणना को किसी और दिन के लिए पुनर्निर्धारित किया जाना चाहिए.

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Last Updated : Dec 4, 2023, 10:50 AM IST
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