नई दिल्ली : कांग्रेस ने 28 दिसंबर को नागपुर में पार्टी के स्थापना दिवस को मनाने का फैसला किया है. पार्टी इसके जरिए आरएसएस और भाजपा को संदेश देना चाहती है. नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय है. इसलिए कांग्रेस के इस फैसले के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.
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A massive rally in Nagpur on the foundation day of Indian National Congress 28th December will be organised.
— Shantanu (@shaandelhite) December 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Congress President Kharge Ji, Former Congress Presidents Sonia Gandhi Ji, Rahul Gandhi Ji and GS Priyanka Gandhi Ji will address the rally. pic.twitter.com/KjFAjVGDbw
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पार्टी सूत्रों ने बताया है कि पार्टी उस दिन नागपुर में एक बड़ी रैली का आयोजन करेगी, जिसे सोनिया गांधी भी संबोधित करेंगी. सोनिया के अलावा इस रैली को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा भी संबोधित करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी रैली में भाग लेंगे. सूत्रों ने बताया कि पार्टी अपनी पूरी ताकत का वहां पर प्रदर्शन करेगी.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ईटीवी भारत को बताया कि हमलोग इस साल कांग्रेस के स्थापना दिवस को जोरशोर से मनाएंगे.
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'कांग्रेस की स्थापना 1885 में मंबई में हुई थी. इसलिए पार्टी यहां पर बड़ी रैली का आयोजन करने जा रही है. वैसे तो इसके लिए मुंबई एक विकल्प था, लेकिन हमने इस बार नागपुर का चयन किया है. इसकी वजह यह है कि कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इच्छा. रैली का आयोजन नागपुर में हो, उनके लिए भौगोलिक रूप से यह नजदीक पड़ेगा.'
कांग्रेस इस रैली के जरिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकना चाहती है. इस रैली से पहले 19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की भी बैठक हो रही है. शुक्रवार को सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के उन 14 सांसदों के साथ सहानुभूति प्रकट की, जिन्हें सदन के भीतर 'हंगामा' करने की वजह से निलंबित कर दिया गया था. निलंबित हुए सांसदों में नौ कांग्रेस के, दो डीएमके के, दो सीपीएम के, एक सीपीआई और एक टीएमसी के सांसद शामिल हैं. ये सभी सांसद पीएम मोदी या फिर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे. इन्होंने संसद में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. यह घटना ठीक उस दिन हुई, जिस दिन 13 दिसंबर 2001 को आतंकियों ने संसद पर हमला किया था.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'यह पार्टी का एक कार्यक्रम है, इसलिए इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ना ठीक नहीं होगा. लेकिन इसमें पार्टी कार्यकारिणी के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे, इसलिए इसका राजनीतिक महत्व तो है. यह हमें चुनावी लाभ देगा. जहां तक आरएसएस का सवाल है, तो उनका मुख्यालय नागपुर में है, लेकिन शहर पर उनका असर नहीं है. वे यहां से देश भर में अपना संगठन चलाते हैं.'
नागपुर में तैयारियों का जायजा लेने के लिए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल पहुंचे. उन्होंने महाराष्ट्र के सीनियर लीडर्स के साथ बातचीत की और तैयारियों को लेकर कुछ निर्देश भी दिए. महाराष्ट्र के प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत को बतया कि आरएसएस और भाजपा को बताने की जरूरत है कि उनकी लाख कोशिशों के बावजूद देश कांग्रेस मुक्त नहीं हुआ है, यह वही आरएसएस है, जिसने अपने मुख्यालय पर दशकों तक तिरंगा नहीं फहराया.
कांग्रेस नेता आशीष दुआ ने कहा, 'राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस को लेकर बड़ा समर्थन बेस तैयार कर दिया था. हम शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगे. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं और हमारा गठबंधन अधिकांश सीटें जीतेगा. भाजपा ने भले ही शिवसेना और एनसीपी में टूट-फूट करवा दी हो, पर आमलोग अभी भी उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ खड़े हैं. आरएसएस और भाजपा के खिलाफ हमारा वैचारिक संघर्ष जारी रहेगा.'
क्या कांग्रेस स्थापना दिवस पर इंडिया गठबंधन के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा, इस पर चव्हाण ने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. लेकिन मुझे लगता है कि क्योंकि यह पार्टी का कार्यक्रम है, लिहाजा शायद ही उन्हें आमंत्रित किया जाए, यह पूरी तरह से कांग्रेस का प्रदर्शन होगा.
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