नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र और गृहमंत्री अमित शाह के गृहराज्य गुजरात में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने ब्लॉक स्तर पर वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है. इस संबंध में कांग्रेस सेवादल के मुख्य आयोजक लालजी देसाई (Congress Seva Dal chief organizer Lalji Desai) ने बताया कि हमने गुजरात को एक विशेष मामले के रूप में लिया है. उन्होंने कहाकि हम चाहते हैं कि ब्लॉक स्तर पर कम से कम दो वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हों. इसके लिए हम युवाओं की पहचान कर रहे हैं और उन्हें पार्टी की विचारधारा में प्रशिक्षित कर रहे हैं. हम आने वाले दिनों में गुजरात के चार क्षेत्रों में चार और कार्यक्रम आयोजित करेंगे. उन्होंने कहा कि हम वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का एक समूह बनाना चाहते हैं और ब्लॉक स्तर से एक पिरामिड आकार की संरचना चाहते हैं. यह प्रक्रिया चलती रहेगी क्योंकि यह एक दीर्घकालिक प्रोजेक्ट है.
पहला प्रशिक्षण शिविर 3 मार्च को मेहसाणा जिले के मंदिरों के शहर बेचारजी में आयोजित किया गया था. देसाई के अनुसार, नया कार्यक्रम 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले शुरू किया गया है क्योंकि कांग्रेस गुजरात में संगठन को मजबूत करना चाहती है, जो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2022 के विधानसभा चुनावों में सबसे पुरानी पार्टी द्वारा अपना सबसे खराब प्रदर्शन दर्ज करने के महीनों बाद शुरू किया गया था. बता दें कि उस समय राज्य में पार्टी की संख्या 182 में से सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई थी. जबकि 2017 में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं. 2022 के परिणाम एआईसीसी के लिए एक झटके के रूप में आए थे, जिसने कहा था कि पार्टी के पास अभी भी गुजरात में 27 प्रतिशत वोट शेयर है, लेकिन नए नेतृत्व की पहचान करने और पूरे संगठन का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेवादल को प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के माध्यम से पार्टी की विचारधारा को जनता के बीच फैलाने का काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा, आजकल राजनीति में आने वाले लोग पार्टी में पद और चुनावी फायदे में ज्यादा रुचि रखते हैं. लेकिन हमें जमीन पर ठोस वैचारिक आधार वाले लोगों की जरूरत है, इसलिए प्रशिक्षण शिविर लगाकर युवा ब्लॉक स्तर पर स्थानीय लोगों के साथ काम करेंगे. देसाई के अनुसार, गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं जो कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य भर में पार्टी के संदेश देने की योजना प्रभावी नहीं रहीं. कमियां थीं जिसकी वजह से हम अपना संदेश ब्लॉक स्तर तक नहीं ले जा सके परंतु अब चुनौती यह करने की है.
सेवादल प्रमुख ने आगे कहा कि नवोदित आप, जिसने सबसे पुरानी पार्टी का 13 प्रतिशत वोट शेयर छीन लिया लेकिन शायद वह स्थानीय स्तर पर मौजूद थी, लेकिन फिर भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती थी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान हमने आप और भाजपा के स्थानीय स्तर के कार्यकर्ता सक्रिय थे. लेकिन हैरानी की बात यह है कि आप को उन जगहों पर भी वोट मिले जहां उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं था. उनका कोई संगठन नहीं था और ना कोई कार्यकर्ता था. इस बात पर सहमति जताते हुए कि 2024 के राष्ट्रीय चुनाव लोकप्रिय धारणा पर आधारित होंगे, सेवादल प्रमुख ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस अच्छी लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा, जब आप जमीन पर काम करते हैं और लोगों के पास जाते हैं तो चीजें बदली जा सकती हैं. हमने पहला कदम उठाया है.
ये भी पढ़ें - Congress protest against BJP Govt in Karnataka : प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पुलिस ने हिरासत में लिया