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कांग्रेस के दो सांसद लोकसभा के भीतर धरने पर बैठे, जानिए मामला

कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 27, 2021, 7:53 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 9:58 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने सदन के भीतर धरना दिया.

लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न करीब चार बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद पंजाब के ये दोनों सांसद कृषि कानूनों को निरस्त करने के मुद्दे पर सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए.

कांग्रेस के दो सांसद लोकसभा के भीतर धरने पर बैठे

कांग्रेस के सदस्य केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. इन दोनों सांसदों ने करीब चार घंटे के बाद अपना धरना खत्म किया.

औजला ने बताया कि लोकसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि बुधवार को सदन में उनकी बात सुनी जाएगी, जिसके बाद दोनों सांसदों ने धरना खत्म कर दिया. उन्होंने कहा, 'अगर बुधवार को हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम फिर से सदन के भीतर ही धरने पर बैठ जाएंगे.'

औजला ने कहा, 'हम रोजाना कार्यस्थगन का नोटिस देते हैं, लेकिन हमें अनसुना कर दिया जाता है और हंगामे के बीच ही सरकारी कामकाज को पूरा कराया जाता है. यह उचित नहीं है. किसानों के मुद्दों पर चर्चा हो, तीनों कानून निरस्त किए जाएं, इसके बाद दूसरे काम होने चाहिए.'

पढ़ें :- वर्ष 2018 से 2020 तक नक्सलवादी घटनाओं में 625 लोगों की मौत हुई : सरकार

पेगासस और कृषि कानूनों समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.

गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने दावा किया था कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

हालांकि, इन दावों से इतर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

Pegasus Snooping से जुड़ी अन्य खबरें-

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

(एजेंसी इनपुट के साथ)

नई दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने सदन के भीतर धरना दिया.

लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न करीब चार बजकर 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद पंजाब के ये दोनों सांसद कृषि कानूनों को निरस्त करने के मुद्दे पर सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए.

कांग्रेस के दो सांसद लोकसभा के भीतर धरने पर बैठे

कांग्रेस के सदस्य केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. इन दोनों सांसदों ने करीब चार घंटे के बाद अपना धरना खत्म किया.

औजला ने बताया कि लोकसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि बुधवार को सदन में उनकी बात सुनी जाएगी, जिसके बाद दोनों सांसदों ने धरना खत्म कर दिया. उन्होंने कहा, 'अगर बुधवार को हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम फिर से सदन के भीतर ही धरने पर बैठ जाएंगे.'

औजला ने कहा, 'हम रोजाना कार्यस्थगन का नोटिस देते हैं, लेकिन हमें अनसुना कर दिया जाता है और हंगामे के बीच ही सरकारी कामकाज को पूरा कराया जाता है. यह उचित नहीं है. किसानों के मुद्दों पर चर्चा हो, तीनों कानून निरस्त किए जाएं, इसके बाद दूसरे काम होने चाहिए.'

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पेगासस और कृषि कानूनों समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.

गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने दावा किया था कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

हालांकि, इन दावों से इतर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Jul 27, 2021, 9:58 PM IST
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