नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि मैं मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अवलोकन का स्वागत करता हूं. यह बिल्कुल सही अवलोकन है लेकिन मेरा यह भी मानना है कि चुनाव आयोग इस संकट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है.
कहा कि चुनाव आयोग हमेशा भारत सरकार और संघ के साथ परामर्श के बाद निर्णय लेता है. इसलिए केंद्र सरकार भी समान रूप से जिम्मेदार है. दरअसल, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पहली पीठ ने राजनीतिक दलों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने से रोकने के लिए ईसीआई की आलोचना की.
उन्होंने यहां तक कहा कि ईसीआई पर गैर-जिम्मेदार व्यवहार के लिए हत्या का मुकदमा लगाया जाना चाहिए. अल्वी ने कहा कि संभवत: प्रधान न्यायाधीश ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का नाम लेने में संकोच किया. लेकिन वे सभी कोविड महामारी की दूसरी लहर के प्रसार के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने आगे कहा कि सैकड़ों भारतीयों ने अपनी जान गंवाई है.
हमने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह की स्थिति आएगी. बस सत्ता पाने के लिए इस सरकार ने लोगों को कयामत में धकेल दिया है. कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने भी इस मामले को लेकर इसी तरह के कटाक्ष किए है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि पूरा देश मद्रास हाईकोर्ट से सहमत है लेकिन सक्रिय लोगों को भी बुक किया जाना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी ट्वीट किया कि जब सभी दलों ने ईसी को शेष चरणों को एक साथ क्लब करने की गुहार लगाई तो ईसी और बीजेपी ने केवल शेड्यूल बनाने पर जोर दिया. भारतीय इसके लिए अपने जीवन का भुगतान कर रहे हैं.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा कि ईसीआई वायरस के प्रसार के लिए दोष से बच नहीं सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग दोनों ही स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.