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कांग्रेस ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, राम माधव पर पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा लगाए गए आरोप की जांच कराने की मांग

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह भी किया है.

Pawan Khera Media chief of congress
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा
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Published : Apr 11, 2023, 5:28 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को पीएम से जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इस आरोप पर कार्रवाई करने का आग्रह किया कि आरएसएस के पदाधिकारी राम माधव ने अंबानी समूह से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हम पीएम को चुनौती देते हैं कि या तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करें या राम माधव के खिलाफ कार्रवाई करें, अगर मलिक के आरोप सही हैं.

उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी माधव से क्यों नहीं मिल रहे हैं. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान इस मामले में माधव का नाम लिया था और उन्होंने पहले भी बिना किसी का नाम लिए इस तरह का जिक्र किया था. खेड़ा ने कहा कि अक्टूबर 2021 में, सत्यपाल मलिक ने खुलासा किया था कि आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अंबानी समूह से संबंधित दो फाइलों को निपटाने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी.

उन्होंने कहा कि मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे और अक्टूबर 2021 में वे मेघालय के राज्यपाल थे. कांग्रेस मीडिया प्रमुख ने आगे कहा कि 2021 में मलिक के आरोपों के बाद, माधव ने स्वीकार किया था कि मलिक द्वारा संदर्भित व्यक्ति वह था और मेघालय के राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को दिए अपने इंटरव्यू में तीन बातें मानीं.

एक तो यह कि अगर उन्होंने दोनों फाइलों को स्वीकार कर लिया होता तो उन्हें 300 करोड़ रुपये मिल जाते. दूसरा यह कि एक हाइडल पावर प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलें और तीसरा एक बीमा कंपनी से जुड़ी बातें. खेड़ा ने कहा कि मैंने निजी बीमा बंद कर दिया और सीजीएचएस लागू कर दिया. मैंने कहा कि मैं बिल्कुल भी गलत काम नहीं करूंगा. इसमें दोष यह है कि सरकारी अधिकारियों को पैसा देना होगा और जो 4-5 अस्पताल इसमें चुने गए थे, वे बिल्कुल तीसरे दर्जे के अस्पताल थे.

खेड़ा के अनुसार तीसरी बात यह थी कि मलिक ने कहा कि राम माधव मुझसे व्यक्तिगत रूप से सुबह 7 बजे मिले थे और उन्होंने आकर इस सौदे की पैरवी की थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि सीबीआई ने अपने मुख्यालय में पूर्व राज्यपाल से खुले तौर पर पूछताछ की है, लेकिन श्री माधव को अभी तक क्यों नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई बार-बार विपक्षी नेताओं से पूछताछ या छापेमारी करती है लेकिन भाजपा नेताओं से क्यों नहीं. ये दोहरा मापदंड क्यों?

कांग्रेस नेता ने आगे पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदीजी कहते रहते हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रही है. राम माधव पर पहले भी बेहद गंभीर आरोप लग चुके हैं. अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह 'भ्रष्टों को बचाओ अभियान' नहीं है.' कांग्रेस नेता के अनुसार, सत्यपाल मलिक नई दिल्ली में एक निजी घर में रह रहे थे और जेड प्लस सुरक्षा कवर का अनुरोध करने के लिए केंद्र को दो पत्र लिखने के बावजूद उन्हें केवल एक निजी सुरक्षा अधिकारी दिया गया था.

पढ़ें: Sonia targets Modi Govt: सोनिया का बीजेपी पर बड़ा हमला, बोलीं- मोदी सरकार 'हर शक्ति का दुरूपयोग' करने पर तुली

खेड़ा ने कहा कि एक पूर्व राज्यपाल के लिए केवल 1 पीएसओ और पीएमओ अधिकारी के रूप में जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाली ठग किरण पटेल के लिए जेड प्लस सुरक्षा. कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि हालांकि केवल 37 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने 'एक खरीदो, एक मुफ्त पाओ' योजना की पेशकश की थी, जिसके तहत आरएसएस के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रियों के ओएसडी के रूप में तैनात किया गया था.

