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मिजोरम के युवाओं ने विकसित किया कॉन्टेक्ट-लैस ट्रेकिंग एप - पीडब्ल्यूडी एसेट ट्रैकिंग सिस्टम

कोविड महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बीच मिजोरम के चार प्रतिभाशाली युवाओं ने एक ऐसा एप विकसित किया, जो कॉन्टेक्ट-लैस ट्रेकिंग करता है. इस एप को प्ले स्टोर और एपस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.

एप विकसित करने वाले युवा
एप विकसित करने वाले युवा
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Published : Dec 24, 2020, 5:21 PM IST

आइजोल : जब देश कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन से गुजर रहा था, तब मिजोरम के चार प्रतिभाशाली युवाओं का एक समूह मोबाइल एप विकसित करने में व्यस्त था, जो यूजर्स को सरकार के साथ अपने घरों से आराम से व्यवसाय करने में मदद करेगा.

इस चार सदस्य टीम में जोरम्पुइया चौहंग, जो जामिया मिलिया इस्लामिया से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर कर रहे हैं, सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर कर रहे फ्रांसिस लालनुमाविया, कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से B.E कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र गोस्पल रामदीनमाविया और बिट्स पिलानी से एम टेक के छात्र एलन लल्हारियत्पुया शामिल हैं.

इन चारों ने सितंबर 2018 में लेलन कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की और इस साल की शुरुआत में हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान, मिजोरम सरकार के लिए कई मोबाइल एप मुफ्त में विकसित किए.

इस एप को उपयोगकर्ता में डीसी से कर्फ्यू पास लेने लिए उपयोग किया. इसके अलावा यह एप यूजर्स को राजस्व निदेशालय के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम की अनुमति देता है जो पशुधन किसानों को भोजन और दवाओं के लिए एएच एंड वैटी विभाग से जानकारी लेने की अनुमति देता है.

इसके अलावा उन्होंने पीडब्ल्यूडी एसेट ट्रैकिंग सिस्टम और पीडब्ल्यूडी कॉन्टेक्ट-लैंस अटेंडेंस सिस्टम जैसे एप्स के लिए राज्य के पीडब्ल्यूडी के साथ परियोजनाएं भी शुरू कीं.

इतना ही नहीं उन्होंने मिजोरम यूथ कमीशन के लिए ह्ना इनपुई (Hna Inpui) नामक एक वेब पोर्टल भी शुरू किया, जहां नौकरी की तलाश करने वाले और काम पर रखने के लिए कंपनियां खुद को रजिस्टर करते हैं.

वर्तमान में इस एप के 10,000 से अधिक उपयोगकर्ता हैं, लेकिन कोविड-19 के संबंध में यह उनके द्वारा विकसित किया गया सुल्हनु (Sulhnu) एप उनका सबसे महत्वपूर्ण एप है, जो एक कॉन्टेक्टलैस ट्रैकिंग एप है.

पढ़ें- बाइंग गाइड : जानिए एयर प्यूरीफायर के बारे में

यह एप नागरिकों को उनकी गतिविधियों और उनसे मिलने वालों पर नजर रखने में मदद करता है, जो जरूरत पड़ने पर कॉन्टेक्ट-लैस ट्रेकिंग के काम में सहायता करता है. मिजोरम में इसका 65,000 से अधिक उपयोगकर्ता हैं.

इस एप को प्ले स्टोर और एपस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. फोन नंबर के साथ इस पर रजिस्ट्रेशन होता है. इसके बाद यह QR कोड प्रिंट करता है और इसे घरों, दुकानों, कार्यालयों और वाहनों के प्रवेश पर चिपका दिया जाता है.

यह एक इनोवेटिव एप है, जो बिना किसी संपर्क के बिना लोगों की ट्रेकिंग करता है.

आइजोल : जब देश कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन से गुजर रहा था, तब मिजोरम के चार प्रतिभाशाली युवाओं का एक समूह मोबाइल एप विकसित करने में व्यस्त था, जो यूजर्स को सरकार के साथ अपने घरों से आराम से व्यवसाय करने में मदद करेगा.

इस चार सदस्य टीम में जोरम्पुइया चौहंग, जो जामिया मिलिया इस्लामिया से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर कर रहे हैं, सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर कर रहे फ्रांसिस लालनुमाविया, कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से B.E कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्र गोस्पल रामदीनमाविया और बिट्स पिलानी से एम टेक के छात्र एलन लल्हारियत्पुया शामिल हैं.

इन चारों ने सितंबर 2018 में लेलन कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की और इस साल की शुरुआत में हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान, मिजोरम सरकार के लिए कई मोबाइल एप मुफ्त में विकसित किए.

इस एप को उपयोगकर्ता में डीसी से कर्फ्यू पास लेने लिए उपयोग किया. इसके अलावा यह एप यूजर्स को राजस्व निदेशालय के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम की अनुमति देता है जो पशुधन किसानों को भोजन और दवाओं के लिए एएच एंड वैटी विभाग से जानकारी लेने की अनुमति देता है.

इसके अलावा उन्होंने पीडब्ल्यूडी एसेट ट्रैकिंग सिस्टम और पीडब्ल्यूडी कॉन्टेक्ट-लैंस अटेंडेंस सिस्टम जैसे एप्स के लिए राज्य के पीडब्ल्यूडी के साथ परियोजनाएं भी शुरू कीं.

इतना ही नहीं उन्होंने मिजोरम यूथ कमीशन के लिए ह्ना इनपुई (Hna Inpui) नामक एक वेब पोर्टल भी शुरू किया, जहां नौकरी की तलाश करने वाले और काम पर रखने के लिए कंपनियां खुद को रजिस्टर करते हैं.

वर्तमान में इस एप के 10,000 से अधिक उपयोगकर्ता हैं, लेकिन कोविड-19 के संबंध में यह उनके द्वारा विकसित किया गया सुल्हनु (Sulhnu) एप उनका सबसे महत्वपूर्ण एप है, जो एक कॉन्टेक्टलैस ट्रैकिंग एप है.

पढ़ें- बाइंग गाइड : जानिए एयर प्यूरीफायर के बारे में

यह एप नागरिकों को उनकी गतिविधियों और उनसे मिलने वालों पर नजर रखने में मदद करता है, जो जरूरत पड़ने पर कॉन्टेक्ट-लैस ट्रेकिंग के काम में सहायता करता है. मिजोरम में इसका 65,000 से अधिक उपयोगकर्ता हैं.

इस एप को प्ले स्टोर और एपस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. फोन नंबर के साथ इस पर रजिस्ट्रेशन होता है. इसके बाद यह QR कोड प्रिंट करता है और इसे घरों, दुकानों, कार्यालयों और वाहनों के प्रवेश पर चिपका दिया जाता है.

यह एक इनोवेटिव एप है, जो बिना किसी संपर्क के बिना लोगों की ट्रेकिंग करता है.

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