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कांग्रेस का पलटवार, राज्यसभा सीट जाने के बाद आजाद को हुई दिव्य ज्ञान की प्राप्ति - Congress spokesperson Gourav Vallabh

गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व पर प्रहार करते हुए कहा था कि 'बीमार' कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज 'कम्पाउंडर' कर रहे हैं. उनके इस बयान पर पलटवार (congress hit back ghulam nabi azad) करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि इस तरह के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार से जनता के मुद्दों पर सवाल नहीं पूछ सके.

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कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
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Published : Aug 30, 2022, 3:55 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधे जाने के बाद मंगलवार को एक बार फिर उन पर पलटवार (congress hit back ghulam nabi azad) किया और कहा कि राज्यसभा की सीट पर संकट आने के बाद ही उन्हें उस दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई जो अब दे रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जम्मू-कश्मीर में आजाद के समर्थन में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए यह भी कहा कि इस केंद्रशासित प्रदेश में पार्टी मौजूद है और लोगों के मुद्दे उठा रही है.

उन्होंने आजाद पर प्रहार करते हुए संवाददाताओं से कहा, 'जो पार्टी से इस्तीफा देते हैं, पांच पन्नों के पत्र लिखते हैं, अंग्रेजी ऐसी लिखते हैं जैसे किसी अंग्रेज ने लिखा हो, उनसे यह सवाल यह है कि आपको 2021 से पहले यह दिव्य ज्ञान क्यों नहीं आया?' वल्लभ ने कहा, '2021 से पहले आपकी सीट सुरक्षित थी और आपका बंगला सुरक्षित था. जब सीट पर संकट आया तो दिव्य ज्ञान मिला.'

वल्लभ ने कहा कि चाहे ये लोग कुछ भी कर लें, लेकिन चार सितंबर को रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ ऐतिहासिक रैली होगी और सात सितंबर से कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो' यात्रा होगी. उन्होंने कहा, 'आजाद साहब को यह सूचित करना चाहते हैं कि राहुल गांधी चार सितंबर को रामलीला मैदान में रैली कर रहे हैं. सात सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेंगे. 150 दिनों तक राहुल गांधी देश के मुद्दों को उठाने और देश को जोड़ने का काम करेंगे.' उन्होंने यह दावा भी किया कि इस तरह के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार से जनता के मुद्दों पर सवाल नहीं पूछ सके.

यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 50 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

गौरतलब है कि राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा कार्यकाल फरवरी, 2021 में पूरा हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें उच्च सदन में नहीं भेजा. गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ लिया था. सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि 'बीमार' कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज 'कम्पाउंडर' कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनको निशाने पर लिया था और सवाल पूछा था कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं?

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधे जाने के बाद मंगलवार को एक बार फिर उन पर पलटवार (congress hit back ghulam nabi azad) किया और कहा कि राज्यसभा की सीट पर संकट आने के बाद ही उन्हें उस दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई जो अब दे रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जम्मू-कश्मीर में आजाद के समर्थन में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए यह भी कहा कि इस केंद्रशासित प्रदेश में पार्टी मौजूद है और लोगों के मुद्दे उठा रही है.

उन्होंने आजाद पर प्रहार करते हुए संवाददाताओं से कहा, 'जो पार्टी से इस्तीफा देते हैं, पांच पन्नों के पत्र लिखते हैं, अंग्रेजी ऐसी लिखते हैं जैसे किसी अंग्रेज ने लिखा हो, उनसे यह सवाल यह है कि आपको 2021 से पहले यह दिव्य ज्ञान क्यों नहीं आया?' वल्लभ ने कहा, '2021 से पहले आपकी सीट सुरक्षित थी और आपका बंगला सुरक्षित था. जब सीट पर संकट आया तो दिव्य ज्ञान मिला.'

वल्लभ ने कहा कि चाहे ये लोग कुछ भी कर लें, लेकिन चार सितंबर को रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ ऐतिहासिक रैली होगी और सात सितंबर से कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो' यात्रा होगी. उन्होंने कहा, 'आजाद साहब को यह सूचित करना चाहते हैं कि राहुल गांधी चार सितंबर को रामलीला मैदान में रैली कर रहे हैं. सात सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेंगे. 150 दिनों तक राहुल गांधी देश के मुद्दों को उठाने और देश को जोड़ने का काम करेंगे.' उन्होंने यह दावा भी किया कि इस तरह के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार से जनता के मुद्दों पर सवाल नहीं पूछ सके.

यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद के समर्थन में 50 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

गौरतलब है कि राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा कार्यकाल फरवरी, 2021 में पूरा हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें उच्च सदन में नहीं भेजा. गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ लिया था. सोमवार को उन्होंने अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि 'बीमार' कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज 'कम्पाउंडर' कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनको निशाने पर लिया था और सवाल पूछा था कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं?

(पीटीआई-भाषा)

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