लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद अजय राय ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा भी शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में वह सबसे पहले पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी 23 जिलों व वहां की सभी 26 लोकसभा सीटों (Lok sabha election 2024) पर पार्टी की स्थिति का आकलन कर रहे हैं. पार्टी प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश अध्यक्ष ने पश्चिम में आने वाली सभी लोकसभा सीटों को लेकर बैठक की है. इसके साथ ही गठबंधन में कौन सी सीट साथी दल को दी जाए इस पर पार्टी के नेताओं व गठबंधन के साथियों के साथ चर्चा की है. विशेष तौर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय लोकदल और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की है. पार्टी नेताओं का कहना है कि 'सीटों का फार्मूला तय करने से पहले सभी दलों के साथ बैठक कर वहां के जातीय समीकरण और पिछले चुनाव के परिणामों की समीक्षा के बाद ही कौन सी सीट किस पार्टी को जाएगी यह तय किया जाएगा.'
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि 'हमने उत्तर प्रदेश को तीन भागों में बांटा है, जिसमें पश्चिम उत्तर, प्रदेश अवध प्रांत और पूर्वांचल है. इन तीनों भागों में आने वाली सभी लोकसभा सीटों को लेकर तैयारी की समीक्षा शुरू की गई है. प्रदेश के प्रभारी के साथ मिलकर हर प्रांत के अंदर आने वाली लोकसभा सीट की समीक्षा की जा रही है. हमारे गठबंधन के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की सभी सीट काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां पर बहुजन समाज पार्टी काफी ताकतवर है, वह हमारे गठबंधन में नहीं शामिल है, जबकि भाजपा से मुकाबला करने के लिए हमें यहां की सीटों पर अधिक फोकस करना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 'इंडिया' गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल से पहले हर एक सीट की गुणा भाग को समझा जा रहा है. जिससे चुनाव के समय सीट बंटवारे को लेकर आने वाले परेशानियों को कम किया जा सके.'
तैयार किया जा रहा है समीकरण : प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों के लिए अलग से समीकरण तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत लोकसभा सीट के जातीय समीकरण वहां की भौगोलिक स्थिति के अलावा कौन सा प्रत्याशी भाजपा से और गठबंधन से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं उनका भी आकलन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले हम हर एक सीट का अपना सर्वे तैयार कर रहे हैं. जिससे यह पता चल सके कि जिस पार्टी की खाते में जो भी लोकसभा सीट जा रही है वहां पर वह क्यों लड़ना चाहती है और वह अगर लड़ती है तो उसके जीत में कौन से प्रमुख कारण होंगे. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा का गठबंधन हुआ था. चुनाव के बाद यह आरोप लगे थे कि समाजवादी पार्टी को वह सीटें दे दी गईं, जिस पर वह कमजोर थी. 'इंडिया' गठबंधन में शामिल सभी दलों को वही सीटें लड़ने को दी जाएंगी जिस पर वह मजबूती से चुनाव लड़ सकती है.'