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राहुल के बहाने क्या नुपूर प्रकरण से ध्यान हटाने में सफल हो गई भाजपा ?

कांग्रेस के नेता क्या ईडी द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ को लेकर आंदोलन कर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं या बीजेपी ने एक छोटी लकीर के बगल में बड़ी लकीर खींचकर नूपुर शर्मा की ओर से कांग्रेस का ध्यान हटा रही है. आइए जानें, इस मामले पर दोनों पार्टियों की रणनीति वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में...

कांग्रेस का आंदोलन
कांग्रेस का आंदोलन
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Published : Jun 16, 2022, 10:22 PM IST

नई दिल्ली : बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का मुद्दा कांग्रेस को ऐसे समय में मिला है, जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों के गृह क्षेत्र गुजरात में चुनाव है. वहीं, ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ कार्रवाई करनी ही पड़ी. हालांकि, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल ने अपने बयानों को लेकर सफाई दी थी. लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय में राहुल गांधी से पूछताछ के कारण कांग्रेस नूपुर शर्मा के मुद्दे को उछाल नहीं पा रही है.

प्रवर्तन निदेशालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ का दौर जारी है. इसके खिलाफ पार्टी के कार्यकर्ता पूरे देशभर में नारेबाजी और आंदोलन कर रहे हैं. देखा जाए तो नेशनल हेराल्ड मामले में फंसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम पर देशव्यापी आंदोलन कर कांग्रेस में जान फूंकने का प्रयास हो रहा है, लेकिन कांग्रेस का भ्रष्टाचार के नाम पर या जीएसटी, नोटबंदी, राफेल डील जैसे मुद्दों पर किया गया आंदोलन पहले भी कोई खास कारगर साबित नहीं हुए हैं.

साल 2014 के बाद कांग्रेस, बीजेपी के खिलाफ राफेल डील, महंगाई, नोटबंदी जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरी लेकिन इसका प्रभाव कोई खास नजर नहीं आया. कांग्रेस के हाथ पहली बार ऐसा मुद्दा लगा था जिस पर बीजेपी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सफाई देनी पड़ रही थी और भारत के राजनयिकों तक को अंतराष्ट्रीय मंच पर भी सफाई देनी पड़ी. इस बार कांग्रेस जनता से जुड़े इन मामलों को लेकर नहीं बल्कि अपने नेता के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन कर रही है.

वैसे देखा जाए तो यह स्थिति सबसे ज्यादा बीजेपी के लिए लाभदायक साबित हो रही है. कांग्रेस चाहती तो नूपुर शर्मा जैसे मामले को उछाल सकती थी, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से हो रही पूछताछ को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया, जिससे आम जनता बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हो पा रही है. ऐसे में कांग्रेस जिस तरह पार्टी के अंदर जान फूंकने की कोशिश कर रही है, कितना सफल हो पाएगी, यह कहना अभी मुश्किल है. बीजेपी भी भरसक यही प्रयास कर रही थी कि नूपुर मामले से लोगों का ध्यान हटाकर राहुल गांधी के मामले की ओर जाए और पार्टी की ये रणनीति काफी हद तक सफल भी होती नजर आई है. इस मुद्दे पर भी कांग्रेस को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं, चाहे वह भारत में घाटी का मामला हो या सैनिकों के संघर्ष की घटना हो, राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन हर बार बीजेपी ने इन मुद्दों पर ऐसा बचाव किया कि उल्टे ये मुद्दे राहुल पर ही भारी पड़ गए. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. कांग्रेस ने नूपुर शर्मा के मुद्दे पर अपनी सेक्युलर छवि को चमकाने की कोशिश तो की, लेकिन कांग्रेस अपने मुद्दे से भटक गई और बीजेपी ने उल्टे कांग्रेस के भ्रष्टाचार को सामने लाकर रख दिया, जिसमें एक बार फिर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है. हालांकि, यह एक सुनहरा मौका था जिसे कांग्रेस भली-भांति भूना सकती थी, क्योंकि 2014 के बाद ऐसा शायद ही हुआ हो कि पार्टी के किसी नेता को सस्पेंड करना पड़ा हो और किसी को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा हो. बावजूद इसके कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मात्र एक ट्वीट करके रस्म अदायगी की, लेकि बीजेपी ने राहुल के नेशनल हेराल्ड मुद्दे को देशव्यापी बना दिया.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला

इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 18 सालों से कांग्रेस राहुल गांधी को राजनीति के अंतरिक्ष में स्थापित करने की कोशिश कर रही है. लेकिन राहुल गांधी जैसा उपग्रह काफी वक्त से लांच होने की बजाय उल्टा कांग्रेस पर उल्का बनकर गिर जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार भी नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी के लिए सत्याग्रह कर जिस तरह से उन्हें लांच करने की कोशिश की जा रही है. राहुल गांधी नाम का उपग्रह एक बार फिर से कांग्रेस पर उल्का बनकर ही गिरेगा और कांग्रेस का ही विनाश करेगा. बहरहाल, आरोप-प्रत्यारोप की इस लड़ाई में एक बार फिर कांग्रेस पर बीजेपी हावी होती नजर आ रही है.

