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'चूक' सुधारी या चुनाव के कारण वापस लिया ब्याज दरों पर फैसला : कांग्रेस

छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर फैसला वापस लेने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार काे स्थिति साफ करनी चाहिए कि आदेश करने में 'चूक' हुई थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे फैसला वापस लेना पड़ा.

कांग्रेस ने मांगा सरकार से जवाब
कांग्रेस ने मांगा सरकार से जवाब
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Published : Apr 1, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि दरें कम करने का आदेश करने में 'चूक' हुई थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे वापस लेना पड़ा.

छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी.

यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी. हालांकि, इसके जारी होने के 12 घंटे बाद ही आदेश वापस ले लिया और दावा किया कि यह एक 'ओवरसाइट' (चूक) है.

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला

राजीव शुक्ला ने प्रणब मुखर्जी का किया जिक्र

इस मामले पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा 'सरकार एक आदेश पारित करती है लेकिन चुनावों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय उसे तुरंत वापस ले लेता है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त है ऐसे में इस तरह के आदेश से आम लोगों के हित को खतरा होगा. क्योंकि भारत सरकार के लिए बचत से अर्थव्यवस्था हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है.'

उन्होंने प्रणब मुखर्जी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हमेशा इसके पक्ष में थे क्योंकि इससे सरकार धन एकत्र करती है, जबकि लोग बैंकों में जमा कर सुरक्षित महसूस करते हैं. तब इस धन का उपयोग विकासात्मक कार्य के लिए किया जाता है.'

उन्होंने कहा 'बचत अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए यह आदेश जारी किया गया, जिसका प्रतिकूल असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. चुनाव हो रहे हैं ऐसे में भाजपा का वोट कट सकता है, इसलिए इसे 'ओवरसाइट' कहकर आदेश वापस ले लिया.'

साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को ये गारंटी देनी चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 'हम मांग करते हैं कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस तिमाही के बाद इस आदेश के साथ क्या करने जा रहे हैं. सरकार की मंशा क्या है? क्या इसे स्थगित कर दिया गया है? या इसे रद्द कर दिया गया है या इसे अगली तिमाही में लागू किया जाएगा, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.'

यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग से संपर्क करने जा रही है, शुक्ला ने कहा, 'हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने के बारे में चर्चा करेंगे और यह तय करेंगे कि क्या किया जाना चाहिए.'

वहीं, राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ' कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है, वो गंभीर विषय है. इस मामले में निष्पक्ष जांच तभी हो सकती है जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा या फिर उन्हें हटाया जाए,'

प्रियंका ने भी साधा था निशाना

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया था कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद केंद्र सरकार अपना 'अनर्थशास्त्र' फिर से लागू करेगी.

उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, 'भारत सरकार की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के लिए आदेश जारी करने में 'चूक' हुई या फिर चुनावों की वजह से इन्हें वापस लेना पड़ा?'

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'कल रात में सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी. आज सुबह जब सरकार जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है. सुबह उठते ही सारा दोष 'ओवरसाइट' (चूक) शब्द पर मढ़ते हुए सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया.'

प्रियंका ने दावा किया, 'चुनाव है तो पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं. एक बार चुनाव जाने दीजिए भाजपा अपना अनर्थशास्त्र फिर से लागू करेगी.'

सुरजेवाला ने किया ट्वीट

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मैडम वित्त मंत्री, क्या आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? कोई भी इस स्थिति में अर्थव्यवस्था के चलने को लेकर कल्पना ही कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले फैसले को चूकवश जारी कर दिया जाए। यह आदेश किसने जारी किया?'

उन्होंने कहा, 'आपको वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है,'

शशि थरूर ने भी दी प्रतिक्रिया

सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'दुखद रूप से ये पूरा मामला सरकार की उस नाकामी को दर्शाता है कि कैसे बिना योजना के क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की है उम्मीद है कि जनता विरोधी फैसले लेने के कारण यहां और भी बदलाव होंगे.'

