हैदराबाद : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पार्टी को चुनावों में अपने लचर प्रदर्शन पर गौर करने की जरूरत है. एएनआई से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने पार्टी की स्थिति और देश में कोरोना से पैदा हुए मौजूदा हालात पर भी अपनी राय रखी.
सिब्बल ने कहा, हालिया चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी असम और केरल में पूरी तरह विफल रही. यहां तक कि पश्चिम बंगाल में पार्टी एक सीट भी नहीं जीत सकी. सिब्बल ने पार्टी को इस पर गौर करने को कहा है. गौरतलब है, चार राज्य और एक केंद्र-शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब रही है.
सिब्बल ने कहा कि वह पार्टी की स्थिति पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह उचित समय पर इस पर अपनी राय रखेंगे.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम इस पर अपने विचार पेश करेंगे, लेकिन अभी हर राजनीतिक दल के प्रत्येक नेता को जनता को कोरोना से बचाने के लिए काम करने की जरूरत है. उन्होंने देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, प्रधानमंत्री को इस बात का ऐलान करना चाहिए कि हम इस महामारी से जल्द उबर जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव एक अलग मुद्दा है. लेकिन अभी लोगों की जिंदगी का सवाल है.'
बता दें, सिब्बल ने कांग्रेस के जी-23 कैंप का सदस्य रहते हुए पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में संगठनात्मक सुधार की मांग की थी. उस वक्त उन्होंने कहा था कि चुनाव परिणाम आखिर चिंता का विषय हैं, लेकिन महामारी से निपटना पहली प्राथमिकता है. वहीं, कांग्रेस के जी-23 कैंप के अन्य सदस्यों में शामिल मनीष तिवारी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने ममता बनर्जी को जीत की बधाई दी है.
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पश्चिम बंगाल की नवनिवार्चित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कांग्रेस नेताओं के 'झांसी की रानी' कहने पर जब सिब्बल से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, जब आम चुनाव 2019 में बीजेपी ने चुनाव जीता था तो मैंने पीएम को बधाई दी थी. उन्हें 'झांसी की रानी' नहीं कह सकते बल्कि वह गोलियाथ थे. हमें जीतने वाले नेताओं को बधाई देनी चाहिए. केंद्र ने हर काम किया और चुनाव आयोग ने भी इसमें मदद की. इसके बावजूद, अगर ममता दो-तिहाई जीतती हैं, तो उन्हें झांसी की रानी कहना चाहिए.
बता दें, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 294 सीटों पर हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, बीजेपी को 77 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.