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राजस्थान विवाद को लेकर कांग्रेस आलाकमान गंभीर : आचार्य प्रमोद - आचार्य प्रमोद

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासान के मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसको लेकर आलाकमान बहुत गंभीर है. इससे पहले कृष्णम ने सचिन पायलट से मुलाकात की. इस पर पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता नियामिका की रिपोर्ट..

आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम
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Published : Jun 14, 2021, 11:00 PM IST

नई दिल्ली : राजस्थान कांग्रेस में बढ़ते तनाव के बीच पायलट खेमा तेज होता जा रहा है, वहीं पार्टी आलाकमान इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. यह जानकारी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दी.

इससे पहले उन्होंने आज दिल्ली में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट से उनके आवास पर मुलाकात की थी. हालांकि आचार्य ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि किसी राजनीतिक मामले पर चर्चा नहीं हुई थी.

मीडिया से बात करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, मैं यहां सचिन पायलट का कुशलक्षेम पूछने आया था. मैं उनसे तब से नहीं मिला था जब से वह कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए थे.

पढ़ें - राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासान के बीच दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट

पायलट को उनके समर्थन के बारे में पूछे जाने पर, जैसा कि उन्होंने पहले पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था, आचार्य ने जवाब दिया, राजस्थान के लोग सचिन पायलट से प्यार करते हैं. साल 2018 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे.

देखें वीडियो

वहीं अन्य राज्यों में कमलनाथ और भूपेश बघेल को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के पद पर नियुक्त किया गया क्योंकि वे भी पीसीसी प्रमुख थे. लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम चेहरे के लिए चुना गया. इसके चलते राजस्थान में कुछ मुद्दे उठने लगे.

इसके बाद पार्टी आलाकमान की ओर से सचिन पायलट और अशोक गहलोत के दो गुटों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए कमेटी गठित की गई थी. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि जल्द ही कोई समाधान निकाल जाएगा क्योंकि पार्टी आलाकमान इस मामले को लेकर गंभीर है.

राजस्थान कांग्रेस के भीतर विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया में पार्टी ने सभी वर्गों के साथ उनके विचारों को जानने के लिए आंतरिक विचार-विमर्श तेज कर दिया था. साथ ही जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल की भी संभावना है.

पढ़ें - राजस्थान कांग्रेस में कलह पर बोले माकन, 'नहीं है कोई विद्रोह, पायलट से रोज हो रही बात'

हाल ही में जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस ने अपना एक युवा तुर्क नेता खो दिया है. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी आलाकमान द्वारा 'अनदेखा' महसूस करने के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी.

इस मामले पर ईटीवी भारत के सवाल का जवाब पर आचार्य प्रमोद ने कहा, सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक हैं. राजस्थान के लोग उन्हें प्यार करते हैं. वह कांग्रेस के स्तंभों में से एक हैं. उन्होंने कभी भी पार्टी या किसी कांग्रेसी के खिलाफ कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया है.

हाल ही में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने भी सभी अटकलों को खारिज कर दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट दलगत राजनीति से नाराज हैं, इस पर माकन ने कहा था कि वह पायलट के संपर्क में हैं और अगर वह नाराज हैं तो वे किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेंगे. माकन ने यह भी स्पष्ट किया था कि पार्टी में सभी पदों को भरने की कवायद चल रही है, चाहे वह कैबिनेट के लिए हो या अन्य पदों के लिए.

राम मंदिर भूमि घोटाले पर पीएम को जवाब देना चाहिए
आचार्य प्रमोद ने अयोध्या में अवैध भूमि सौदे पर राम मंदिर ट्रस्ट पर हाल के आरोपों पर कहा कि ट्रस्ट भारत सरकार द्वारा गठित किया गया था. यह बहुत गंभीर मुद्दा है कि इस ट्रस्ट पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं. इस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. यह हमारी आस्था और विश्वास से संबंधित है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट को प्रॉपर्टी डीलिंग का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए.