नई दिल्ली : बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का मुद्दा कांग्रेस को ऐसे समय में मिला है, जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों के गृह क्षेत्र गुजरात में चुनाव है. वहीं, ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ कार्रवाई करनी ही पड़ी. हालांकि, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल ने अपने बयानों को लेकर सफाई दी थी. लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को हाथ से जाने नहीं देना चाहती. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय में राहुल गांधी से पूछताछ के कारण कांग्रेस नूपुर शर्मा के मुद्दे को उछाल नहीं पा रही है.

प्रवर्तन निदेशालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ का दौर जारी है. इसके खिलाफ पार्टी के कार्यकर्ता पूरे देशभर में नारेबाजी और आंदोलन कर रहे हैं. देखा जाए तो नेशनल हेराल्ड मामले में फंसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम पर देशव्यापी आंदोलन कर कांग्रेस में जान फूंकने का प्रयास हो रहा है, लेकिन कांग्रेस का भ्रष्टाचार के नाम पर या जीएसटी, नोटबंदी, राफेल डील जैसे मुद्दों पर किया गया आंदोलन पहले भी कोई खास कारगर साबित नहीं हुए हैं.

साल 2014 के बाद कांग्रेस, बीजेपी के खिलाफ राफेल डील, महंगाई, नोटबंदी जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरी लेकिन इसका प्रभाव कोई खास नजर नहीं आया. कांग्रेस के हाथ पहली बार ऐसा मुद्दा लगा था जिस पर बीजेपी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सफाई देनी पड़ रही थी और भारत के राजनयिकों तक को अंतराष्ट्रीय मंच पर भी सफाई देनी पड़ी. इस बार कांग्रेस जनता से जुड़े इन मामलों को लेकर नहीं बल्कि अपने नेता के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन कर रही है.

वैसे देखा जाए तो यह स्थिति सबसे ज्यादा बीजेपी के लिए लाभदायक साबित हो रही है. कांग्रेस चाहती तो नूपुर शर्मा जैसे मामले को उछाल सकती थी, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी से हो रही पूछताछ को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया, जिससे आम जनता बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हो पा रही है. ऐसे में कांग्रेस जिस तरह पार्टी के अंदर जान फूंकने की कोशिश कर रही है, कितना सफल हो पाएगी, यह कहना अभी मुश्किल है. बीजेपी भी भरसक यही प्रयास कर रही थी कि नूपुर मामले से लोगों का ध्यान हटाकर राहुल गांधी के मामले की ओर जाए और पार्टी की ये रणनीति काफी हद तक सफल भी होती नजर आई है. इस मुद्दे पर भी कांग्रेस को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं, चाहे वह भारत में घाटी का मामला हो या सैनिकों के संघर्ष की घटना हो, राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं, लेकिन हर बार बीजेपी ने इन मुद्दों पर ऐसा बचाव किया कि उल्टे ये मुद्दे राहुल पर ही भारी पड़ गए. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. कांग्रेस ने नूपुर शर्मा के मुद्दे पर अपनी सेक्युलर छवि को चमकाने की कोशिश तो की, लेकिन कांग्रेस अपने मुद्दे से भटक गई और बीजेपी ने उल्टे कांग्रेस के भ्रष्टाचार को सामने लाकर रख दिया, जिसमें एक बार फिर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है. हालांकि, यह एक सुनहरा मौका था जिसे कांग्रेस भली-भांति भूना सकती थी, क्योंकि 2014 के बाद ऐसा शायद ही हुआ हो कि पार्टी के किसी नेता को सस्पेंड करना पड़ा हो और किसी को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा हो. बावजूद इसके कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मात्र एक ट्वीट करके रस्म अदायगी की, लेकि बीजेपी ने राहुल के नेशनल हेराल्ड मुद्दे को देशव्यापी बना दिया.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला

इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 18 सालों से कांग्रेस राहुल गांधी को राजनीति के अंतरिक्ष में स्थापित करने की कोशिश कर रही है. लेकिन राहुल गांधी जैसा उपग्रह काफी वक्त से लांच होने की बजाय उल्टा कांग्रेस पर उल्का बनकर गिर जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार भी नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी के लिए सत्याग्रह कर जिस तरह से उन्हें लांच करने की कोशिश की जा रही है. राहुल गांधी नाम का उपग्रह एक बार फिर से कांग्रेस पर उल्का बनकर ही गिरेगा और कांग्रेस का ही विनाश करेगा. बहरहाल, आरोप-प्रत्यारोप की इस लड़ाई में एक बार फिर कांग्रेस पर बीजेपी हावी होती नजर आ रही है.

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