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Cooperative Bank server Hacking: तमिलनाडु सहकारी बैंक सर्वर को किया हैक, दिल्ली से गिरफ्तार

तमिलनाडु को ऑपरेटिव बैंक में सर्वर हैक करते 2.61 करोड़ रुपए लूटने वाले दो साइबर हैकर्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. बैंक ने इस संबंध में चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. जांच में पता चला कि स्वीट 32 अटैक के नाम से जाने जाने वाले साइबर हमले के जरिए सहकारी बैंक के सर्वर तक पहुंच बनाई गई और पूरे नेटवर्क को काबू में कर लिया गया था.

Cooperative Bank server Hacking
हैकर्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया.
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Published : Jan 13, 2023, 1:43 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 2:52 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु सहकारी बैंक से 18 नवंबर को साइबर अटैक कर 2.61 करोड़ रुपए लूट लिए गये थे. बैंक का मुख्य कार्यालय मनादी, चेन्नई में है. अधिकारियों ने उसी दिन चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि यह हमला बैंक के सर्वर को हैक करके किया गया. चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच साइबर क्राइम पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उन बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया, जिनके जरिए लुटेरों ने पैसे ट्रांसफर किए थे और डेढ़ करोड़ रुपए बरामद कर लिए. इस संबंध में पुलिस द्वारा की गई जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं.

पिछले अगस्त में, एक फिशिंग मेल उस कंप्यूटर पर भेजा गया था जो बैंक में इंटरनेट सेवा के साथ काम कर रहा था और इसके माध्यम से अधिकारियों की जानकारी के बिना की-लॉगर सॉफ़्टवेयर डाउनलोड किया गया था. फिर उन्होंने कंप्यूटर की गतिविधियों पर नजर रखी और डेटा एकत्र किया. जांच में पता चला कि स्वीट 32 अटैक के नाम से जाने जाने वाले साइबर अटैक के जरिए को-ऑपरेटिव बैंक के सर्वर को एक्सेस किया गया और पूरे नेटवर्क को काबू में कर लिया गया.

पढ़ें: PM Modi in Varanasi : गंगा विलास क्रूज को दिखायी हरी झंडी, टेंट सिटी का उद्घाटन किया

जांच में यह भी पता चला कि पूरी योजना और डेटा संग्रह के बाद नवंबर में पैसे चोरी किये गये. यह भी पता चला कि नाइजीरिया में दो बैंक खातों के माध्यम से बिनेंस नामक वेबसाइट के माध्यम से एक करोड़ रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया गया था. ऐसे में पुलिस ने एक विशेष टीम गठित कर छानबीन शुरू की. साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटर के आईपी पते के विश्लेषण से पता चला कि वे उत्तम नगर, दिल्ली से काम कर रहे थे.

विशेष रूप से, जांच में पुष्टि हुई कि नाइजीरियाई लुटेरों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 32 फर्जी बैंक खाते बनाए और इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इसके बाद, उत्तम शहर में पुलिस ने सघन तलाशी ली और दो नाइजीरियाई, एग्ने गॉडविन और ऑगस्टाइन को गिरफ्तार किया. उन्होंने 8,000 रुपये में एक घर किराए पर लिया और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर ठगी की. गिरोह के बारे में जानकारी मिली है कि उन्होंने गुजरात राज्य सहकारी बैंक से भी साइबर हमले के जरिए पैसे लूटे हैं.

पढ़ें: Tribute To RJD Leader Sharad Yadav : श्रद्धाजंलि देने वालों का लगा तांता, अमित शाह और राहुल गांधी ने आवास पहुंच कर किये अंतिम दर्शन

इन दोनों साइबर लुटेरों को विशेष पुलिस द्वारा चेन्नई लाया गया. साइबर क्राइम पुलिस गिरफ्तार दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की योजना बना रही है. साथ ही पुलिस ने कहा कि हजारों की संख्या में नाइजीरियाई विभिन्न तरीकों से दिल्ली उत्तम नगर में प्रवेश कर रहे हैं और इस तरह की साइबर डकैतियां कर रहे हैं और दिन में बाहर नहीं निकल रहे हैं और रात में इस तरह के अपराध कर रहे हैं.

पढ़ें: KCR indirect attack on BJP : केसीआर बोले, धार्मिक एवं जातिगत कट्टरता और समाज में विभाजन को बढ़ावा देना खतरनाक

चेन्नई: तमिलनाडु सहकारी बैंक से 18 नवंबर को साइबर अटैक कर 2.61 करोड़ रुपए लूट लिए गये थे. बैंक का मुख्य कार्यालय मनादी, चेन्नई में है. अधिकारियों ने उसी दिन चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि यह हमला बैंक के सर्वर को हैक करके किया गया. चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच साइबर क्राइम पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उन बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया, जिनके जरिए लुटेरों ने पैसे ट्रांसफर किए थे और डेढ़ करोड़ रुपए बरामद कर लिए. इस संबंध में पुलिस द्वारा की गई जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं.

पिछले अगस्त में, एक फिशिंग मेल उस कंप्यूटर पर भेजा गया था जो बैंक में इंटरनेट सेवा के साथ काम कर रहा था और इसके माध्यम से अधिकारियों की जानकारी के बिना की-लॉगर सॉफ़्टवेयर डाउनलोड किया गया था. फिर उन्होंने कंप्यूटर की गतिविधियों पर नजर रखी और डेटा एकत्र किया. जांच में पता चला कि स्वीट 32 अटैक के नाम से जाने जाने वाले साइबर अटैक के जरिए को-ऑपरेटिव बैंक के सर्वर को एक्सेस किया गया और पूरे नेटवर्क को काबू में कर लिया गया.

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जांच में यह भी पता चला कि पूरी योजना और डेटा संग्रह के बाद नवंबर में पैसे चोरी किये गये. यह भी पता चला कि नाइजीरिया में दो बैंक खातों के माध्यम से बिनेंस नामक वेबसाइट के माध्यम से एक करोड़ रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया गया था. ऐसे में पुलिस ने एक विशेष टीम गठित कर छानबीन शुरू की. साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटर के आईपी पते के विश्लेषण से पता चला कि वे उत्तम नगर, दिल्ली से काम कर रहे थे.

विशेष रूप से, जांच में पुष्टि हुई कि नाइजीरियाई लुटेरों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके 32 फर्जी बैंक खाते बनाए और इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इसके बाद, उत्तम शहर में पुलिस ने सघन तलाशी ली और दो नाइजीरियाई, एग्ने गॉडविन और ऑगस्टाइन को गिरफ्तार किया. उन्होंने 8,000 रुपये में एक घर किराए पर लिया और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर ठगी की. गिरोह के बारे में जानकारी मिली है कि उन्होंने गुजरात राज्य सहकारी बैंक से भी साइबर हमले के जरिए पैसे लूटे हैं.

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इन दोनों साइबर लुटेरों को विशेष पुलिस द्वारा चेन्नई लाया गया. साइबर क्राइम पुलिस गिरफ्तार दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की योजना बना रही है. साथ ही पुलिस ने कहा कि हजारों की संख्या में नाइजीरियाई विभिन्न तरीकों से दिल्ली उत्तम नगर में प्रवेश कर रहे हैं और इस तरह की साइबर डकैतियां कर रहे हैं और दिन में बाहर नहीं निकल रहे हैं और रात में इस तरह के अपराध कर रहे हैं.

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Last Updated : Jan 13, 2023, 2:52 PM IST
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