नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घोषणा की कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सुखदेव सिंह ढींडसा की पार्टी के साथ गठबंधन में आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. कैप्टन के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद जसबीर सिंह गिल ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के उनके फैसले को 'राजनीतिक आत्महत्या' करार दिया है.
'ईटीवी भारत' से बात करते हुए जसबीर सिंह गिल ने कहा, 'कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बहुत ही अनुभवी व्यक्ति हैं, लेकिन मुझे कहना होगा कि पंजाब में भाजपा से हाथ मिलाना उनकी 'राजनीतिक आत्महत्या' का संकेत है. पंजाब के बहुत से किसान परिवारों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनों को खोया है, वह ये भूले नहीं हैं. वे भाजपा को कभी माफ नहीं करेंगे.'
उन्होंने कहा कि 'अगर हम अतीत में जाएं तो पंजाब में भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं था. यह अकाली ही थे जो पंजाब में भाजपा लाए थे. भाजपा ने अपने दोस्तों (अकाली दल) को भी नहीं छोड़ा, इसलिए अगर कैप्टन वहां जाएंगे, तो यह उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला है.'
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बनाई है. आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने दावा किया कि उनका उद्देश्य पंजाब विधानसभा चुनाव जीतना है और वह ऐसा करेंगे.
गिल ने आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आड़े हाथों लिया. केजरीवाल ने कथित रूप से पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को 'रेत चोर' कहकर निशाना साधा था. केजरीवाल ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि चन्नी ने मुफ्त बिजली देने का झूठा वादा किया, जिसका खुलासा खुद सिद्धू ने किया है.
'आप को 3-4 से ज्यादा सीटें नहीं मिलने वाली'
गिल ने कहा, 'मुझे लगता है कि केजरीवाल को पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन की एक झलक मिल गई है और इसलिए वह अपनी हताशा दिखा रहे हैं. वह कोई भी बयान दें लेकिन उन्हें पंजाब में 3-4 से अधिक सीटें नहीं मिलने वाली हैं.'
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी चुनावों में कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह का पार्टी पर असर पड़ेगा, कांग्रेस सांसद ने जवाब दिया, 'आप के सांसद, विधायक अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं. पंजाब में बहुत मेहनत करने वाले भगवंत मान को अपना अधिकार नहीं मिल रहा है इसलिए आप में आंतरिक संघर्ष है. यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल बयानों के माध्यम से अपनी निराशा दिखा रहे (Arvind Kejriwal showing his frustration) हैं.'
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