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मणिपुर कांग्रेस की चुनाव आयोग से 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

मणिपुर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग से 12 सत्ताधारी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की. इन विधायकों को भाजपा सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने किया. पढ़ें विस्तार से...

मणिपुर विधानसभा
मणिपुर विधानसभा
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Published : Dec 23, 2020, 8:47 PM IST

नई दिल्ली : मणिपुर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग से 12 सत्ताधारी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की. इन विधायकों को भाजपा सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने किया. इस दौरान उनके साथ मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंददास कोन्थौजम और अन्य विधायक मौजूद थे.

मीडिया को संबोधित करते हुए भक्त चरण दास ने कहा, 'हम 12 विधायकों की अयोग्यता मामले को लेकर आज चुनाव आयोग से मिले. चुनाव आयोग इस मामले पर कार्रवाई कर रहा है. मणिपुर के उच्च न्यायालय ने विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने का आदेश दिया है. इन विधायकों को लाभ के पद के आधार पर संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.'

मीडिया को जानकारी को देते मणिपुर कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास

उन्होंने आगे बताया, 'कांग्रेस ने राज्यपाल से उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अपील की थी। मणिपुर के राज्यपाल आयोग की अनुमति के लिए रुक गए. चुनाव आयोग इस मामले की जांच कर रहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि जल्द से जल्द उचित निर्णय लेंगे.'

2018 में चार लोगों द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कांग्रेस पार्टी के दो विधायक शामिल थे. इस याचिका में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने और साथ ही अधिनियम को रद्द करने की मांग की गई थी.

यह भी पढ़ें-विशेष : पेचीदा होती जा रही है मणिपुर की राजनीति

बता दें, सितंबर में, मणिपुर के उच्च न्यायालय ने मणिपुर संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन और भत्ते और विविध प्रावधान) अधिनियम, 2012 और मणिपुर संसदीय (नियुक्ति, वेतन और भत्ते और विविध प्रावधान) निरस्तीकरण अधिनियम, 2018 को अमान्य और असंवैधानिक घोषित किया था.

नई दिल्ली : मणिपुर कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग से 12 सत्ताधारी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की. इन विधायकों को भाजपा सरकार ने संसदीय सचिव नियुक्त किया था. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने किया. इस दौरान उनके साथ मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंददास कोन्थौजम और अन्य विधायक मौजूद थे.

मीडिया को संबोधित करते हुए भक्त चरण दास ने कहा, 'हम 12 विधायकों की अयोग्यता मामले को लेकर आज चुनाव आयोग से मिले. चुनाव आयोग इस मामले पर कार्रवाई कर रहा है. मणिपुर के उच्च न्यायालय ने विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने का आदेश दिया है. इन विधायकों को लाभ के पद के आधार पर संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.'

मीडिया को जानकारी को देते मणिपुर कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास

उन्होंने आगे बताया, 'कांग्रेस ने राज्यपाल से उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अपील की थी। मणिपुर के राज्यपाल आयोग की अनुमति के लिए रुक गए. चुनाव आयोग इस मामले की जांच कर रहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि जल्द से जल्द उचित निर्णय लेंगे.'

2018 में चार लोगों द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कांग्रेस पार्टी के दो विधायक शामिल थे. इस याचिका में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने और साथ ही अधिनियम को रद्द करने की मांग की गई थी.

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बता दें, सितंबर में, मणिपुर के उच्च न्यायालय ने मणिपुर संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन और भत्ते और विविध प्रावधान) अधिनियम, 2012 और मणिपुर संसदीय (नियुक्ति, वेतन और भत्ते और विविध प्रावधान) निरस्तीकरण अधिनियम, 2018 को अमान्य और असंवैधानिक घोषित किया था.

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