चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की अप्रत्याशित जीत ने सभी राजनीतक दलों को केवल पंजाब विधान सभा में ही मात नहीं दी है बल्कि सभी का राज्य सभा का खेल भी बिगाड़ दिया है. पंजाब की 7 राज्य सभा सीटों में से पांच पर 31 मार्च को चुनाव होने जा रहे हैं ( punjab Rajya Sabha elections). सभी पांच सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा होना तय है. फिलहाल इन पांच सीटों में से दो–दो पर कांग्रेस और अकाली दल और एक पर भाजपा का कब्ज़ा है. आगामी 9 अप्रैल 2022 को 5 सांसदों- सुखदेव सिंह ढींढसा, नरेश गुजराल, श्वेत मलिक, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुल्लो का 6 वर्षों का कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा. ये सभी मार्च, 2016 में निर्वाचित हुए थे.
पंजाब की निवर्तमान 15वीं विधानसभा, जिसका गठन 5 वर्ष पूर्व मार्च, 2017 में हुआ था, उसके सदस्य (विधायक ) इसकी अवधि पूरी होने तक एक भी राज्यसभा सदस्य (सांसद) का निर्वाचन कर देश की संसद के ऊपरी सदन में नहीं भेज पाए हैं जोकि संभवतः देश में पहली बार हुआ है. कम से कम कांग्रेस को इससे बड़ा नुकसान हुआ है.
पंजाब से राज्यसभा की सात सीटें हैं. इनमें से पांच पर चुनाव 31 मार्च को होगा, जिसके लिए 21 मार्च को नामांकन भरने शुरू होने हैं. कानूनी तौर पर आम आदमी पार्टी की सरकार भगवंत मान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने और विधायकों के विधानसभा में शपथ लेने के बाद ही बनेगी. आप के 92 उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है और कांग्रेस ने 18 सीटों पर जीत हासिल की हैं.
विधायकों की संख्या के लिहाज से आप की सभी पांच सीटों पर जीत लगभग तय है. पंजाब से बेशक पांच सीटों पर चुनाव है, लेकिन इनका चुनाव तीन और दो सीटों पर अलग-अलग होगा. संवैधानिक मामलों के माहिर एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि प्रदेश में 5 सीटों के लिए एक साथ नहीं, बल्कि 3 और 2 सीटों के लिए अलग-अलग चुनावी नोटिफिकेशन जारी कर राज्यसभा चुनाव करवाया जाएगा, क्योंकि उक्त सीटें अलग अलग द्विवार्षिक चुनावी चक्र की हैं. हेमंत कुमार ने बताया कि इसी वर्ष जुलाई, 2022 में पंजाब से राज्यसभा की 2 सीटें और रिक्त होंगी और विधानसभा में बहुमत के कारण वह भी आप जीतेगी. ऐसे में राज्यसभा में आप की सदस्य संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी.
किस–किस के सपने टूटे : पंजाब कांग्रेस से नाराज हिंदू नेता सुनील कुमार जाखड़ राज्यसभा के प्रबल दावेदार थे और मुख्यमंत्री पद मना करने के बाद उनके दलबदल की अटकलें लगने लगी थीं. लेकिन राहुल गांधी ने उनसे मामला सुलझा लिया, यह एक रहस्य है. लेकिन जाखड़ के करीबी सहयोगियों के मुताबिक वे राज्यसभा सीट के प्रबल दावेदार बन गए थे. ऐसे संकेत हैं कि कांग्रेस की केंद्रीय नेता अंबिका सोनी भी फिर से दावेदार थीं.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार, 15 वीं पंजाब विधानसभा, जिसकी पहली बैठक 24 मार्च 2017 को बुलाई गई थी, इसलिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 172 अनुसार उसका पांच वर्षो का कार्यकाल 23 मार्च 2022 तक था. लेकिन 10 मार्च 2022 को 16 वीं पंजाब विधानसभा के आम चुनावों के नतीजों बाद नई विधानसभा का गठन हो गया, इसलिए निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी द्वारा चुनावों में मिली पराजय के बाद उनके पद से त्यागपत्र देने के साथ समयपूर्व ही 15 वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल ने कर दी. राज्यपाल उपयुक्त नोटिफिकेशन जारी कर ऐसा कर देंगे.
कांग्रेस के हाथ से मौका निकला : 16 वीं पंजाब विधानसभा के आम चुनावों के नतीजों में आम आदमी पार्टी (आप ) ने प्रदेश की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 अर्थात तीन चौथाई से अधिक सीटें जीती हैं. हालांकि 15वीं पंजाब विधानसभा में कांग्रेस, जिसकी सदस्य संख्या 70 से ऊपर थी इसलिए वह 4 या संभवतः सभी 5 सीटें भी जीत सकती थी. क्योंकि उस विधासभा में विपक्ष में आप पार्टी और अकाली दल के विधायकों में किसी संयुक्त प्रत्याशी पर चुनावी तालमेल होने की सम्भावना न के बराबर थी.
15वीं विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या को देखते हुए ऐसा भी संभव हो सकता था कि अगर पांचो सीटों पर केवल कांग्रेस उम्मीदवार उतारती, तो मतदान करवाने की आवश्यकता ही न पड़ती एवं ऐसी परिस्थिति में नामांकन वापसी की अंतिम तिथि को ही रिटर्निंग अधिकारी कांग्रेसी उम्मीदवारों को राज्य सभा के लिए निर्वाचित घोषित कर सकते थे. नवगठित 16 वीं पंजाब विधानसभा में तो निश्चित तौर पर सभी सीटें ‘आप’ पार्टी ही जीतेगी.
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