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MP: कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में दिग्विजय की एंट्री! भारत जोड़ो यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली हुए रवाना

क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद इस बार किसी गैर गांधी के जिम्मे जाएगा? क्या अशोक गहलोत ही होंगे गांधी परिवार की राईट च्वाइस? कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर लगाए जा रहे इन कयासों की बीच एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अचानक भारत जोड़ो यात्रा बीच में ही छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए हैं. क्या दिग्विजय का दिल्ली दौरा केवल सोनिया गांधी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए है? क्या दिग्विजय भी हैं कांग्रेस अध्यक्ष पद की मजबूत दावेदारी? Congress President Election, Congress Leader Digvijay Singh

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Published : Sep 22, 2022, 1:07 PM IST

भोपाल। दिग्विजय सिंह के अचानक भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर दिल्ली रवानगी ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं, वे कोच्चि से दिल्ली रवाना हुए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के मद्देनजर उनका ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. सियासी गलियारों में ये अटकलें हैं कि अशोक गहलोत के बाद दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं, हांलाकि चुनाव लड़ने को लेकर दिग्विजय सिंह ने अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं, मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा है कि, "सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, 30 सितम्बर तक तस्वीर साफ भी हो जाएगी." Congress President Election

दिग्विजय मजबूत दावेदार कैसे? कांग्रेस संगठन की मजबूती और पार्टी को दुबारा खड़ा करने में दिग्विजय जैसे चाणक्य की ही पार्टी को जरुरत है. दिग्विजय सिंह जमीनी नेता रहे हैं, मध्यप्रदेश में भी वे अकेले राजनेता हैं जिन्हें कार्यकर्ताओं के नाम मुंहजबानी याद हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले एमपी में दिग्विजय की संगत में पंगत के प्रयोग ने कांग्रेस को जमीनी मजबूती दी थी और उनकी निजी कही गई नर्मदा यात्रा से भी कांग्रेस में माहौल बना था. जानकारी ये भी है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी खाका उन्हीं ने तैयार किया है, क्योंकि उन्हें पदयात्राओं का अनुभव है. Congress Leader Digvijay Singh

विपक्ष की धार तेज करने दिग्विजय मुफीद: ट्वीटर से लेकर सड़क तक इस समय कांग्रेस में दिग्विजय सिंह ही वो नेता है, जो मोदी सरकार पर धारदार हमले जारी रखे हुए हैं. आरएसएस पर उनके हमले जगजाहिर हैं, सत्तर पार की उम्र में भी उनका जमीन पर उतरकर लड़ने का हौसला मजबूत है और कुशल रणनीतिकार तो वे हैं ही. यही वजह है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाधी ने राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर आंदोलन की जवाबदारी पार्टी में उन्हीं को सौंपी थी, इसी के साथ 9 सदस्यीय इस कमेटी का सदस्य भी दिग्विजय सिंह को बनाया गया था.

Congress President Election: नामांकन की चर्चा के बीच CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय

दिग्विजय की कनेक्टिविटी उनकी ताकत: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित कहते हैं कि, "दिग्विजय सिंह कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं, जिनकी रीच पार्टी में सबसे ज्यादा है और वे व्यवहार कुशल हैं. 10 साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान और उसके बाद केंद्र में महासचिव और अलग-अलग राज्यों का प्रभार संभालते समय उन्होंने जो संबंध बनाए वो अब भी जीवंत है. 76 साल की उम्र में भी पार्टी की एकदम नौजवान पीढ़ी तक वो सर्वसुलभ हैं, दिग्विजय से किसी भी स्तर पर बात कर सकते हैं. ये कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जो जोड़ी है, उससे कांग्रेस में केवल दिग्विजय सिंह ही हैं जो मुकाबला कर सकते हैं."

30 नामांकन की आखिरी तारीख: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है, 17 अक्टूबर को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 19 अक्टूरबर को की जाएगी.

भोपाल। दिग्विजय सिंह के अचानक भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर दिल्ली रवानगी ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं, वे कोच्चि से दिल्ली रवाना हुए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के मद्देनजर उनका ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. सियासी गलियारों में ये अटकलें हैं कि अशोक गहलोत के बाद दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार हो सकते हैं, हांलाकि चुनाव लड़ने को लेकर दिग्विजय सिंह ने अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं, मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा है कि, "सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, 30 सितम्बर तक तस्वीर साफ भी हो जाएगी." Congress President Election

दिग्विजय मजबूत दावेदार कैसे? कांग्रेस संगठन की मजबूती और पार्टी को दुबारा खड़ा करने में दिग्विजय जैसे चाणक्य की ही पार्टी को जरुरत है. दिग्विजय सिंह जमीनी नेता रहे हैं, मध्यप्रदेश में भी वे अकेले राजनेता हैं जिन्हें कार्यकर्ताओं के नाम मुंहजबानी याद हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले एमपी में दिग्विजय की संगत में पंगत के प्रयोग ने कांग्रेस को जमीनी मजबूती दी थी और उनकी निजी कही गई नर्मदा यात्रा से भी कांग्रेस में माहौल बना था. जानकारी ये भी है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का भी खाका उन्हीं ने तैयार किया है, क्योंकि उन्हें पदयात्राओं का अनुभव है. Congress Leader Digvijay Singh

विपक्ष की धार तेज करने दिग्विजय मुफीद: ट्वीटर से लेकर सड़क तक इस समय कांग्रेस में दिग्विजय सिंह ही वो नेता है, जो मोदी सरकार पर धारदार हमले जारी रखे हुए हैं. आरएसएस पर उनके हमले जगजाहिर हैं, सत्तर पार की उम्र में भी उनका जमीन पर उतरकर लड़ने का हौसला मजबूत है और कुशल रणनीतिकार तो वे हैं ही. यही वजह है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाधी ने राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर आंदोलन की जवाबदारी पार्टी में उन्हीं को सौंपी थी, इसी के साथ 9 सदस्यीय इस कमेटी का सदस्य भी दिग्विजय सिंह को बनाया गया था.

Congress President Election: नामांकन की चर्चा के बीच CM गहलोत का दिल्ली दौरा तय

दिग्विजय की कनेक्टिविटी उनकी ताकत: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अरुण दीक्षित कहते हैं कि, "दिग्विजय सिंह कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं, जिनकी रीच पार्टी में सबसे ज्यादा है और वे व्यवहार कुशल हैं. 10 साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान और उसके बाद केंद्र में महासचिव और अलग-अलग राज्यों का प्रभार संभालते समय उन्होंने जो संबंध बनाए वो अब भी जीवंत है. 76 साल की उम्र में भी पार्टी की एकदम नौजवान पीढ़ी तक वो सर्वसुलभ हैं, दिग्विजय से किसी भी स्तर पर बात कर सकते हैं. ये कहा जा सकता है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जो जोड़ी है, उससे कांग्रेस में केवल दिग्विजय सिंह ही हैं जो मुकाबला कर सकते हैं."

30 नामांकन की आखिरी तारीख: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है, 17 अक्टूबर को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 19 अक्टूरबर को की जाएगी.

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