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पश्चिम बंगाल चुनाव : टीएमसी का कांग्रेस और लेफ्ट को साथ आने का न्योता

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Published : Jan 15, 2021, 4:51 PM IST

पश्चिम बंगाल में अप्रैल और मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. राज्य में भाजपा की बढ़ती पकड़ को देखते हुए सत्तारूढ़ टीएमसी ने कांग्रेस और वाम दलों को साथ आने को कहा है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि टीएमसी को कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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टीएमसी कांग्रेस

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और वाम दलों के एक साथ चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया दी है. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए कहा कि केवल तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ मजबूती से लड़ रही है. अगर वाम दल और कांग्रेस वास्तव में भाजपा विरोधी हैं तो उन्हें टीएमसी के साथ आना चाहिए.

वहीं, टीएमसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि टीएमसी को एहसास हो गया है कि बिना कांग्रेस के वह चुनाव में टिक नहीं पाएगी. कांग्रेस की मदद से टीएमसी सत्ता में आई थी, लेकिन उसके बाद कांग्रेस को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कांग्रेस सांसद चौधरी ने कहा कि टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट जैसे धर्मनिरपेक्ष दलों को कमजोर किया, जिसके कारण भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी राज्य में मजबूत हुई.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम दलों के साथ लड़ेगी कांग्रेस

चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी को कांग्रेस में आ जाना चाहिए, क्योंकि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यदि टीएमसी नेता ऐसा महसूस कर सकते हैं, तो उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में भाजपा विरोधी गुट में शामिल होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा और उसके पूर्वजों का सामना करके देश में 100 साल तक धर्मनिरपेक्षता को बरकरार रखा था.

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और वाम दलों के एक साथ चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया दी है. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए कहा कि केवल तृणमूल कांग्रेस ही भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ मजबूती से लड़ रही है. अगर वाम दल और कांग्रेस वास्तव में भाजपा विरोधी हैं तो उन्हें टीएमसी के साथ आना चाहिए.

वहीं, टीएमसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि टीएमसी को एहसास हो गया है कि बिना कांग्रेस के वह चुनाव में टिक नहीं पाएगी. कांग्रेस की मदद से टीएमसी सत्ता में आई थी, लेकिन उसके बाद कांग्रेस को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कांग्रेस सांसद चौधरी ने कहा कि टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट जैसे धर्मनिरपेक्ष दलों को कमजोर किया, जिसके कारण भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी राज्य में मजबूत हुई.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम दलों के साथ लड़ेगी कांग्रेस

चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी को कांग्रेस में आ जाना चाहिए, क्योंकि भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यदि टीएमसी नेता ऐसा महसूस कर सकते हैं, तो उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व में भाजपा विरोधी गुट में शामिल होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा और उसके पूर्वजों का सामना करके देश में 100 साल तक धर्मनिरपेक्षता को बरकरार रखा था.

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