वैशाली : बिहार के सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कारगुजारी के चलते एक प्रसूता की जान पर बन आई है. डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान पेट में स्पंज यानी रूई को छोड़ दिया. जब इस बारे में सिविल सर्जन के पास पहुंचे तो उनका जवाब और भी हैरान कर देने वाला था. अपने डॉक्टरों के बचाव में सिविल सर्जन इस तरह के वाकये को आम बताकर टाल रहे थे.
ये भी पढ़ें- जीभ साफ करते समय युवक ने निगल लिया टंग क्लीनर, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई जान
हाजीपुर सदर अस्पताल में लापरवाही : सिविल सर्जन को अपने स्वास्थ्य कर्मियों की इस गलती का जरा भी मलाल नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा अक्सर हो जाता है. महिला के पति ने बताया कि 2 महीने पहले डिलिवरी के लिए उसकी पत्नी सुलेखा कुमारी को भर्ती कराया गया था. इसी दौरान ऑपरेशन से बच्चा हुआ. लेकिन डॉक्टरों ने उसके पेट में रुई छोड़ दी. जिसके चलते पूरी ब़ॉडी में इंफेक्शन फैलने से दर्द उठ गया.
''हमारे वाइफ का ऑपरेशन से बच्चा हुआ था. ऑपरेशन के दौरान स्पंज पेट में ही डॉक्टरों ने छोड़ दिया. डिस्चार्ज होकर जब घर आए तो पेट में दर्द होने लगा. हम प्राइवेट अस्पताल में दिखाए तो डॉक्टर ने सीटी स्कैन लिखा. उसमें पता चला कि अंदर स्पंज छूट गया है. पूरी बॉडी में इंफेक्शन फैल रहा है. पहले हम इसका इलाज हाजीपुर सदर अस्पताल में करवाए थे.'' - सुबोध कुमार, पीड़िता के पति
'ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ी रूई' : दर्द होने पर महिला को लेकर प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा. जांच में पता चला कि पेट के अंदर स्पंज छूट गया है. डॉक्टर ने सलाह दी कि उसे निकालना होगा. ऑपरेशन करने में प्राइवेट अस्पताल वाला 40 हजार रुपए मांग रहा है.
"अभी फिलहाल हमको ऑपरेशन का फिर नौबत ला दिया है. बड़ा ऑपरेशन से बच्चा हुआ है इसी में स्पंज छोड़ दिया है. बाहर से अल्ट्रासाउंड सब हुआ. सीटी स्कैन पता चला कि पेट के अंदर स्पंज छूट गया. बोला कि ऑपरेशन करने में 40 हजार रुपया लगेगा" - सुलेखा कुमारी, पीड़िता
'फिर होगा ऑपरेशन' : पीड़ित महिला लालगंज के चिमनापुर की रहने वाली है. उसने बताया कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसकी दोबारा ऑपरेशन की नौबत आ गई है. दो महीने से दर्द झेल रही हूं. सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया है कि ऑपरेशन करके ठीक कर देंगे. हम लोगों की ओर से जांच पूरी कर ली गई है.
"ऑपरेशन का कॉम्प्लिकेशन होता है भूल बस कुछ छूट जाता है. उसको अभी जो तकलीफ है उसकी जांच वगैरह हो गया है और कल उसका ऑपरेशन प्लान करेंगे. उसका इलाज हो जाएगा छोटा ऑपरेशन चीरा लगाकर उसे पेट को खोलना पड़ेगा. जो छूटा है उसमें निकाल कर बढ़िया से ड्रेसिंग हो जाएगा. सदर अस्पताल में ही हो जाएगा. ऐसा भूल बस हो जाता है.''- डॉ. श्याम नंदन प्रसाद, सिविल सर्जन वैशाली