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कोरोना से मृत व्यक्तियों के अंतिम संस्कार में जुटे हैं गुंटूर के कोविड फाइटर्स - कोविड-19

कोरोना संक्रमण की वजह से मृत हुए व्यक्तियों से उसके परिजनाें द्वारा दूरी बना ली जाती है. वहीं कुछ शवों को अनाथ के रूप में छोड़ दिया जाता है. ऐसे में गुंटूर के कोविड फाइटर्स लावारिश शवों का धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं.

कोविड फाइटर्स
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Published : Apr 28, 2021, 7:18 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 9:55 PM IST

हैदराबाद : कोरोना की दूसरी लहर एक सुनामी की तरह आई है. हर ओर चीखें सुनाई दे रही हैं. वहीं कोरोना महामारी से मरने वालों से अपने दूरी बनाए हुए हैं और अंतिम संस्कार करने से भी कतरा रहे हैं. कुछ तो ऐसे लोग भी है जो शवों को छोड़कर चले जा रहे हैं. वहीं आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के कुछ युवा गुंटूर कोविड फाइटर्स के नाम से संगठन बनाकर ऐसे लावारिश शवों को उसके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

एक रिपोर्ट

गुंटूर के ये कोरोना फाइटर्स साल भर में लगभग 260 अनाथ शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इस बारे में संगठन के एक युवा ने बताया कि कोरोना की वजह से लोगों द्वारा शवों को अनाथ रूप से छोड़े जाने पर उनके द्वारा उचित देखभाल के साथ अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.

पढ़ें - कोरोना संकट के बीच वायुसेना ने अस्पतालों में बढ़ाईं सुविधाएं : एयर चीफ मार्शल

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं शव को लेने जाने पर मृतक के परिजनों द्वारा बुरा व्यवहार भी किया जाता है. साथ ही शरीर को कम हिलाने की हिदायत भी दी जाती है. इसके बाद भी मृतक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए कब्रिस्तान के पास तक नहीं आते हैं.

हैदराबाद : कोरोना की दूसरी लहर एक सुनामी की तरह आई है. हर ओर चीखें सुनाई दे रही हैं. वहीं कोरोना महामारी से मरने वालों से अपने दूरी बनाए हुए हैं और अंतिम संस्कार करने से भी कतरा रहे हैं. कुछ तो ऐसे लोग भी है जो शवों को छोड़कर चले जा रहे हैं. वहीं आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के कुछ युवा गुंटूर कोविड फाइटर्स के नाम से संगठन बनाकर ऐसे लावारिश शवों को उसके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

एक रिपोर्ट

गुंटूर के ये कोरोना फाइटर्स साल भर में लगभग 260 अनाथ शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इस बारे में संगठन के एक युवा ने बताया कि कोरोना की वजह से लोगों द्वारा शवों को अनाथ रूप से छोड़े जाने पर उनके द्वारा उचित देखभाल के साथ अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.

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उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं शव को लेने जाने पर मृतक के परिजनों द्वारा बुरा व्यवहार भी किया जाता है. साथ ही शरीर को कम हिलाने की हिदायत भी दी जाती है. इसके बाद भी मृतक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए कब्रिस्तान के पास तक नहीं आते हैं.

Last Updated : Apr 28, 2021, 9:55 PM IST
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