बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि आरएसएस विरोधी दुष्प्रचार के कारण कांग्रेस हर जगह अपनी जमीन खो रही है तथा राज्य में भी यही होगा. बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस नेता हमेशा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरोध में रहे इसलिए वे संगठन के विरोध में बोलते हैं लेकिन लोग आरएसएस के बारे में भली भांति जानते हैं. उनके (कांग्रेस) आरएसएस विरोधी दुष्प्रचार के कारण हर जगह वे जमीन खो रहे हैं और कर्नाटक में भी यही होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस पिछले 75 वर्षों से देशभक्ति को प्रोत्साहित कर रहा है और लोकसेवा कर रहा है. बोम्मई ने कहा कि आरएसएस ने देश के विभिन्न भागों में अच्छा काम किया और आपदा के समय हमेशा लोगों की मदद की. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने एक सप्ताह पूर्व आरएसएस को निशाना बनाते हुए सवाल उठाया था कि क्या संगठन के लोग भारतीय मूल के हैं, द्रविड़ हैं या आर्य हैं. इस बयान पर भाजपा नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी.
राज्यसभा की चार सीट पर चुनाव के दौरान क्रॉस-वोटिंग की आशंका के बारे में पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा, 10 जून (चुनाव में मतदान की तारीख) तक इंतजार कीजिये. भाजपा ने तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कन्नड़ फिल्म अभिनेता से राजनीति में आए जग्गेश और लहर सिंह सिरोया को मैदान में उतारा है.
हालांकि कर्नाटक में भाजपा की दो सीटों पर जीत सुनिश्चित है लेकिन पार्टी तीसरी सीट जीतने की भी भरपूर कोशिश कर रही है. इसके लिए कांग्रेस और जद (एस) ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. तीसरी सीट के लिए खींचतान ने क्रॉस वोटिंग की अटकलों को जन्म दे दिया है.
वहीं, पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के विवाद को लेकर बोम्मई ने आरोप लगाया कि पाठ्यपुस्तक संशोधन को लेकर केवल राजनीति हो रही है. उन्होंने कहा कि राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश इसका जवाब देंगे. बता दें कि कर्नाटक सरकार ने विवाद में फंसने के बाद रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति को भंग कर दिया गया. इसके साथ ही सरकार को उन बुद्धिजीवियों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा जिन्होंने उन पर पाठ्यपुस्तकों का भगवाकरण करने का आरोप लगाया था.