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राज्यसभा में मंत्रियों के कागजात नहीं रखने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति - keeping papers of ministers in Rajya Sabha

राज्यसभा में मंत्रियों द्वारा आधिकारिक दस्तावेज सदन के पटल पर नहीं रखे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आपत्ति जताई है.

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Published : Aug 5, 2021, 4:33 PM IST

नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में मंत्रियों द्वारा आधिकारिक दस्तावेज सदन के पटल पर नहीं रखे जाने पर बृहस्पतिवार को आपत्ति जताई.

चिदंबरम ने यह मुद्दा तब उठाया जब सुबह आसन ने संसदीय कार्य मंत्री वी मुरलीधरन को विभिन्न मंत्रियों के बदले आधिकारिक दस्तावेज रखने को कहा.

चिदंबरम ने कहा, हम समझ सकते हैं कि संसदीय मंत्री कभी-कभी अपने ऐसे सहयोगी मंत्री की ओर से दस्तावेज सदन के पटल पर रखते हैं जो किसी कारण से सदन में उपस्थित नहीं होते. लेकिन हम हर दिन देखते हैं कि संसदीय कार्य मंत्री आधा दर्जन मंत्रियों के बदले दस्तावेज सदन के पटल पर रखते हैं... हर दिन ऐसा हो रहा है, आप कैसे ऐसा कर सकते हैं.

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य आनंद शर्मा ने यह मामला बुधवार को भी उठाया था और सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा था कि संसदीय कार्य मंत्री को कोविड स्थिति के कारण अन्य मंत्रियों के बदले दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी गई है.

यह व्यवस्था पिछले सत्र में शुरू हुई जब कोविड-19 के कारण सदन के कामकाज के समय में कमी की गयी थी और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए विभिन्न दीर्घाओं के साथ लोकसभा में भी सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी. सदन में अब कामकाज के घंटे सामान्य हो गए हैं.

पढ़ें :- संसद में फिर उठा विपक्ष के बयानों पर 'रोक लगाने' का मुद्दा, मनोज झा ने कही ये बात

आनंद शर्मा ने बुधवार को कहा था कि नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित मंत्री दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे और विशिष्ट अनुमति के बाद ही एक मंत्री के बदले दूसरे मंत्री या संसदीय कार्य मंत्री दस्तावेज पेश रकेंगे. उन्होंने कहा कि जो मंत्री सदन में मौजूद हैं, उन्हें दस्तावेज पेश नहीं करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

इस पर नायडू ने कहा था कि आसन ने कोविड स्थिति के कारण संसदीय मामलों के मंत्री को अन्य मंत्रियों के बदले दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में मंत्रियों द्वारा आधिकारिक दस्तावेज सदन के पटल पर नहीं रखे जाने पर बृहस्पतिवार को आपत्ति जताई.

चिदंबरम ने यह मुद्दा तब उठाया जब सुबह आसन ने संसदीय कार्य मंत्री वी मुरलीधरन को विभिन्न मंत्रियों के बदले आधिकारिक दस्तावेज रखने को कहा.

चिदंबरम ने कहा, हम समझ सकते हैं कि संसदीय मंत्री कभी-कभी अपने ऐसे सहयोगी मंत्री की ओर से दस्तावेज सदन के पटल पर रखते हैं जो किसी कारण से सदन में उपस्थित नहीं होते. लेकिन हम हर दिन देखते हैं कि संसदीय कार्य मंत्री आधा दर्जन मंत्रियों के बदले दस्तावेज सदन के पटल पर रखते हैं... हर दिन ऐसा हो रहा है, आप कैसे ऐसा कर सकते हैं.

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य आनंद शर्मा ने यह मामला बुधवार को भी उठाया था और सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा था कि संसदीय कार्य मंत्री को कोविड स्थिति के कारण अन्य मंत्रियों के बदले दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी गई है.

यह व्यवस्था पिछले सत्र में शुरू हुई जब कोविड-19 के कारण सदन के कामकाज के समय में कमी की गयी थी और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए विभिन्न दीर्घाओं के साथ लोकसभा में भी सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी. सदन में अब कामकाज के घंटे सामान्य हो गए हैं.

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आनंद शर्मा ने बुधवार को कहा था कि नियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित मंत्री दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे और विशिष्ट अनुमति के बाद ही एक मंत्री के बदले दूसरे मंत्री या संसदीय कार्य मंत्री दस्तावेज पेश रकेंगे. उन्होंने कहा कि जो मंत्री सदन में मौजूद हैं, उन्हें दस्तावेज पेश नहीं करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

इस पर नायडू ने कहा था कि आसन ने कोविड स्थिति के कारण संसदीय मामलों के मंत्री को अन्य मंत्रियों के बदले दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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