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कोरोना महामारी : कड़ाई से नियमों का पालन करें, 70 फीसदी मामले होंगे कम

मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा, तो 70 फीसदी तक कोरोना पर नियंत्रण लगाया जा सकता है. टीकाकरण और जांच की गति को बढ़ाने पर जोर दिए जाने की जरूरत है. ओवरऑल आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील और बेल्जियम के बाद भारत का स्थान है. स्थिति सचमुच में बहुत ही डरावनी होती जा रही है.

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Published : Apr 11, 2021, 2:35 PM IST

हैदराबाद : जिस तरह से वार करने से पहले शेर अपना कदम पहले पीछे खींचता है और फिर तेजी से हमला करता है, कोरोना महामारी अब वैसा ही होता जा रहा है. अमेरिका के बाद सबसे तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है. ओवरऑल आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील और बेल्जियम के बाद भारत का स्थान है. भारत के कुछ शहरों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है. नागपुर, भोपाल, इंदौर, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और वोडदरा में रात का कर्फ्यू लग चुका है. कर्फ्यू लगने वाले शहरों की संख्या बढ़ती जा रही है.

महाराष्ट्र में सप्तांत लॉकडाउन लग चुका है. रात का कर्फ्यू भी जारी है. उत्तर पूर्वी भारत को छोड़ दें, तो यह पूरे देश में कोरोना संक्रमण की गति जोर पकड़ती जा रही है. फ्रांस, बेल्जियम और इटली ने लॉकडाउन को फिर से लागू कर दिया है. अगर स्थिति बिगड़ी, तो भारत को भी इस पर गंभीरता से विचार करना होगा. राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर अविलंब कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है. अधिकांश मामले महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात से आ रहे हैं. अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब हो सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए. टीकाकरण जरूरी है. मास्क को लेकर जागरूकता अभियान जारी रखे जाने की जरूरत है.

पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था, तो पूरे देश की आर्थिक स्थिति लगभग चरमरा सी गई थी. करोड़ों लोगों की स्थिति दयनीय हो गई थी. 12 करोड़ शहरी लोगों का जीवनयापन चौपट हो गया था. 28 करोड़ ग्रामीण आबादी गरीबी रेखा के नीचे चली गई. प्रवासी मजदूरों की स्थिति के बारे में तो सब लोग जानते हैं.

अब ये कहा जा रहा है कि आने वाले दो महीनों में कोरोना का कहर बढ़ता ही रहेगा. मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में एहतियातन कदम उठाए जाने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि 70 फीसदी मामलों पर रोक लगाना संभव है, यदि वे मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हैं.

यह चेतवानी पहले ही दी जा चुकी है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति 400 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है.

अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसके लिए दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. कम से कम उनके 30 करीबियों की पहचान कर कम से कम तीन दिनों के लिए अलग रहने के लिए कहना चाहिए. सभी राज्यों को इस दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए. फिक्की ने अनुशंसा की है कि 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को भी टीकाकरण में शामिल करना चाहिए. टेस्टिंग और टीकाकरण दोनों की गति बढ़ानी होगी.

ये भी पढ़ें : बढ़ानी होगी टीकाकरण की गति

कोरोना वायरस के फैलने की गति को सजगता से ही रोका जा सकता है. अगर हर नागरिक बनाए गए नियमों का पालन करें, तो इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

हैदराबाद : जिस तरह से वार करने से पहले शेर अपना कदम पहले पीछे खींचता है और फिर तेजी से हमला करता है, कोरोना महामारी अब वैसा ही होता जा रहा है. अमेरिका के बाद सबसे तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है. ओवरऑल आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील और बेल्जियम के बाद भारत का स्थान है. भारत के कुछ शहरों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है. नागपुर, भोपाल, इंदौर, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और वोडदरा में रात का कर्फ्यू लग चुका है. कर्फ्यू लगने वाले शहरों की संख्या बढ़ती जा रही है.

महाराष्ट्र में सप्तांत लॉकडाउन लग चुका है. रात का कर्फ्यू भी जारी है. उत्तर पूर्वी भारत को छोड़ दें, तो यह पूरे देश में कोरोना संक्रमण की गति जोर पकड़ती जा रही है. फ्रांस, बेल्जियम और इटली ने लॉकडाउन को फिर से लागू कर दिया है. अगर स्थिति बिगड़ी, तो भारत को भी इस पर गंभीरता से विचार करना होगा. राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर अविलंब कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है. अधिकांश मामले महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और गुजरात से आ रहे हैं. अन्य राज्यों में भी स्थिति खराब हो सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर देना चाहिए. टीकाकरण जरूरी है. मास्क को लेकर जागरूकता अभियान जारी रखे जाने की जरूरत है.

पिछली बार जब लॉकडाउन लगा था, तो पूरे देश की आर्थिक स्थिति लगभग चरमरा सी गई थी. करोड़ों लोगों की स्थिति दयनीय हो गई थी. 12 करोड़ शहरी लोगों का जीवनयापन चौपट हो गया था. 28 करोड़ ग्रामीण आबादी गरीबी रेखा के नीचे चली गई. प्रवासी मजदूरों की स्थिति के बारे में तो सब लोग जानते हैं.

अब ये कहा जा रहा है कि आने वाले दो महीनों में कोरोना का कहर बढ़ता ही रहेगा. मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में एहतियातन कदम उठाए जाने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि 70 फीसदी मामलों पर रोक लगाना संभव है, यदि वे मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हैं.

यह चेतवानी पहले ही दी जा चुकी है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति 400 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है.

अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसके लिए दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. कम से कम उनके 30 करीबियों की पहचान कर कम से कम तीन दिनों के लिए अलग रहने के लिए कहना चाहिए. सभी राज्यों को इस दिशानिर्देश का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए. फिक्की ने अनुशंसा की है कि 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों को भी टीकाकरण में शामिल करना चाहिए. टेस्टिंग और टीकाकरण दोनों की गति बढ़ानी होगी.

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कोरोना वायरस के फैलने की गति को सजगता से ही रोका जा सकता है. अगर हर नागरिक बनाए गए नियमों का पालन करें, तो इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

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