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को पीएम से जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के इस आरोप पर कार्रवाई करने का आग्रह किया कि आरएसएस के पदाधिकारी राम माधव ने अंबानी समूह से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हम पीएम को चुनौती देते हैं कि या तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करें या राम माधव के खिलाफ कार्रवाई करें, अगर मलिक के आरोप सही हैं.

उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी माधव से क्यों नहीं मिल रहे हैं. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान इस मामले में माधव का नाम लिया था और उन्होंने पहले भी बिना किसी का नाम लिए इस तरह का जिक्र किया था. खेड़ा ने कहा कि अक्टूबर 2021 में, सत्यपाल मलिक ने खुलासा किया था कि आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने अंबानी समूह से संबंधित दो फाइलों को निपटाने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी.

उन्होंने कहा कि मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे और अक्टूबर 2021 में वे मेघालय के राज्यपाल थे. कांग्रेस मीडिया प्रमुख ने आगे कहा कि 2021 में मलिक के आरोपों के बाद, माधव ने स्वीकार किया था कि मलिक द्वारा संदर्भित व्यक्ति वह था और मेघालय के राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी. खेड़ा के मुताबिक, मलिक ने सोमवार को दिए अपने इंटरव्यू में तीन बातें मानीं.

एक तो यह कि अगर उन्होंने दोनों फाइलों को स्वीकार कर लिया होता तो उन्हें 300 करोड़ रुपये मिल जाते. दूसरा यह कि एक हाइडल पावर प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलें और तीसरा एक बीमा कंपनी से जुड़ी बातें. खेड़ा ने कहा कि मैंने निजी बीमा बंद कर दिया और सीजीएचएस लागू कर दिया. मैंने कहा कि मैं बिल्कुल भी गलत काम नहीं करूंगा. इसमें दोष यह है कि सरकारी अधिकारियों को पैसा देना होगा और जो 4-5 अस्पताल इसमें चुने गए थे, वे बिल्कुल तीसरे दर्जे के अस्पताल थे.

खेड़ा के अनुसार तीसरी बात यह थी कि मलिक ने कहा कि राम माधव मुझसे व्यक्तिगत रूप से सुबह 7 बजे मिले थे और उन्होंने आकर इस सौदे की पैरवी की थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि सीबीआई ने अपने मुख्यालय में पूर्व राज्यपाल से खुले तौर पर पूछताछ की है, लेकिन श्री माधव को अभी तक क्यों नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई बार-बार विपक्षी नेताओं से पूछताछ या छापेमारी करती है लेकिन भाजपा नेताओं से क्यों नहीं. ये दोहरा मापदंड क्यों?

कांग्रेस नेता ने आगे पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदीजी कहते रहते हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रही है. राम माधव पर पहले भी बेहद गंभीर आरोप लग चुके हैं. अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यह 'भ्रष्टों को बचाओ अभियान' नहीं है.' कांग्रेस नेता के अनुसार, सत्यपाल मलिक नई दिल्ली में एक निजी घर में रह रहे थे और जेड प्लस सुरक्षा कवर का अनुरोध करने के लिए केंद्र को दो पत्र लिखने के बावजूद उन्हें केवल एक निजी सुरक्षा अधिकारी दिया गया था.

पढ़ें: Sonia targets Modi Govt: सोनिया का बीजेपी पर बड़ा हमला, बोलीं- मोदी सरकार 'हर शक्ति का दुरूपयोग' करने पर तुली

खेड़ा ने कहा कि एक पूर्व राज्यपाल के लिए केवल 1 पीएसओ और पीएमओ अधिकारी के रूप में जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाली ठग किरण पटेल के लिए जेड प्लस सुरक्षा. कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि हालांकि केवल 37 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने 'एक खरीदो, एक मुफ्त पाओ' योजना की पेशकश की थी, जिसके तहत आरएसएस के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रियों के ओएसडी के रूप में तैनात किया गया था.

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