पढ़ें- यू-टर्न- लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेंगी, वित्त मंत्री ने दी जानकारी

दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में 2020-21 की अंतिम तिमाही वाली ब्याज दरें बनी रहेंगी. ओवरसाइट (चूक) से जारी किया गया आदेश वापस ले लिया जाएगा.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि दरें कम करने का आदेश करने में 'चूक' हुई थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे वापस लेना पड़ा.

छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी.

यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए की गई थी. हालांकि, इसके जारी होने के 12 घंटे बाद ही आदेश वापस ले लिया और दावा किया कि यह एक 'ओवरसाइट' (चूक) है.

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला

राजीव शुक्ला ने प्रणब मुखर्जी का किया जिक्र

इस मामले पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा 'सरकार एक आदेश पारित करती है लेकिन चुनावों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय उसे तुरंत वापस ले लेता है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. भारतीय अर्थव्यवस्था सुस्त है ऐसे में इस तरह के आदेश से आम लोगों के हित को खतरा होगा. क्योंकि भारत सरकार के लिए बचत से अर्थव्यवस्था हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रही है.'

उन्होंने प्रणब मुखर्जी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हमेशा इसके पक्ष में थे क्योंकि इससे सरकार धन एकत्र करती है, जबकि लोग बैंकों में जमा कर सुरक्षित महसूस करते हैं. तब इस धन का उपयोग विकासात्मक कार्य के लिए किया जाता है.'

उन्होंने कहा 'बचत अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए यह आदेश जारी किया गया, जिसका प्रतिकूल असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. चुनाव हो रहे हैं ऐसे में भाजपा का वोट कट सकता है, इसलिए इसे 'ओवरसाइट' कहकर आदेश वापस ले लिया.'

साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को ये गारंटी देनी चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 'हम मांग करते हैं कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस तिमाही के बाद इस आदेश के साथ क्या करने जा रहे हैं. सरकार की मंशा क्या है? क्या इसे स्थगित कर दिया गया है? या इसे रद्द कर दिया गया है या इसे अगली तिमाही में लागू किया जाएगा, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.'

यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग से संपर्क करने जा रही है, शुक्ला ने कहा, 'हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने के बारे में चर्चा करेंगे और यह तय करेंगे कि क्या किया जाना चाहिए.'

वहीं, राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ' कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ उच्च न्यायालय ने जो आदेश दिया है, वो गंभीर विषय है. इस मामले में निष्पक्ष जांच तभी हो सकती है जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा या फिर उन्हें हटाया जाए,'

प्रियंका ने भी साधा था निशाना

इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया था कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद केंद्र सरकार अपना 'अनर्थशास्त्र' फिर से लागू करेगी.

उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, 'भारत सरकार की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के लिए आदेश जारी करने में 'चूक' हुई या फिर चुनावों की वजह से इन्हें वापस लेना पड़ा?'

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'कल रात में सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी. आज सुबह जब सरकार जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है. सुबह उठते ही सारा दोष 'ओवरसाइट' (चूक) शब्द पर मढ़ते हुए सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया.'

प्रियंका ने दावा किया, 'चुनाव है तो पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं. एक बार चुनाव जाने दीजिए भाजपा अपना अनर्थशास्त्र फिर से लागू करेगी.'

सुरजेवाला ने किया ट्वीट

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मैडम वित्त मंत्री, क्या आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? कोई भी इस स्थिति में अर्थव्यवस्था के चलने को लेकर कल्पना ही कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले फैसले को चूकवश जारी कर दिया जाए। यह आदेश किसने जारी किया?'

उन्होंने कहा, 'आपको वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है,'

शशि थरूर ने भी दी प्रतिक्रिया

सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'दुखद रूप से ये पूरा मामला सरकार की उस नाकामी को दर्शाता है कि कैसे बिना योजना के क्रियान्वयन किया जा रहा है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की है उम्मीद है कि जनता विरोधी फैसले लेने के कारण यहां और भी बदलाव होंगे.'

पढ़ें- यू-टर्न- लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेंगी, वित्त मंत्री ने दी जानकारी

दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में 2020-21 की अंतिम तिमाही वाली ब्याज दरें बनी रहेंगी. ओवरसाइट (चूक) से जारी किया गया आदेश वापस ले लिया जाएगा.

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