नई दिल्ली : कोरोना महामारी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की भारी कमी होने की खबरें सामने आई हैं. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) एम्स और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल समेत दिल्ली और हरियाणा के इलाकों में पांच मेडिकल ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना की जा रही है.
इसी बीच मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के फैसले में हुई देर को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि पूरे देश को अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति नहीं होने के कारण जानमाल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि 'दिल्ली एनसीआर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का निर्णय बहुत देर से किया गया है. हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी क्योंकि उन्हें समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल सका.' उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में दोषी किसे ठहराया जाना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली केंद्रीय चिकित्सा सेवा सोसाइटी देश के 14 राज्यों में जिला स्तर पर 162 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली थी, लेकिन उन्होंने इसके टेंडर में ही 8 महीने तक देरी कर दी. इसका जिम्मेदार कौन है ? भारत के लोगों को इसके लिए किसको दंड देना चाहिए? इस सवाल का जवाब तुरंत मिलना चाहिए.
इसीक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री 27 अप्रैल को बैंकॉक से 18 क्रायोजेनिक कंटेनर और फ्रांस से 21 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को आयात करने की योजना की घोषणा की थी. लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा यह दावा किए जाने के कुछ दिनों बाद भी केंद्र द्वारा कोटा के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान नहीं की जा रही है.
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इससे पहले, दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने 162 में से 140 संयंत्रों का ठेका दिया था, जिन्हें देश भर में स्थापित किया जाना था. यह ठेका एक ही व्यक्ति को दिया गया था जिसके भाग जाने से 162 में से 10 भी चालू नहीं हो सके.
उन्होंने कहा कि केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि हरियाणा राज्य सरकार ने भी बुधवार को घोषणा की थी कि केंद्र सरकार के समर्थन से राज्य में 60 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे. जबकि महाराष्ट्र सरकार ने अपने अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लगभग 300 प्रेशर स्विंग अडॉर्सनशन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना करने के लिए तैयार है. वहीं कोरोना की वजह से पूरे देश में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की जान चली गई. मंगलवार की रात को तमिलनाडु में 4 घंटे के अंदर 10 कोरोना मरीजों की मौत हो गई, क्योंकि अस्पताल को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल सकी. उसी दिन कर्नाटक में 7 कोविड रोगियों ने भी दम तोड़ दिया.
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अकेले दिल्ली के बत्रा अस्पताल में 12, गंगा राम अस्पताल में 25, जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 मरीजों की मौत हुई थी. वहीं उत्तराखंड में करीब 30 मिनट मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा होने की वजह से रुड़की के निजी अस्पताल में महिला सहित पांच कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया था.
इसीक्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुड़गांव में अस्पताल का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद 6 लोगों की मौत हो गई. उन्होंने ट्वीट किया, यह हत्या है. वहीं कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तमिलनाडु की घटना पर ट्वीट किया कि एक और दिन, सामूहिक हत्याएं ! यह नरसंहार कब खत्म होगा.