हैदराबाद : केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट शुक्रवार को एक घंटे के लिए बंद कर दिया गया था. इसे लेकर बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. ट्विटर ने कहा कि उसने अमेरिकी कानून के तहत शिकायत मिली थी. इसलिए उसने कार्रवाई की. इस कानून का नाम है- डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (डीएमसीए). क्या है यह कानून, इसके बारे में जानते हैं.
इस कानून के बारे में जानने से पहले वर्तमान विवाद को समझें.
ट्विटर ने कहा कि रविशंकर प्रसाद का अकाउंट डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (डीएमसीए) के तहत शिकायत मिलने के बाद बंद किया गया था. कंपनी ने कहा कि उनके अकाउंट से जिन तथ्यों को ट्वीट किया गया था, उसको लेकर उनके पास शिकायत की गई थी.
यदि किसी भी यूजर को यह लगता है कि उसके तथ्यों की कॉपी की गई है, तो वह ट्विटर को डीएमसीए के तहत नोटिफाई कर सकता है. यह कॉपीराइट का विषय बन जाता है.
नोटिस मिलने के बाद ट्विटर उस सामग्री को हटा देता है. और यदि ऐसा बार-बार होता रहता है, तो उसका अकाउंट निलंबित कर दिया जाता है.
अब आइए समझते हैं क्या है डीएमसीए
यह अमेरिका का कॉपीराइट कानून है. 1998 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इसे कानून का स्वरूप दिया था. यह विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (intellectual property rights) की संधियों से जुड़ा हुआ है. किसी भी आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन या वाणिज्य में प्रयुक्त प्रतीक, नाम और चित्र की कॉपी करने पर इसके तहत कार्रवाई की जाती है. अगर गलत तरीके से इसका वितरण या निर्माण किया जाता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है.
संसदीय समिति भी नाराज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्विटर की ओर से केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट कुछ देर के लिए बंद किए जाने के बाद कहा कि उनके साथ भी ऐसा हुआ था और अब संसद की स्थायी समिति इस माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट से इसको लेकर स्पष्टीकरण मांगेगी. इस समिति के अध्यक्ष खुद शशि थरूर हैं.
कांग्रेस सांसद के मुताबिक, ट्विटर ने उनके एक ट्वीट को डिलीट कर दिया, क्योंकि इससे किसी जमाने में मशहूर रहे वोकल ग्रुप (संगीत समूह) ‘बोनी एम’ के गाने ‘रासपुतिन’ से संबंधित कॉपीराइट का मामला जुड़ा था. थरूर ने कहा कि एक पूरी प्रक्रिया के बाद उनका अकाउंट फिर से शुरू कर दिया गया.
ट्विटर और भारत सरकार का चल रहा विवाद
कुछ दिन पहले ही ट्विटर ने भारत में अपनी मध्यस्थ स्थिति गंवा दी है. इसका मतलब है कि अगर ट्विटर पर कोई भी गैर कानूनी सामग्री पोस्ट की जाती है, तो इसकी जवाबदेही उस यूजर के साथ-साथ ट्विटर की भी होगी. उसे जवाब देना पड़ेगा. उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी. इसके पहले उसे मध्यस्थ का दर्जा मिला था. यानी उस तथ्य के लिए सिर्फ यूजर को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता था.
ट्विटर बारबार यह कहता रहा है कि उसने अपने नियम बना रखे हैं. वह उन नियमों के आधार पर चलता है. भारत सरकार ने कहा है कि ट्विटर को भारत के कानून पालने करने ही होंगे. इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तनातनी का दौर चल रहा है.
पिछले सप्ताह ही ट्विटर ने उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट से ब्लूटिक हटा दिया था. विवाद बढ़ने पर इसे बहाल कर दिया गया.
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