नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सरकार की गलत प्राथमिकता और जनता के पैसे की बर्बादी करार दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा महामारी के दौरान सरकार की गलत प्राथमिकताओं का समर्थन और केंद्रीय विस्टा परियोजना को मंजूरी देना सार्वजनिक धन की अनावश्यक बर्बादी है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन समेत अन्य इमारतों के निर्माण को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पर्यावरण समिति की सिफारिशें सही हैं. निर्माण से पहले हेरिटेज कमेटी की मंजूरी लेनी होगी. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर आनंद शर्मा ने कहा कि ईंट की भव्य इमारत संसदीय लोकतंत्र को मजबूत नहीं करती है, बल्कि एक स्वस्थ कामकाजी संसद ही संविधान का निर्माण करती है और नागरिकों के अधिकारों का बचाव करती है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता व महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि 13,450 करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कोई कानूनी मुद्दा नहीं है. यह एक 'आत्ममुग्ध निरंकुश शासक' द्वारा इतिहास में मनमाने तरीके से अपना नाम दर्ज कराने की सनक में 'गलत प्राथमिकताओं' का ज्वलंत मामला है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विडंबना देखिए कि कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी के समय में सेंट्रल विस्टा के लिए ₹14,000 करोड़ और पीएम के लिए विमान खरीदने के लिए 8,000 करोड़ हैं, लेकिन वही भाजपा सरकार ने 113 लाख फौजियों और केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के भत्ते में 37,530 करोड़ की कटौती कर दी है.
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कांग्रेस पार्टी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का लगातार विरोध करती रही है. पार्टी का कहना है कि इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल उन वर्गों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, जो राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आर्थिक मंदी से प्रभावित हुए हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि नए संसद भवन का भूमिपूजन उस समय किया गया, जब यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित था. कोविड के दौरान सरकार ने सभी मंत्रालयों के बजट में 30 प्रतिशत की कटौती की है. इसलिए कांग्रेस यह मांग कर रही थी कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को टाल दिया जाए.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद केंद्र सरकार पर्यावरणीय मानदंडों का पालन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.