नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने राज्य इकाई के भीतर बढ़ते कलह से बचने के लिए 'सामूहिक नेतृत्व' में पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly elections) लड़ने के अपने रुख पर कायम रहने का फैसला किया है. बीते दिनों चर्चा था कि कांग्रेस पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने पर विचार कर रही है, जो वर्तमान में राज्य के सीएम हैं.
इस संबंध में पूछे जाने पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि पार्टी ने फिलहाल फैसला किया है कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में पंजाब में चुनाव लड़ेगी. वर्तमान में, चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और सीएम के रूप में, वह पूरे पंजाब में चुनाव प्रचार में भाग लेंगे.
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से बगावत के डर से कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, क्योंकि सिद्धू सोशल मीडिया पर अपने विचारों को प्रकट में करने में काफी मुखर रहे हैं. चौधरी ने कहा कि सिद्धू द्वारा उठाए गए हर मुद्दे को पार्टी गंभीरता से लेती है. उन्होंने कहा, 'पंजाब में कांग्रेस के तीन प्रमुख चेहरे हैं- चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ (अभियान समिति प्रमुख). मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 111 दिनों में जनकल्याण के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. 2022 में कांग्रेस निश्चित रूप से पिछले चुनावों की तुलना में अधिक सीटें जीतने जा रही है.'
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस का राज्य नेतृत्व पार्टी आलाकमान पर चन्नी को सीएम चेहरा घोषित करने के लिए दबाव बना रहा है. वहीं, पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चन्नी और सिद्धू दोनों को सीएम चेहरे के रूप में पेश कर रहा है. जबकि चन्नी ने दावा किया था कि सीएम चेहरे की घोषणा से पार्टी को चुनाव जीतने में मदद मिलेगी. सिद्धू ने कहा था कि यह पार्टी आलाकमान नहीं बल्कि पंजाब के लोग हैं जो सीएम का फैसला करेंगे.
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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'पंजाब में सीएम का चेहरा कौन होगा, इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा. लेकिन यह सच है कि चन्नी के सीएम बनने के बाद से पंजाब में खुशी का माहौल है. उन्होंने पंजाब के कल्याण के लिए कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं.'
पंजाब में एक ही चरण में 20 फरवरी को मतदान होगा, जबकि विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.