देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे कल घोषित होने वाले हैं. ऐसे में मतगणना से पहले कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों को लेकर प्लान तैयार किया है, पार्टी कुछ खास रणनीति के तहत इस बार अपने प्रत्याशियों पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस की यह रणनीति भाजपा के तोड़फोड़ अभियान को फेल करने के मकसद बनाई गए है. हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी दोनों की इस चुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं.
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने जहां सभी 13 जिलों में पर्यवेक्षक भेजे हैं. वहीं, प्रत्याशी के साथ एक सह पर्यवेक्षक की भी तैनाती की जा रही है. कांग्रेस का कहना है कि प्रत्याशियों को मतगणना के दौरान आने वाली दिक्कतों को दूर करने को लेकर यह प्लान बनाया गया है.
वहीं, हकीकत यह है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दलबदल को लेकर जिस तरह से बयान सामने आए हैं, उसके बाद कांग्रेस के नेता खासे चिंतित हैं. स्थिति यह है कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश के सभी 70 प्रत्याशियों को निगरानी में रखा है और मतगणना के दौरान उनके साथ अपना एक पर्यवेक्षक रखने का भी फैसला किया है. इतना ही नहीं जीत हासिल करने के बाद यह सभी प्रत्याशी पर्यवेक्षक के साथ देहरादून पहुंचेंगे. जिसके बाद इन्हें एक साथ किसी गोपनीय स्थान के लिए भेजा जाएगा.
इस मामले में कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव का कहना है कि हमें हमारे कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों पर पूरा भरोसा है. जिस तरह से मतदान के बाद परिस्थितियां बनी हैं और रुझान सामने आ रहे हैं. ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है. बीजेपी हमारे प्रत्याशियों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है. हम इस मामले की निगरानी कर रहे हैं. बहरहाल, उत्तराखंड की राजनीति में यह पहला मौका है जब कांग्रेस इस कदर अपने प्रत्याशियों को लेकर चिंतित है और इस इस तरह से प्रत्याशियों पर पार्टी ने अपनी निगरानी बढ़ाई है. हालांकि, कांग्रेस की इस चिंता को लेकर बीजेपी का अपना अलग ही जबाव है.
ये भी पढ़ें - चुनावी संग्राम : कल आएंगे नतीजे, यूपी पर टिकी सबकी निगाहें, ईटीवी भारत पर देखें रिजल्ट LIVE
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र भसीन कहते हैं कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस की चिंता बेवजह है. असल बात यह है कि कांग्रेस को अपने प्रत्याशियों पर ही यकीन नहीं है और पार्टी न जाने किस आकलन के तहत ऐसे हथकंडे अपना रही है.
बीजेपी के झंडों से हरक को लगा 'डर', कांग्रेस की जीत पर कही ये बड़ी बात
उत्तराखंड की जनता ने किसी पार्टी और प्रत्याशी पर विश्वास जताया है, इसका फैसला कल 10 मार्च को हो जाएगा. हालांकि, मतगणना से पहले सभी पार्टियों के नेता और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं. वहीं ऋषिकेश में पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत भी कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन उन्हें बीजेपी के झंडों ने उनकी चिंता बढ़ा रखी है. हरक सिंह रावत ने अपने इस चिंता की वजह भी बताई है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बुधवार को ऋषिकेश पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने ये बयान दिया. हरक सिंह रावत से जब 10 मार्च को आने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कांग्रेस इस बार जीत रही है. कांग्रेस 37 से 40 सीटें जीतकर सरकार बना रही है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनका आकलन आजतक गलत नहीं हुआ है, लेकिन इस बार कुछ अलग परिणाम आते हैं तो उन्हें भी सोचना पड़ेगा. हरक सिंह रावत ने कहा कि वो न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल से बिल्कुल भी सहमत नहीं है.
हरक सिंह रावत ने कहा कि अभी भी उन्हें दुकानों और घरों के बाहर बीजेपी के झंडे दिख रहे हैं, जिसको वो बीजेपी के पक्ष में कोई हल्का संदेश नहीं मानते. इसी झंडे वाले संकेत से उन्हें डर लगा रहा है कि कहीं फिर से बीजेपी तो सत्ता में नहीं आ रही, लेकिन बाकी के सभी समीकरण कांग्रेस के पक्ष में जा रहे हैं. हरक सिंह रावत का मानना है कि बीजेपी थोड़ी बहुत कहीं पर भी दिख रही है तो उसमें प्रधानमंत्री मोदी के नाम का योगदान है, इसको कोई नकार नहीं सकता है. हालांकि, ये अलग बात है कि इस बार 2014, 2017 और 2019 वाला पीएम मोदी का जादू नहीं चल रहा है.
ये भी पढ़ें - UP Assembly Polls: आई फैसले की घड़ी, उत्तर प्रदेश में सही होगा एग्जिट पोल या बदलेगी सत्ता
कांग्रेस ने बीजेपी पर जो परिणाम आने से पहले ही जोड़तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया है, उस पर हरक सिंह रावत ने कहा कि यदि बीजेपी अपनी जीत पूरा भरोसा कर रही है तो वो अभी से क्यों माथापच्ची में लग गई है. बीजेपी के नेता क्यों निर्दलीय प्रत्याशियों को फोन कर रहे हैं. रमेश पोखरियाल निशंक और कैलाश विजयवर्गीय सभी को फोन कर रहे हैं, ये बीजेपी का डर ही है. हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी को लग रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप केदारनाथ से और संजय डोभाल यमुनोत्री से जीत सकते हैं, इसलिए बीजेपी वालों ने उन पर अभी से डोरे डालने शुरू कर दिए हैं.
वहीं, अपनी बहू अनुकृति गुसाईं को जीत को लेकर भी हरक सिंह रावत आश्वस्त नजर आ रहे हैं. उनका मानना है कि लैंसडाउन विधानसभा सीट से अनुकृति कम से कम 5 हजार वोटों से जरूर जीतेंगी. हालांकि, यहां भी उन्हें पोस्ट बैलेट से थोड़ा डर लग रहा है कि कहीं वो बीजेपी के पक्ष में न चले जाएं.