नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कक्षा 10 के सीबीएसई अंग्रेजी प्रश्न पत्र पर 'लिंग रूढ़िवादिता' को बढ़ावा देने और 'प्रतिगामी धारणाओं' का समर्थन करने के लिए सोमवार को स्पष्टीकरण देने की मांग की.
इससे पहले आज, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और इसे 'स्पष्ट रूप से स्त्री विरोधी' बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार से माफी मांगने की मांग की. उन्होंने कहा, 'मैं सरकार का ध्यान गत 11 दिसंबर को सीबीएसई की दसवीं कक्षा की परीक्षा के एक प्रश्नपत्र में आए एक अप्रिय और प्रतिगामी सोच वाले अपठित गद्यांश को लेकर देशभर में उपजे आक्रोश की ओर दिलाना चाहती हूं.' उन्होंने गद्यांश का उल्लेख करते हुए अंग्रेजी में उसके दो वाक्यों को भी उद्धृत किया जिनमें लिखा है, 'महिलाओं को स्वतंत्रता मिलना अनेक तरह की सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का प्रमुख कारण है.' और 'पत्नियां अपने पतियों की बात नहीं सुनती हैं जिसके कारण बच्चे और नौकर अनुशासनहीन होते हैं.'
इस मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'यह हमारे देश के लिए बदनामी की बात होगी. पूरे देश को इस घटना की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया लेकिन इस सरकार में किसी ने भी उनके बयान का जवाब नहीं दिया. इसलिए हमने वाकआउट किया.
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वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ईटीवी भारत से कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रधानमंत्री एक तरफ 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के बारे में बोलते हैं और दूसरी तरफ उनकी अपनी सरकार महिलाओं के लिए इस बहुत ही विरोधी सोच को कायम रखती है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में शिक्षा मंत्री सदन में उपस्थित रहें और स्पष्ट करें कि यह प्रश्न पत्र में कैसे दर्ज हुआ और मंत्रालय क्या कदम उठाएगा ताकि ऐसी गलतियां दोबारा न हों.
हालांकि सोनिया गांधी के संबोधन के तुरंत बाद सीबीएसई ने विवादास्पद पैराग्राफ को परीक्षा से हटाने का फैसला (CBSE drops misogynistic passage) लिया. सीबीएसई ने कहा है कि इस पैराग्राफ के बदले सभी छात्रों को पूर्ण अंक प्रदान किए जाएंगे.