वाराणसी: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर विवादित बयान को लेकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. गुरुवार को कोर्ट ने इस प्रकरण में थाने से पूरी सटीक आख्या देने के लिए कहा है. जिसके लिए कोर्ट ने 7 जनवरी की तारीख निर्धारित की है.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर विवादित टिप्पणी (Controversial statement in Gyanvapi case) करने पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस प्रकरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित करीब 2 हजार लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने की है. वाराणसी के एसीजेएम 5 कोर्ट के जज उज्जवल उपाध्याय की अदालत में इस मामले की सुनवाई की जा रही है. वहीं, 6 दिसंबर को कोर्ट ने सुनवाई में चौक थाने से इस मामले की रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट अधूरी पहुंचने की वजह से गुरुवार को कोर्ट ने इस प्रकरण में थाने से पूरी और सटीक जानकारी देने के लिए कहा है. जिसके लिए कोर्ट ने 7 जनवरी की डेट निर्धारित की गई है.
अधिवक्ता हरि शंकर पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने थाने की तरफ से आई आख्या रिपोर्ट को सही ना मानते हुए पूरी रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए कहा है. 7 जनवरी 2023 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी. बतादें, इस प्रकरण को पोषणीय मानते हुए कोर्ट (Gyanvapi case hearing in varanasi court) ने 15 नवंबर को इस याचिका को स्वीकार किया गया था. लेकिन लंबे समय से हो रही सुनवाई के बाद अब पूरा मामला थाने की रिपोर्ट पर टिका हुआ है. यह प्रार्थना पत्र अधिवक्ता हरि शंकर पांडेय ने ज्ञानवापी प्रकरण में गलत बयानबाजी करने पर अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ कोर्ट में दिया था. हरिशंकर पांडेय का कहना है कि दोनों नेताओं ने गलत बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है, जो उचित नहीं है.
उन्होंने लोकल स्तर पर वजूखाने में गंदगी फैलाने और धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में यहां पर आने वाले लोगों समेत अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के लोगों और अन्य के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. 15(3) के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हो रही है. जिस पर अब 7 जनवरी को अगली सुनवाई की तिथि कोर्ट ने मुकर्रर की है.
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