वहीं अयोध्या में अवैध भूमि सौदे पर समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित दो राजनीतिक दलों ने दावा किया था कि दो रियल एस्टेट डीलर कथित तौर पर 2 करोड़ रुपये में एक व्यक्ति से संपत्ति खरीद रहे हैं. और कुछ ही मिनटों के बाद इसे ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपये में बेच दिया गया.

नई दिल्ली : राजस्थान कांग्रेस में बढ़ते तनाव के बीच पायलट खेमा तेज होता जा रहा है, वहीं पार्टी आलाकमान इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. यह जानकारी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दी.

इससे पहले उन्होंने आज दिल्ली में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सचिन पायलट से उनके आवास पर मुलाकात की थी. हालांकि आचार्य ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि किसी राजनीतिक मामले पर चर्चा नहीं हुई थी.

मीडिया से बात करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, मैं यहां सचिन पायलट का कुशलक्षेम पूछने आया था. मैं उनसे तब से नहीं मिला था जब से वह कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए थे.

पढ़ें - राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासान के बीच दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट

पायलट को उनके समर्थन के बारे में पूछे जाने पर, जैसा कि उन्होंने पहले पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था, आचार्य ने जवाब दिया, राजस्थान के लोग सचिन पायलट से प्यार करते हैं. साल 2018 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे.

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वहीं अन्य राज्यों में कमलनाथ और भूपेश बघेल को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के पद पर नियुक्त किया गया क्योंकि वे भी पीसीसी प्रमुख थे. लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम चेहरे के लिए चुना गया. इसके चलते राजस्थान में कुछ मुद्दे उठने लगे.

इसके बाद पार्टी आलाकमान की ओर से सचिन पायलट और अशोक गहलोत के दो गुटों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए कमेटी गठित की गई थी. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि जल्द ही कोई समाधान निकाल जाएगा क्योंकि पार्टी आलाकमान इस मामले को लेकर गंभीर है.

राजस्थान कांग्रेस के भीतर विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया में पार्टी ने सभी वर्गों के साथ उनके विचारों को जानने के लिए आंतरिक विचार-विमर्श तेज कर दिया था. साथ ही जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल की भी संभावना है.

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हाल ही में जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस ने अपना एक युवा तुर्क नेता खो दिया है. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी आलाकमान द्वारा 'अनदेखा' महसूस करने के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी.

इस मामले पर ईटीवी भारत के सवाल का जवाब पर आचार्य प्रमोद ने कहा, सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक हैं. राजस्थान के लोग उन्हें प्यार करते हैं. वह कांग्रेस के स्तंभों में से एक हैं. उन्होंने कभी भी पार्टी या किसी कांग्रेसी के खिलाफ कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया है.

हाल ही में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने भी सभी अटकलों को खारिज कर दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या पायलट दलगत राजनीति से नाराज हैं, इस पर माकन ने कहा था कि वह पायलट के संपर्क में हैं और अगर वह नाराज हैं तो वे किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेंगे. माकन ने यह भी स्पष्ट किया था कि पार्टी में सभी पदों को भरने की कवायद चल रही है, चाहे वह कैबिनेट के लिए हो या अन्य पदों के लिए.

राम मंदिर भूमि घोटाले पर पीएम को जवाब देना चाहिए
आचार्य प्रमोद ने अयोध्या में अवैध भूमि सौदे पर राम मंदिर ट्रस्ट पर हाल के आरोपों पर कहा कि ट्रस्ट भारत सरकार द्वारा गठित किया गया था. यह बहुत गंभीर मुद्दा है कि इस ट्रस्ट पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं. इस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. यह हमारी आस्था और विश्वास से संबंधित है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट को प्रॉपर्टी डीलिंग का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए.

वहीं अयोध्या में अवैध भूमि सौदे पर समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी सहित दो राजनीतिक दलों ने दावा किया था कि दो रियल एस्टेट डीलर कथित तौर पर 2 करोड़ रुपये में एक व्यक्ति से संपत्ति खरीद रहे हैं. और कुछ ही मिनटों के बाद इसे ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपये में बेच दिया गया.

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